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प्रमुख सचिव समेत बेसिक शिक्षा के आला अधिकारियों के खिलाफ अवमानना मामले में आरोप तय - Director Sudha Singh

लखनऊ हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव समेत बेसिक शिक्षा के आला अधिकारियों के खिलाफ अवमानना मामले में आरोप किया है. न्यायालय ने आरोपों पर जवाब देने के लिए तीनों अधिकारियों को दो सप्ताह का समय दिया है.

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लखनऊ हाईकोर्ट
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Published : Feb 8, 2023, 10:00 PM IST

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अवमानना के एक मामले में बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार, सचिव प्रताप सिंह बघेल और निदेशक सुधा सिंह के खिलाफ आरोप तय किए हैं. न्यायालय ने आरोपों पर जवाब देने के लिए तीनों अधिकारियों को दो सप्ताह का समय दिया है. मामले की अगली सुनवाई 23 फरवरी को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति इरशाद अली की एकल पीठ ने मान्यता प्राप्त टीचर्स एसोसिएशन व अन्य की याचिका पर पारित किया.

याचियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एलपी मिश्रा व रवि कुमार मिश्रा की दलील थी कि इन अधिकारियों ने कोर्ट के 14 फरवरी 2013 व 30 जुलाई 2014 के आदेशों की अवहेलना की है और जानबूझ कर रिट कोर्ट के आदेश का पिछले दस साल से अनुपालन नहीं कर रहे हैं. रिट कोर्ट के आदेशों में कोर्ट ने कुछ याचियों को बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राइमरी स्कूलों में बतौर सहायक शिक्षक समायोजित करने पर विचार करने के कहा था. अवमानना याचिका का राज्य सरकार के अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता रणविजय सिंह व पंकज खरे ने विरोध किया. उनकी ओर से दलील दी गई कि याचीगण नियुक्ति पाने के अधिकारी नहीं हैं.

हालांकि न्यायालय ने उनकी दलीलों को खारिज कर दिया. न्यायालय ने कहा कि रिट कोर्ट के आदेश को न मानकर ये अधिकारी न्याय प्रशासन में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं. न्यायालय ने कहा है कि तीनों अधिकारियों ने कोर्ट के आदेश की जानबूझकर नाफरमानी किया है, जिससे कोर्ट के सम्मान को ठेस पहुंची है. न्यायालय ने अधिकारियों के खिलाफ जारी आरोप पत्र में कहा है कि आप प्रमुख सचिव दीपक कुमार, सचिव प्रताप सिंह बघेल और निदेशक सुधा सिंह आपके समक्ष जब याची इस कोर्ट के आदेश की प्रति लेकर गए तो आपने आदेश का अनुपालन नहीं किया.

पढ़ेंः Deputy Chief Engineer Bail Rejected : रेलवे के डिप्टी चीफ इंजीनियर की जमानत अर्जी खारिज, रिश्वत लेने का है आरोप

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अवमानना के एक मामले में बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार, सचिव प्रताप सिंह बघेल और निदेशक सुधा सिंह के खिलाफ आरोप तय किए हैं. न्यायालय ने आरोपों पर जवाब देने के लिए तीनों अधिकारियों को दो सप्ताह का समय दिया है. मामले की अगली सुनवाई 23 फरवरी को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति इरशाद अली की एकल पीठ ने मान्यता प्राप्त टीचर्स एसोसिएशन व अन्य की याचिका पर पारित किया.

याचियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एलपी मिश्रा व रवि कुमार मिश्रा की दलील थी कि इन अधिकारियों ने कोर्ट के 14 फरवरी 2013 व 30 जुलाई 2014 के आदेशों की अवहेलना की है और जानबूझ कर रिट कोर्ट के आदेश का पिछले दस साल से अनुपालन नहीं कर रहे हैं. रिट कोर्ट के आदेशों में कोर्ट ने कुछ याचियों को बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राइमरी स्कूलों में बतौर सहायक शिक्षक समायोजित करने पर विचार करने के कहा था. अवमानना याचिका का राज्य सरकार के अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता रणविजय सिंह व पंकज खरे ने विरोध किया. उनकी ओर से दलील दी गई कि याचीगण नियुक्ति पाने के अधिकारी नहीं हैं.

हालांकि न्यायालय ने उनकी दलीलों को खारिज कर दिया. न्यायालय ने कहा कि रिट कोर्ट के आदेश को न मानकर ये अधिकारी न्याय प्रशासन में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं. न्यायालय ने कहा है कि तीनों अधिकारियों ने कोर्ट के आदेश की जानबूझकर नाफरमानी किया है, जिससे कोर्ट के सम्मान को ठेस पहुंची है. न्यायालय ने अधिकारियों के खिलाफ जारी आरोप पत्र में कहा है कि आप प्रमुख सचिव दीपक कुमार, सचिव प्रताप सिंह बघेल और निदेशक सुधा सिंह आपके समक्ष जब याची इस कोर्ट के आदेश की प्रति लेकर गए तो आपने आदेश का अनुपालन नहीं किया.

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