लखनऊ: उत्तर प्रदेश की बिजली आपूर्ति व्यवस्था पटरी पर लाने के लिए यूपी पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज अधिकारियों के कामकाज की समीक्षा कर रहे हैं. इस समीक्षा में जिन अधिकारियों की लापरवाही सामने आ रही है, उनके खिलाफ एक्शन भी लिया जा रहा है. मंगलवार को एक मुख्य अभियंता, एक अधीक्षण अभियंता और एक अधिशासी अभियंता पर चेयरमैन ने कार्रवाई (Charge sheet to engineers in Lucknow) की. इस कार्रवाई के बाद अब बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है. जो अधिकारी या कर्मचारी बिजली आपूर्ति में लापरवाही बरत रहे हैं, उन्हें कार्रवाई का डर सताने लगा है.
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन (UP Power Corporation) के अध्यक्ष एम. देवराज ने कार्यों व दायित्व के निर्वहन में लापरवाही के आरोप में गोंडा के मुख्य अभियंता दीपक अग्रवाल, बलरामपुर के अधीक्षण अभियंता चौधरी सुरेश कुमार और तुलसीपुर के अधिशासी अभियंता प्रेमचंद के खिलाफ कार्रवाई करते हुए चार्जशीट सौंपी है. चेयरमैन ने बताया कि इन अधिकारियों ने अपने दायित्व के निर्वहन में लापरवाही बरती है.
इसके कारण इनके क्षेत्रों में राजस्व वसूली, लाइन हानियां कम करने, विद्युत आपूर्ति को सुधारने, विद्युत बाधाओं को कम से कम समय में ठीक करने, ट्रिपिंग रोकने और बिजनेस प्लान के कार्य संतोषजनक नहीं हुए हैं. इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में बिजली संकट दूर करने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को पूरी मेहनत और ईमानदारी के साथ काम करना होगा. अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटना चाहिए. कुछ ही दिन की समस्या है उसके बाद बिजली संकट दूर हो जाएगा.
बता दें कि लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है और बिजली संकट भी अपने चरम पर है. हर रोज बिजली संकट से त्रस्त उपकेंद्रों पर उपभोक्ता तोड़फोड़ करने पहुंच रहे हैं. विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों से उनकी कहासुनी हो रही है. इतना ही नहीं कानून के लिए भी बिजली संकट अब चुनौती साबित हो रहा है. प्रदर्शन कर रहे उपभोक्ताओं पर कई बार पुलिस को लाठी तक भांजनी पड़ रही हैं.
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