लखनऊ: उत्तर प्रदेश के 24 सरकारी अस्पतालों में बीते दिनों बेहतर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सेंट्रल मेडिकल गैस पाइपलाइन की सुविधा देने के लिए कहा गया था. इसके लिए टेंडर भी हो गया, लेकिन यह काम अधिकारियों की लापरवाही से अभी तक पूरा नहीं हो सका है.
सेंट्रल गैस पाइपलाइन का कार्य नहीं हुआ शुरू
यूपी के 24 अस्पतालों में सेंट्रल मेडिकल गैस पाइपलाइन बनाने का टेंडर पास होने के बाद भी कार्य अभी तक पूरा नहीं हो सका है. जिला अस्पताल में सुधार, विस्तार और नवीनीकरण के तहत स्वास्थ्य विभाग को सेंट्रल मेडिकल गैस पाइपलाइन, बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के साथ सेंट्रल स्टरलाइजेशन सप्लाई डिपार्टमेंट की स्थापना कराना है, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से अब तक कार्य ठप पड़ा है.
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यूपी आवास विकास परिषद को दी गई जिम्मेदारी
बजट पास होने के बावजूद मरीजों के लिए जरूरी सेंट्रल ऑक्सीजन सिस्टम की स्थापना नहीं हो रही है. प्रदेश के 24 अस्पतालों में इसकी स्थापना की जिम्मेदारी यूपी आवास विकास परिषद को दी गई थी. अस्पतालों के कार्य गुणवत्ता से इसके लिए महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण के अधीन गठित उच्च स्तरीय तकनीकी समिति से अनुमोदित मानक वशिष्ठ को आधार बनाया गया, इसके बाद भी कार्य ठप ही है.
इन जिलों में होनी थी स्थापना
स्वास्थ विभाग मे सूत्रों के अनुसार लखनऊ, गाजियाबाद, मुरादाबाद, अयोध्या, प्रयागराज, बिजनौर, वाराणसी, आगरा, बलिया, आजमगढ़, कुशीनगर, गोरखपुर, देवरिया, गोंडा सहित 24 जिलों के अस्पतालों में सेंट्रल मेडिकल गैस पाइपलाइन का निर्माण होना है.
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