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पौधरोपण के लिए सीमेंट प्रीकास्ट ट्री गार्ड एवं रखरखाव हो अनिवार्य

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Published : Jun 13, 2021, 6:13 AM IST

लोक निर्माण विभाग डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के प्रदेश अध्यक्ष इं. एन.डी. द्विवेदी ने एक बार फिर शासन और विभागाध्यक्ष का ध्यान प्रतिवर्ष होने वाले वृक्षारोपण अभियान और उस पर होने वाले खर्च की तरफ आकर्षित किया है. उन्होंने वृक्षारोपण की सार्थकता के लिए पौधों की सुरक्षा हेतु सीमेंट प्रीकास्ट ट्री गार्ड की अनिवार्यता एवं रखरखाव पर बल दिया.

कॉन्सेप्ट इमेज.
कॉन्सेप्ट इमेज.

लखनऊ: लोक निर्माण विभाग डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के प्रदेश अध्यक्ष इं. एन.डी. द्विवेदी ने पौधरोपण के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए खिलवाड़ बंद किए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि प्रत्येक रोपित किए जाने वाले पौधे की सुरक्षा के लिए सीमेंट प्रीकास्ट ट्री गार्ड और सुरक्षा अनिवार्य किया जाना चाहिए. इससे शत प्रतिशत पौधों को बचाया जा सकेगा और प्रतिवर्ष पौधरोपण पर होने वाले खर्च की बचत हो सकेगी.

शासन और विभागाध्यक्ष को दिया जा चुका है प्रस्ताव
एन.डी. द्विवेदी ने बताया कि संघ इस संबंध में तत्कालीन प्रमुख अभियंता और विभागाध्यक्ष को विस्तृत प्रस्ताव दे चुका है. दुर्भाग्य वश पिछले वर्ष संघ द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर शासन विभाग की सहमति के बावजूद भी कोई निर्णय नहीं हो पाया. विभाग में गैंगमैन की भर्ती दो दशकों से अधिक समय से प्रतिबंधित होने के कारण अधिकाधिक रोपित पौधे सुरक्षा एवं रखरखाव के अभाव में जीवित नहीं रह पाते. इस प्रकार सरकार का लाखों पौधरोपण का लक्ष्य वास्तविक रूप में मात्र खानापूर्ति एवं औपचारिकता रह जाती है.

पौधरोपण और सुरक्षा के लिए हो अनुबंध
उन्होंने कहा कि संघ इस संबंध में मांग करता है कि वास्तविक एवं व्यावहारिक तथ्यों के परिप्रेक्ष्य में पौधों के रोपण, पौधों की वार्षिक देख-रेख, पौधों को साप्ताहिक आधार पर सिंचित करने एवं पौधों की सुरक्षा इत्यादि के लिए अनुबंध गठित किया जाए. पौधरोपण को विशेष परिस्थिति कार्य मानते हुए टेण्डर प्रक्रिया शिथिल और ऑफलाइन करने और व्यय भार हेड के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाएं. अगर ऐसा निर्णय नहीं लिया जाता तो फिर पौधरोपण का कार्य विशेषज्ञ एवं अधिकृत वन विभाग से कराया जाए ताकि पौधरोपण के नाम पर हो रहे अपव्यय को रोका जा सके.

30 करोड़ पौधरोपण का है लक्ष्य
इं. एन.डी. द्विवेदी ने बताया कि मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन द्वारा चार जून 2021 को निर्गत शासनादेश के द्वारा वर्ष 2021-22 में पूर्व में निर्धारित 30 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य रखा गया है. 15 जून तक पौधरोपण के लिए स्थल चयन और मृदा कार्य पूरा किया जाना है. पौधरोपण के संबंध में संघ द्वारा विभाग को एक पत्र 8 जून 2020 और दूसरा पत्र 20 जुलाई 2020 को प्रेषित करते हुए कहा गया था कि प्रतिवर्ष प्रदेश में करोड़ों पौधरोपण के लक्ष्य की प्रतिपूर्ति के लिए विभाग को भी लाखों पौधरोपण का लक्ष्य दिया गया है.

इसे भी पढ़ें:- अयोध्या की सांस्कृतिक पहचान के साथ होगा विकास: CM योगी

फोटो खींचकर पूरी कर दी जाती है औपचारिकता
इं. एन.डी. द्विवेदी ने कहा कि स्पष्ट गाइड लाइन न होने के कारण चयनित साइडों पर पौधरोपण का कार्य तो किसी प्रकार करा दिया जाता है और फोटो खींचकर शासन को प्रेषित कर दिया जाता है, लेकिन ट्री गार्ड और रखरखाव के अभाव में अधिकाधिक पौधे नष्ट हो जाते हैं. संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष इं. श्रवण कुमार यादव, महामंत्री इं. प्रकाश चंद एवं प्रांतीय चेयरमैन संघर्ष समिति इं. एसके त्रिपाठी ने विभाग एवं शासन से इस प्रकरण पर कम समयावधि को देखते हुए तत्काल निर्णय लिए जाने की मांग की है.

लखनऊ: लोक निर्माण विभाग डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के प्रदेश अध्यक्ष इं. एन.डी. द्विवेदी ने पौधरोपण के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए खिलवाड़ बंद किए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि प्रत्येक रोपित किए जाने वाले पौधे की सुरक्षा के लिए सीमेंट प्रीकास्ट ट्री गार्ड और सुरक्षा अनिवार्य किया जाना चाहिए. इससे शत प्रतिशत पौधों को बचाया जा सकेगा और प्रतिवर्ष पौधरोपण पर होने वाले खर्च की बचत हो सकेगी.

शासन और विभागाध्यक्ष को दिया जा चुका है प्रस्ताव
एन.डी. द्विवेदी ने बताया कि संघ इस संबंध में तत्कालीन प्रमुख अभियंता और विभागाध्यक्ष को विस्तृत प्रस्ताव दे चुका है. दुर्भाग्य वश पिछले वर्ष संघ द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर शासन विभाग की सहमति के बावजूद भी कोई निर्णय नहीं हो पाया. विभाग में गैंगमैन की भर्ती दो दशकों से अधिक समय से प्रतिबंधित होने के कारण अधिकाधिक रोपित पौधे सुरक्षा एवं रखरखाव के अभाव में जीवित नहीं रह पाते. इस प्रकार सरकार का लाखों पौधरोपण का लक्ष्य वास्तविक रूप में मात्र खानापूर्ति एवं औपचारिकता रह जाती है.

पौधरोपण और सुरक्षा के लिए हो अनुबंध
उन्होंने कहा कि संघ इस संबंध में मांग करता है कि वास्तविक एवं व्यावहारिक तथ्यों के परिप्रेक्ष्य में पौधों के रोपण, पौधों की वार्षिक देख-रेख, पौधों को साप्ताहिक आधार पर सिंचित करने एवं पौधों की सुरक्षा इत्यादि के लिए अनुबंध गठित किया जाए. पौधरोपण को विशेष परिस्थिति कार्य मानते हुए टेण्डर प्रक्रिया शिथिल और ऑफलाइन करने और व्यय भार हेड के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाएं. अगर ऐसा निर्णय नहीं लिया जाता तो फिर पौधरोपण का कार्य विशेषज्ञ एवं अधिकृत वन विभाग से कराया जाए ताकि पौधरोपण के नाम पर हो रहे अपव्यय को रोका जा सके.

30 करोड़ पौधरोपण का है लक्ष्य
इं. एन.डी. द्विवेदी ने बताया कि मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन द्वारा चार जून 2021 को निर्गत शासनादेश के द्वारा वर्ष 2021-22 में पूर्व में निर्धारित 30 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य रखा गया है. 15 जून तक पौधरोपण के लिए स्थल चयन और मृदा कार्य पूरा किया जाना है. पौधरोपण के संबंध में संघ द्वारा विभाग को एक पत्र 8 जून 2020 और दूसरा पत्र 20 जुलाई 2020 को प्रेषित करते हुए कहा गया था कि प्रतिवर्ष प्रदेश में करोड़ों पौधरोपण के लक्ष्य की प्रतिपूर्ति के लिए विभाग को भी लाखों पौधरोपण का लक्ष्य दिया गया है.

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फोटो खींचकर पूरी कर दी जाती है औपचारिकता
इं. एन.डी. द्विवेदी ने कहा कि स्पष्ट गाइड लाइन न होने के कारण चयनित साइडों पर पौधरोपण का कार्य तो किसी प्रकार करा दिया जाता है और फोटो खींचकर शासन को प्रेषित कर दिया जाता है, लेकिन ट्री गार्ड और रखरखाव के अभाव में अधिकाधिक पौधे नष्ट हो जाते हैं. संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष इं. श्रवण कुमार यादव, महामंत्री इं. प्रकाश चंद एवं प्रांतीय चेयरमैन संघर्ष समिति इं. एसके त्रिपाठी ने विभाग एवं शासन से इस प्रकरण पर कम समयावधि को देखते हुए तत्काल निर्णय लिए जाने की मांग की है.

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