लखनऊ: राजधानी के प्रॉपर्टी डीलर को अपहरण कर जेल में पीटने और जबरिया रंगदारी वसूलने के मामले में अतीक अहमद के तीन गुर्गों से सीबीआई जेल में पूछताछ करेगी. इस मामले में निरुद्ध अभियुक्त गुलाम मोइनुद्दीन सिद्दीकी, इरफान, गुलाम सरवर से जेल में पूछताछ की इजाजत सीबीआई को मिल गई है.
मंगलवार को इस मामले में विवेचक और सीबीआई के डिप्टी एसपी प्रशांत श्रीवास्तव ने अदालत में अर्जी दाखिल कर अभियुक्तों से पूछताछ की इजाजत मांगी थी. सीबीआई के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सुब्रत पाठक ने उनकी इस अर्जी को मंजूर कर लिया. इस मामले में पूर्व सांसद अतीक अहमद समेत कुल 11 अभियुक्त न्यायिक हिरासत में निरुद्ध हैं, जबकि अतीक का बेटा मोहम्मद उमर फरार चल रहा है.
थाना कृष्णानगर से संबधित इस मामले की विवेचना पहले स्थानीय पुलिस कर रही थी. विवेचना के बाद पुलिस ने इस मामले में अतीक अहमद समेत कुल आठ अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से इस मामले की विवेचना सीबीआई कर रही है.
क्या है पूरा मामला
29 दिसंबर 2018 को रियल स्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल ने इस मामले की एफआईआर दर्ज कराई थी. इनके मुताबिक देवरिया जेल में निरुद्ध अतीक ने अपने गुर्गों के जरिए गोमती नगर ऑफिस से उसका अपहरण करा लिया. तंमचे के बल पर उसे देवरिया जेल ले जाया गया.
अतीक ने उससे एक सादे स्टाम्प पेपर पर दस्तखत करने को कहा तो उसने इंकार कर दिया. इस पर अतीक ने अपने बेटे उमर और गुर्गे गुरफान, फारुख, गुलाम और इरफान के साथ मिलकर उसे तंमचे, लोहे की रॉड से बेहरमी से पीटा. उसके बेसुध होते ही स्टाम्प पेपर पर दस्तखत बनवा लिया और करीब 45 करोड़ की सम्पति अपने नाम करा ली. साथ ही जान-माल की धमकी भी दी. अतीक के गुर्गों ने पीड़ित की गाड़ी भी लूट ली.