लखनऊ: रिवरफ्रंट घोटाले की जांच कर रही सीबीआई जल्द ही कई इंजीनियरों पर एफआईआर दर्ज कर सकती है. अब तक की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि अलग-अलग टेंडरों में घोटालेबाजी की गई है, जिसके आधार पर सीबीआई एफआईआर दर्ज करने की तैयारी कर रही है. एफआईआर दर्ज करने के लिए सीबीआई ने मुख्यालय से अनुमति मांगी है.
समाजवादी पार्टी सरकार के द्वारा रिवरफ्रंट के निर्माण कार्य में बड़े पैमाने पर घोटाला के आरोप लगे हैं, जिसको लेकर गोमतीनगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. गोमतीनगर में दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर सीबीआई ने इस मामले की जांच शुरू की. जांच में इंजीनियर लेवल के अधिकारियों की संलिप्तता उजागर हुई है. हालांकि सीबीआई को अभी तक उच्च अधिकारियों की संलिप्तता के सबूत नहीं मिले हैं.
इसे भी पढ़ें- काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निरीक्षण करने पहुंचे सीएम योगी, विकास कार्यों का लिया जायजा
रिवर फ्रंट घोटाले की जांच में इस बात की जानकारी मिली है कि टेंडर प्रक्रिया के अधिकार इंजीनियर लेवल के अधिकारियों को दिए गए थे. टेंडर प्रक्रिया में ही बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया. अब तक की जानकारी के अनुसार 8 इंजीनियरों पर सीबीआई की नजर है, जिनके द्वारा टेंडर प्रक्रिया को संपन्न कराया गया है. सीबीआई जल्द ही इन 8 इंजीनियरों पर एफआईआर दर्ज कर सकती है.
यह भी आरोप है कि समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान हुए कई घोटालों में से एक रिवरफ्रंट घोटाला भी है. इस घोटाले के तहत जहां टेंडर प्रक्रिया में खेल किया गया, तो वहीं दूसरी ओर कंपनियों को भुगतान करने में भी जल्दी बरती गई. 45% काम होने पर 60% काम का भुगतान कर दिया गया.