लखनऊ: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत (mahant narendra giri death) मामले में सीबीआई (CBI) की पांच सदस्यीय टीम गुरुवार को प्रयागराज पहुंची थी. टीम ने केस को हैंडओवर करने की प्रक्रिया शुरू की थी, जो शुक्रवार को पूरी की गई. अब नरेंद्र गिरि की मौत की जांच सीबीआई ने संभाल ली है.
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अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत की जांच सीबीआई ने संभाली, जांच टीम गठित की गई।
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बीते बुधवार को योगी सरकार के निर्देश पर उत्तर प्रदेश सरकार के गृह विभाग ने मामले की जांच के लिए केंद्र सरकार से सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. सूत्रों के मुताबिक, गुरुवार अपराह्न सीबीआई की टीम प्रयागराज पहुंच गई थी. इस टीम में पांच सदस्य हैं. केस हैंडओवर लेने से पहले सीबीआई की एक टीम ने केस की जानकारी ली थी. सीबीआई के साथ पुलिस लाइन में एसआईटी टीम और प्रयागराज पुलिस के आलाधिकारी भी मौजूद थे. सीबीआई ने FIR की कॉपी लेकर जांच की प्रक्रिया शुरु की थी, जिसके बाद शुक्रवार को सीबीआई ने जांच संभाली.
बता दें कि 20 सितम्बर को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने संदिग्ध अवस्था में सुसाइड कर लिया था. उनके कमरे से कई पन्नों वाला सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था, जिसमें महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के लिए तीन नाम लिखे हुए थे. इसमें सबसे पहला नाम महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य रहे स्वामी आनंद गिरि का जबकि दूसरा नाम लेटे हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी रहे आद्या तिवारी का था और तीसरा नाम आद्या तिवारी के बेटे संदीप तिवारी का लिखा हुआ था.
पुलिस ने आद्या तिवारी के अलावा आनंद गिरि को हरिद्वार से हिरासत में लिया था, तभी से पुलिस आद्या तिवारी के बेटे संदीप तिवारी की तलाश कर रही थी, जिसे डीआईजी द्वारा गठित एसआईटी ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया, जबकि शाम को पुलिस आनंद गिरि और आद्या तिवारी को कोर्ट में भी पेश कर चुकी है, जहां से कोर्ट ने दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. वहीं गुरुवार शाम को पुलिस ने संदीप को हिरासत में लेने के बाद सीजेएम की अदालत में प्रस्तुत किया. अदालत ने संदीप की जमानत अर्जी को अपराध की गंभीरता को देखते हुए खारिज कर दिया और उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में नैनी सेंट्रल जेल भेजने का आदेश दिया. अदालत में जमानत अर्जी खारिज होने के बाद संदीप को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
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बता दें कि संत और उनके अनुयायी लगातार उनके द्वारा आत्महत्या करने की बात को नकार रहे हैं. नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के मामले में सीबीआई जांच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के संयुक्त सचिव ने याचिका भी दाखिल की है. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी समेत कई दलों ने भी सीबीआई जांच की मांग की थी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने भी सच्चाई सामने लाने के लिए सीबीआई जांच की मांग की थी. केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद CBI ने आज शुक्रवार को जांच की कमान संभाल ली है.