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फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी मामले में सीबीआई की छापेमारी - हाथरस मथुरा में छापेमारी

यूपी के हाथरस और मथुरा जिले में सीबीआई की टीम ने छापेमारी की. छापेमारी के दौरान टीम को फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी करने वाले लोगों के बारे में अहम दस्तावेज हाथ लगे.

सीबीआई की छापेमारी
सीबीआई की छापेमारी
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Published : Jan 15, 2021, 2:41 AM IST

लखनऊ: सीबीआई की टीम ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के हाथरस और मथुरा में छापेमारी की. इस छापेमारी में अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाण पत्र बनवा कर नौकरी करने और सरकारी आवास हासिल करने के मामले में यह छापोमारी की गई. छापेमारी के दौरान सीबीआई को दोनों ही जगहों से अहम दस्तावेज भी मिले हैं.

सीबीआई की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार दोनों ही मामलों में रमेश चंद्र मीणा का नाम सामने आया है. एक मथुरा तो दूसरा हाथरस का निवासी है. हाथरस के रहने वाले रमेश चंद्र मीणा ने राजस्थान के भरतपुर से अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाया और एमटीएनएल में नौकरी की. वहीं दूसरे आरोपी ने राजस्थान के हिंडन से अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनवाया और ईपीएफओ में नौकरी हासिल कर ली. दोनों की ही जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं.

हाथरस और मथुरा में सीबीआई की हुई छापेमारी

उत्तर प्रदेश के हाथरस और मथुरा में रमेश चंद्र मीणा नाम के व्यक्ति के फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने और आवास हासिल करने के मामले में सीबीआई की छापेमारी हुई. हाथरस के रहने वाले रमेश चंद्र मीणा ने भरतपुर से फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाया और एमटीएनएल में नौकरी करते हुए सेवानिवृत्त हो गए. वहीं उन्होंने दिल्ली के विकासपुरी में मकान भी आवंटित करा लिया. जबकि मथुरा के कोसी कला के रहने वाले रमेश चंद्र मीणा पर आरोप है कि उन्होंने हिंडन से अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनवाया और ईपीएफओ में नौकरी की. सीबीआई की जांच में दोनों ही जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए और छापेमारी के दौरान अहम दस्तावेज भी बरामद हुए हैं.

लखनऊ: सीबीआई की टीम ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के हाथरस और मथुरा में छापेमारी की. इस छापेमारी में अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाण पत्र बनवा कर नौकरी करने और सरकारी आवास हासिल करने के मामले में यह छापोमारी की गई. छापेमारी के दौरान सीबीआई को दोनों ही जगहों से अहम दस्तावेज भी मिले हैं.

सीबीआई की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार दोनों ही मामलों में रमेश चंद्र मीणा का नाम सामने आया है. एक मथुरा तो दूसरा हाथरस का निवासी है. हाथरस के रहने वाले रमेश चंद्र मीणा ने राजस्थान के भरतपुर से अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाया और एमटीएनएल में नौकरी की. वहीं दूसरे आरोपी ने राजस्थान के हिंडन से अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनवाया और ईपीएफओ में नौकरी हासिल कर ली. दोनों की ही जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं.

हाथरस और मथुरा में सीबीआई की हुई छापेमारी

उत्तर प्रदेश के हाथरस और मथुरा में रमेश चंद्र मीणा नाम के व्यक्ति के फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने और आवास हासिल करने के मामले में सीबीआई की छापेमारी हुई. हाथरस के रहने वाले रमेश चंद्र मीणा ने भरतपुर से फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाया और एमटीएनएल में नौकरी करते हुए सेवानिवृत्त हो गए. वहीं उन्होंने दिल्ली के विकासपुरी में मकान भी आवंटित करा लिया. जबकि मथुरा के कोसी कला के रहने वाले रमेश चंद्र मीणा पर आरोप है कि उन्होंने हिंडन से अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनवाया और ईपीएफओ में नौकरी की. सीबीआई की जांच में दोनों ही जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए और छापेमारी के दौरान अहम दस्तावेज भी बरामद हुए हैं.

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