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फर्जी लोन का मामला: सीबीआई कोर्ट ने अभियुक्त को सुनाई छह साल की सजा - फर्जी किसान विकास पत्र

सीबीआई के विशेष जज ने फर्जी किसान विकास पत्र तैयार कर उससे लोन हासिल करने के मामले में अभियुक्त को दोषी करार दिया है.

सीबीआई कोर्ट.
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Published : Jan 15, 2021, 9:42 PM IST

लखनऊ: सीबीआई के विशेष जज मनोज पांडेय ने फर्जी किसान विकास पत्र तैयार कर उससे लोन हासिल करने के मामले में अभियुक्त अभिषेक श्रीवास्तव को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने सजा के बिंदु पर सुनवाई के उपरांत अभियुक्त को छह साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने अभियुक्त पर एक लाख 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.


इलाहाबाद बैंक के उपमहाप्रबंधक आरएन मोहंती की तहरीर पर 16 मार्च 2010 को सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी. एफआईआर के मुताबिक, इलाहाबाद बैंक की स्वरुपनगर शाखा में फर्जी किसान विकास पत्र से शिशिर वर्मा नामक एक शख्स के खाते से 38 लाख का ऋण निकाल लिया गया. विवेचना के उपरांत सीबीआई ने इस मामले में विशाल शर्मा उर्फ शिशिर वर्मा, अभिषेक श्रीवास्तव, नईम खां, सुरेश कुमार श्रीवास्तव, शीला दूबे और पवन कुमार लोधी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. 13 दिसंबर 2010 को अदालत ने अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, 419, 420, 468, 471 और 406 के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में संज्ञान लिया. इस मामले में अन्य अभियुक्तों को पहले ही सजा सुनाई जा चुकी है, जबकि सुरेश की इस दौरान मौत हो चुकी है. शुक्रवार को अभिषेक श्रीवास्तव को भी दोषी करार देते हुए सजा सुना दी गई.

लखनऊ: सीबीआई के विशेष जज मनोज पांडेय ने फर्जी किसान विकास पत्र तैयार कर उससे लोन हासिल करने के मामले में अभियुक्त अभिषेक श्रीवास्तव को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने सजा के बिंदु पर सुनवाई के उपरांत अभियुक्त को छह साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने अभियुक्त पर एक लाख 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.


इलाहाबाद बैंक के उपमहाप्रबंधक आरएन मोहंती की तहरीर पर 16 मार्च 2010 को सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी. एफआईआर के मुताबिक, इलाहाबाद बैंक की स्वरुपनगर शाखा में फर्जी किसान विकास पत्र से शिशिर वर्मा नामक एक शख्स के खाते से 38 लाख का ऋण निकाल लिया गया. विवेचना के उपरांत सीबीआई ने इस मामले में विशाल शर्मा उर्फ शिशिर वर्मा, अभिषेक श्रीवास्तव, नईम खां, सुरेश कुमार श्रीवास्तव, शीला दूबे और पवन कुमार लोधी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. 13 दिसंबर 2010 को अदालत ने अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, 419, 420, 468, 471 और 406 के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में संज्ञान लिया. इस मामले में अन्य अभियुक्तों को पहले ही सजा सुनाई जा चुकी है, जबकि सुरेश की इस दौरान मौत हो चुकी है. शुक्रवार को अभिषेक श्रीवास्तव को भी दोषी करार देते हुए सजा सुना दी गई.

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