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गोरखपुर और लखनऊ से CBI ने रंगे हाथ घूस लेते दबोचे दो सरकारी कर्मचारी - लखनऊ की न्यूज

गोरखपुर और लखनऊ से दो सरकारी कर्मचारियों को CBI ने घूस लेते रंगे हाथ दबोचा है. उनसे पूछताछ की जा रही है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 15, 2023, 7:04 AM IST

Updated : Dec 15, 2023, 7:35 AM IST

लखनऊ: केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) ने गुरुवार को गोरखपुर और लखनऊ से दो सरकारी कर्मचारियों को CBI ने रंगे हाथों घूस लेते दबोचा लिया.


भुगतान के लिए कांट्रेक्टर से मांगे थे 32 हजार
एजेंसी के प्रवक्ता के मुताबिक, वाराणसी के अभिनव चौबे ने सीबीआई एसीबी लखनऊ में शिकायत की थी की उनकी कंपनी मेसर्स निर्मल इंटरप्राइजेज को पूर्वोतर रेलवे गोरखपुर से ट्रांसफार्मर की सप्लाई का ठेका अप्रैल 2023 में मिला था. इसके चलते उन्हे परचेज आर्डर मिला और ट्रांसफार्मर 25 KV के कुल 32 अदद जारी हुए. ट्रांसफार्मर सप्लाई करने के बाद उन्होंने अंतिम बिल संख्या 25 भुगतान के लिए विभाग में जमा किया था लेकिन इस बिल का भुगतान करने के एवज में लेखा विभाग के चीफ ओएस अशोक चौधरी ने सहायक जीतेन्द्र के माध्यम से उन्हे व्हाट्सएप कॉल कर 32 हजार रुपये घूस मांगी और जब उन्होंने पैसा न देने से मना कर दिया तो बिल का भुगतान रोक दिया गया. इसके बाद अशोक चौधरी और उनके सहयोगी जितेंद्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार की गई.

फर्म रजिस्ट्रेशन के लिए बाबू मांग रहा था 20 हजार
वहीं, राजधानी अलीगंज में सीबीआई ने सीपीडब्ल्यूडी के जेई बब्बू सिंह यादव को फर्म रजिस्टर करने के नाम पर 20 हजार रुपये लेने के आरोप में गिरफ्तार किया. सीबीआई के मुताबिक, गाजियाबाद के न्यू विजय नगर निवासी हर्ष सारस्वत ने 12 दिसंबर को सीबीआई से शिकायत की थी कि उनकी मेसर्स हर्ष सारस्वत नाम से फर्म है और उन्होंने बतौर कॉन्ट्रैक्टर इनलिस्टमेंट की फर्म के माध्यम से लखनऊ में जून 2023 में आवेदन किया था. सीपीडब्ल्यूडी द्वारा आवेदन निरस्त होने पर उन्होंने नवम्बर में दोबारा इनलिस्टमेंट के लिए आवेदन किया, जिस पर वहां तैनात सहायक अभियंता बब्बू सिंह यादव ने फर्म को इनलिस्टमेंट करने के लिए 20 हजार रुपये की मांग की.

लखनऊ: केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) ने गुरुवार को गोरखपुर और लखनऊ से दो सरकारी कर्मचारियों को CBI ने रंगे हाथों घूस लेते दबोचा लिया.


भुगतान के लिए कांट्रेक्टर से मांगे थे 32 हजार
एजेंसी के प्रवक्ता के मुताबिक, वाराणसी के अभिनव चौबे ने सीबीआई एसीबी लखनऊ में शिकायत की थी की उनकी कंपनी मेसर्स निर्मल इंटरप्राइजेज को पूर्वोतर रेलवे गोरखपुर से ट्रांसफार्मर की सप्लाई का ठेका अप्रैल 2023 में मिला था. इसके चलते उन्हे परचेज आर्डर मिला और ट्रांसफार्मर 25 KV के कुल 32 अदद जारी हुए. ट्रांसफार्मर सप्लाई करने के बाद उन्होंने अंतिम बिल संख्या 25 भुगतान के लिए विभाग में जमा किया था लेकिन इस बिल का भुगतान करने के एवज में लेखा विभाग के चीफ ओएस अशोक चौधरी ने सहायक जीतेन्द्र के माध्यम से उन्हे व्हाट्सएप कॉल कर 32 हजार रुपये घूस मांगी और जब उन्होंने पैसा न देने से मना कर दिया तो बिल का भुगतान रोक दिया गया. इसके बाद अशोक चौधरी और उनके सहयोगी जितेंद्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार की गई.

फर्म रजिस्ट्रेशन के लिए बाबू मांग रहा था 20 हजार
वहीं, राजधानी अलीगंज में सीबीआई ने सीपीडब्ल्यूडी के जेई बब्बू सिंह यादव को फर्म रजिस्टर करने के नाम पर 20 हजार रुपये लेने के आरोप में गिरफ्तार किया. सीबीआई के मुताबिक, गाजियाबाद के न्यू विजय नगर निवासी हर्ष सारस्वत ने 12 दिसंबर को सीबीआई से शिकायत की थी कि उनकी मेसर्स हर्ष सारस्वत नाम से फर्म है और उन्होंने बतौर कॉन्ट्रैक्टर इनलिस्टमेंट की फर्म के माध्यम से लखनऊ में जून 2023 में आवेदन किया था. सीपीडब्ल्यूडी द्वारा आवेदन निरस्त होने पर उन्होंने नवम्बर में दोबारा इनलिस्टमेंट के लिए आवेदन किया, जिस पर वहां तैनात सहायक अभियंता बब्बू सिंह यादव ने फर्म को इनलिस्टमेंट करने के लिए 20 हजार रुपये की मांग की.

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Last Updated : Dec 15, 2023, 7:35 AM IST
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