लखनऊ: वीडियोग्राफर को बंधक बनाकर पीटने के मामले में 6 दिन बाद सोमवार को पुलिस कमिश्नर की फटकार पर हजरतगंज कोतवाली (hazratganj kotwali) में मुख्तार अंसारी के गुर्गों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. पुलिस ने जालसाज जैन अंसारी उर्फ सद्दान अंसारी सहित पांच लोगों के खिलाफ लूट और डकैती का मामला दर्ज कर जांच-पड़ताल शुरू कर दी.
मुख्तार अंसारी के गैंग से जुड़े हुए हैं आरोपी
इंद्रप्रस्थ रेजीडेंसी, औरंगाबाद जागीर शहीद पथ निवासी सुबोध बाजपेई के मुताबिक बीते 30 मई को केशव अग्निहोत्री के बुलाने पर हलवासिया स्थित अपने कार्यालय गया था. केशव के पास सुबोध की फोटोग्राफी से संबंधित कई दस्तावेज हैं. सुबोध का कहना है कि केशव ने कहा कि यह कार्यालय उसने खरीद लिया है. इसलिए यहां का कोई उपकरण सुबोध का नहीं है. इसी बात को लेकर दोनों में विवाद हुआ. सुबोध का आरोप है कि केशव अग्निहोत्री ने उसे कार्यालय में बंधक बना लिया. जहां पहले से मौजूद 30 से 35 लोगों ने असहलों के बल पर उसे मारा-पीटा और उसके पास से सोने की अंगूठी, चेन और नकदी लूट ली. इसके बाद जान से मारने की धमकी दी. सुबोध का कहना है कि उसके साथी ललित को बाहर ही गन प्वाइंट पर इन लोगों ने रोक लिया था. पीड़ित वीडियोग्राफर का यह भी आरोप था कि आरोपी मुख्तार अंसारी के गैंग से जुड़े हुए हैं.
बदली गई पीड़ित की तहरीर
पीड़ित ने तहरीर में माफिया मुख्तार अंसारी के गुर्गे पर गंभीर आरोप लगाया था. सुबोध के मुताबिक, उसके साथ मारपीट व लूटपाट करने में इमरान, जैन अंसारी, केशव अग्निहोत्री, अक्षय अग्निहोत्री, कृष्ण सिंह, अश्विनी मिश्रा, राहुल गर्ग सहित अन्य 30 लोग शामिल हैं. सुबोध ने तहरीर में लिखा है कि ये मुख्तार गैंग के लोग हैं, लेकिन हजरतगंज पुलिस ने उनसे दूसरी तहरीर लिखने को कहा. सुबोध की पहली तहरीर और दर्ज मुकदमे में काफी अंतर है.
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टरकाती रही हजरतगंज पुलिस
सुबोध ने अपनी तहरीर में मुख्तार अंसारी के गुर्गे जैन अंसारी को भी आरोपी बनाया था. तहरीर में मुख्तार अंसारी का नाम देखकर हजरतगंज पुलिस मामले को टालती नजर आई. जब पीड़ित ने पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर को इसकी जानकारी दी तो पुलिस कमिश्नर के कहने पर हजरतगंज पुलिस ने ममला दर्ज किया.