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BSP शासनकाल में जल निगम का घोटाला आया सामने, 22 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज - जल घोटाले में 22 आरोपियों पर मुकदमा दर्ज

लखनऊ जल निगम में लगातार घोटाले सामने आ रहे हैं. पिछले दिनों जल निगम में सपा शासनकाल में भर्ती घोटाले की जांच जारी है. वहीं आज बसपा शासनकाल के दौरान जल निगम का एक और घोटाला सामने आ गया. चित्रकूट में जल निगम के द्वारा 2010 और 2012 में पेयजल योजना के तहत काम कराया गया. वहीं इस काम में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गई थी.

पुलिस मुख्यालय.
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Published : Dec 22, 2020, 9:36 PM IST

लखनऊः जल निगम में लगातार घोटाले सामने आ रहे हैं. पिछले दिनों जल निगम में सपा शासनकाल में भर्ती घोटाले की जांच जारी है तो वहीं आज बसपा शासनकाल के दौरान जल निगम का एक और घोटाला सामने आ गया. चित्रकूट में जल निगम के द्वारा 2010 और 2012 में पेयजल योजना के तहत काम कराया गया. वहीं इस काम में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गई थी. इस मामले की जांच के लिए ईओडब्ल्यू को जांच की गई थी. वहीं इस मामले में ईओडब्ल्यू ने जांच में जल निगम के अभियंता और ठेकेदारों की मिलीभगत खुलकर सामने आ गई. जांच में 22 लोगों के खिलाफ आज मुकदमा दर्ज किया गया है. इस मामले में 20 करोड़ रुपये के घोटाले का मामला खुल कर सामने आया है.

बसपा शासनकाल में जल निगम में हुआ बड़ा घोटाला
बसपा शासनकाल में जल निगम के अंतर्गत चित्रकूट में मऊ और बरगढ़ पेयजल योजना के नाम पर बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गई. 2010-11 और 2011-12 में इस परियोजना में कार्य पूरे न किए जाने और निर्माण में अनियमितता की जांच आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन लखनऊ को सौंपी गई. जांच में पाया गया कि निर्माण कार्य में जल निगम की निर्माण इकाई एवं विद्युत यांत्रिकी काई के साथ उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के अधिकारियों ने कार्य में कोई रुचि नहीं दिखाई. साथ-साथ वाटर मीटर की आपूर्ति बिना वाटर सप्लाई पूर्ण हुए ही भारी मात्रा में खरीद ली गई. पूरी जांच में 20,43,91,616 रुयपे के धन के गबन का मामला पाया गया है. वहीं ईओडब्ल्यू ने जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी है. वहीं शासन के अनुमति के बाद आज 22 दोषी लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. इसमें जल निगम के अभियंता के साथ साथ फर्म जिंदल वाटर इंफ्रा इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के ऋषभ शेट्टी का नाम भी शामिल है.

कौन-कौन है घोटाले का दोषी

आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन लखनऊ की जांच में जल निगम के अधीक्षण अभियंता 1-आरके बाजपेई, 2- एके सिंह 3- आरके त्रिपाठी 4-गिरीश चंद 5-एम सी श्रीवास्तव 6-विनय पाल सिंह निर्माण इकाई में प्रोजेक्ट मैनेजर 7-आसाराम आर्य 8-राम बिहारी 9-एके भारतीय सहायक अभियंता 10-बीबी निरंजन 11-एके अवस्थी अधीक्षण अभियंता जल निगम विद्युत यांत्रिकी बांदा 12-ओ पी पांडे 13- पीएन श्रीवास्तव 14-एसपी सिंह 15-जेपी सिंह 16- यशवीर सिंह सहायक अभियंता 17-डीके सिंह 18- अंकुर यादव उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड में अधिशासी अभियंता 19-राजमणि विश्वकर्मा 20-मैसर्स जिंदल वाटर इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के ऋषभ सेठी मुख्य अधिशासी अधिकारी 21- ज्ञान बंसल प्रबंध निदेशक 22- नरेन्द्र कुमार गुप्ता ठेकेदार शामिल हैं.

लखनऊः जल निगम में लगातार घोटाले सामने आ रहे हैं. पिछले दिनों जल निगम में सपा शासनकाल में भर्ती घोटाले की जांच जारी है तो वहीं आज बसपा शासनकाल के दौरान जल निगम का एक और घोटाला सामने आ गया. चित्रकूट में जल निगम के द्वारा 2010 और 2012 में पेयजल योजना के तहत काम कराया गया. वहीं इस काम में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गई थी. इस मामले की जांच के लिए ईओडब्ल्यू को जांच की गई थी. वहीं इस मामले में ईओडब्ल्यू ने जांच में जल निगम के अभियंता और ठेकेदारों की मिलीभगत खुलकर सामने आ गई. जांच में 22 लोगों के खिलाफ आज मुकदमा दर्ज किया गया है. इस मामले में 20 करोड़ रुपये के घोटाले का मामला खुल कर सामने आया है.

बसपा शासनकाल में जल निगम में हुआ बड़ा घोटाला
बसपा शासनकाल में जल निगम के अंतर्गत चित्रकूट में मऊ और बरगढ़ पेयजल योजना के नाम पर बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गई. 2010-11 और 2011-12 में इस परियोजना में कार्य पूरे न किए जाने और निर्माण में अनियमितता की जांच आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन लखनऊ को सौंपी गई. जांच में पाया गया कि निर्माण कार्य में जल निगम की निर्माण इकाई एवं विद्युत यांत्रिकी काई के साथ उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के अधिकारियों ने कार्य में कोई रुचि नहीं दिखाई. साथ-साथ वाटर मीटर की आपूर्ति बिना वाटर सप्लाई पूर्ण हुए ही भारी मात्रा में खरीद ली गई. पूरी जांच में 20,43,91,616 रुयपे के धन के गबन का मामला पाया गया है. वहीं ईओडब्ल्यू ने जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी है. वहीं शासन के अनुमति के बाद आज 22 दोषी लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. इसमें जल निगम के अभियंता के साथ साथ फर्म जिंदल वाटर इंफ्रा इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के ऋषभ शेट्टी का नाम भी शामिल है.

कौन-कौन है घोटाले का दोषी

आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन लखनऊ की जांच में जल निगम के अधीक्षण अभियंता 1-आरके बाजपेई, 2- एके सिंह 3- आरके त्रिपाठी 4-गिरीश चंद 5-एम सी श्रीवास्तव 6-विनय पाल सिंह निर्माण इकाई में प्रोजेक्ट मैनेजर 7-आसाराम आर्य 8-राम बिहारी 9-एके भारतीय सहायक अभियंता 10-बीबी निरंजन 11-एके अवस्थी अधीक्षण अभियंता जल निगम विद्युत यांत्रिकी बांदा 12-ओ पी पांडे 13- पीएन श्रीवास्तव 14-एसपी सिंह 15-जेपी सिंह 16- यशवीर सिंह सहायक अभियंता 17-डीके सिंह 18- अंकुर यादव उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड में अधिशासी अभियंता 19-राजमणि विश्वकर्मा 20-मैसर्स जिंदल वाटर इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के ऋषभ सेठी मुख्य अधिशासी अधिकारी 21- ज्ञान बंसल प्रबंध निदेशक 22- नरेन्द्र कुमार गुप्ता ठेकेदार शामिल हैं.

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