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महिला जज से दुव्यर्वहार के मामले में हाईकोर्ट ने बार के महामंत्री व वरिष्ठ उपाध्यक्ष को किया तलब - सिविल जज अर्पित साहू

बाराबंकी के एडीजे प्रथम व पुलिस अधीक्षक को महिला जज को पूरी सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया है. न्यायालय ने एडीजे प्रथम से घटना के दिन का वीडियो फुटेज भी सुरक्षित करने को कहा है.

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misbehavior with female judge
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Published : Oct 18, 2022, 10:33 PM IST

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बाराबंकी में तैनात महिला जज अर्पिता साहू से कथित रूप से दुर्व्यवहार करने के आरोप में बाराबंकी जिला बार एसोसिएशन के महामंत्री रितेष मिश्रा व वरिष्ठ उपाध्यक्ष मोहन सिंह को अवमानना नोटिस जारी करते हुए 17 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है. साथ ही न्यायालय ने महिला जज की अदालत के अंदर व बाहर समुचित सुरक्षा व्यवस्था करने का भी आदेश जारी किया है. न्यायालय ने दोनों अधिवक्ताओं से पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जाए.

यह आदेश न्यायमूर्ति राजन राय व न्यायमूर्ति संजय कुमार पचौरी की खंडपीठ ने महिला जज की ओर से हाईकोर्ट केा प्रेषित संदर्भ पर पारित किया. न्यायालय संदर्भ पर विचार करते हुए बाराबंकी के एडीजे प्रथम व पुलिस अधीक्षक को महिला जज को पूरी सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया है. न्यायालय ने एडीजे प्रथम से घटना के दिन का वीडियो फुटेज भी सुरक्षित करने को कहा है. न्यायालय ने कहा कि उक्त दोनों अधिवक्ताओं के आचरण से अदालत की गरिमा प्रभावित हुई और न्यायिक कार्य में व्यवधान उत्पन्न हुआ.

ये था मामला

उल्लेखनीय है कि 7 अक्टूबर 2022 को बाराबंकी जिला बार एसोसिएशन ने न्यायिक कार्य के बहिष्कार का प्रस्ताव पारित कर रखा था. सिविल जज अर्पित साहू ने हाईकोर्ट को प्रेषित अपने संदर्भ में कहा है कि सुबह साढ़े दस बजे जब वह अपने अदालत में काम कर रही थीं. तभी महामंत्री और वरिष्ठ उपाध्यक्ष कई अधिवक्ताओं के साथ उनके अदालत कक्ष में घुस आए. उनसे अभ्रदता की और गाली-गलौज करने लगे. कक्ष की बिजली बंद कर दी और कक्ष में मौजूद अन्य अधिवक्ताओं को जबरन बाहर निकाल दिया. साथ ही उन्हें भी कई तरह की धमकियां दीं. न्यायालय ने अपने आदेश में जज को दी गई धमकी का भी उल्लेख किया है, जिसमें अधिवक्ताओं पर इस प्रकार से धमकाने का आरोप है.

आपको हमारा सपोर्ट नहीं करना है, दिमाग खराब है? सुधर नहीं रही हो, जब मैनें बोला है तो क्यों डायस पर बैठकर फाइल को देख रही. जिला जज से और सीजेएम से शिकायत की है तो मुझे आश्वासन दिया है. जिला जज ने कहा कि कोर्ट नं. 14 अर्पिता साहू बिल्कुल डायस पर नहीं बैठेगी. तब भी कैसे बैठ गई. उतरो डायस से, बेशर्मी की हद है. अपने आप को क्या समझती हो. एक्शन प्लान गया भाड़ में. अब जो मैं कहेगा वही होगा, कोई कोर्ट नहीं चलने दूंगा. ऐसे कोर्ट नहीं चलेगी जैसे तुम चला रही हो. मैं तुम्हारी कोर्ट का फुल बायकाट करवाऊंगा और डिस्ट्रिक्ट जज ने भी यही आश्वासन दिया है कि तुम काम नहीं कर पाओगी. इस लायक नहीं छोडूंगा.

महिला अधिकारी हो सुधर जाओ डायस से उतर जाओ वरना आज तुम्हारे साथ अच्छा नहीं होगा. बहुत कुछ हो सकता है आज तुम्हारे साथ. तानाशाही और बेशर्मी से डेली कोर्ट चलाने के लिए डायस पर बैठ जाती हो और आदेश पारित कर देती हो. जब हम डेली बायकाट कर रहे हैं तो समझ नहीं आ रहा है. तुम्हारा कोर्ट अब से चलने नहीं दूंगा और डिस्ट्रिक्ट जज तो वैसे भी मेरे साथ हैं. अब देखता हूं क्या करती हो. मुर्दाबाद-मुर्दाबाद अर्पिता साहू. बार की गरिमा को बनाये नहीं रखोगी तो तुम्हारी गरिमा नहीं बचेगी. देखते हैं आज से कैसे काम करती हो. उतर जाओ डायस से वरना आज कुछ हो जायेगा. फिर कभी काम करने लायक नहीं बचोगी. धमकी ही है सुधर जाओ. कोर्ट संख्या-27 जेएम कोर्ट को सुधार दिया है, तुम्हें भी सुधार देंगे. अपनी गरिमा बचाओ डायस से उतर जाओ वरना आज के बहुत पछताओगी. ऐसे कोर्ट नहीं चलती उतर जाओ वरना आज तुम्हारी गरिमा बिगड़ जायेगी.

ये भी पढ़ेंः प्रदेश सरकार की सभी राजकीय स्कूलों की लाइब्रेरी में किताबें मुहैया कराने की तैयारी, देगी ग्रांट

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बाराबंकी में तैनात महिला जज अर्पिता साहू से कथित रूप से दुर्व्यवहार करने के आरोप में बाराबंकी जिला बार एसोसिएशन के महामंत्री रितेष मिश्रा व वरिष्ठ उपाध्यक्ष मोहन सिंह को अवमानना नोटिस जारी करते हुए 17 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है. साथ ही न्यायालय ने महिला जज की अदालत के अंदर व बाहर समुचित सुरक्षा व्यवस्था करने का भी आदेश जारी किया है. न्यायालय ने दोनों अधिवक्ताओं से पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जाए.

यह आदेश न्यायमूर्ति राजन राय व न्यायमूर्ति संजय कुमार पचौरी की खंडपीठ ने महिला जज की ओर से हाईकोर्ट केा प्रेषित संदर्भ पर पारित किया. न्यायालय संदर्भ पर विचार करते हुए बाराबंकी के एडीजे प्रथम व पुलिस अधीक्षक को महिला जज को पूरी सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया है. न्यायालय ने एडीजे प्रथम से घटना के दिन का वीडियो फुटेज भी सुरक्षित करने को कहा है. न्यायालय ने कहा कि उक्त दोनों अधिवक्ताओं के आचरण से अदालत की गरिमा प्रभावित हुई और न्यायिक कार्य में व्यवधान उत्पन्न हुआ.

ये था मामला

उल्लेखनीय है कि 7 अक्टूबर 2022 को बाराबंकी जिला बार एसोसिएशन ने न्यायिक कार्य के बहिष्कार का प्रस्ताव पारित कर रखा था. सिविल जज अर्पित साहू ने हाईकोर्ट को प्रेषित अपने संदर्भ में कहा है कि सुबह साढ़े दस बजे जब वह अपने अदालत में काम कर रही थीं. तभी महामंत्री और वरिष्ठ उपाध्यक्ष कई अधिवक्ताओं के साथ उनके अदालत कक्ष में घुस आए. उनसे अभ्रदता की और गाली-गलौज करने लगे. कक्ष की बिजली बंद कर दी और कक्ष में मौजूद अन्य अधिवक्ताओं को जबरन बाहर निकाल दिया. साथ ही उन्हें भी कई तरह की धमकियां दीं. न्यायालय ने अपने आदेश में जज को दी गई धमकी का भी उल्लेख किया है, जिसमें अधिवक्ताओं पर इस प्रकार से धमकाने का आरोप है.

आपको हमारा सपोर्ट नहीं करना है, दिमाग खराब है? सुधर नहीं रही हो, जब मैनें बोला है तो क्यों डायस पर बैठकर फाइल को देख रही. जिला जज से और सीजेएम से शिकायत की है तो मुझे आश्वासन दिया है. जिला जज ने कहा कि कोर्ट नं. 14 अर्पिता साहू बिल्कुल डायस पर नहीं बैठेगी. तब भी कैसे बैठ गई. उतरो डायस से, बेशर्मी की हद है. अपने आप को क्या समझती हो. एक्शन प्लान गया भाड़ में. अब जो मैं कहेगा वही होगा, कोई कोर्ट नहीं चलने दूंगा. ऐसे कोर्ट नहीं चलेगी जैसे तुम चला रही हो. मैं तुम्हारी कोर्ट का फुल बायकाट करवाऊंगा और डिस्ट्रिक्ट जज ने भी यही आश्वासन दिया है कि तुम काम नहीं कर पाओगी. इस लायक नहीं छोडूंगा.

महिला अधिकारी हो सुधर जाओ डायस से उतर जाओ वरना आज तुम्हारे साथ अच्छा नहीं होगा. बहुत कुछ हो सकता है आज तुम्हारे साथ. तानाशाही और बेशर्मी से डेली कोर्ट चलाने के लिए डायस पर बैठ जाती हो और आदेश पारित कर देती हो. जब हम डेली बायकाट कर रहे हैं तो समझ नहीं आ रहा है. तुम्हारा कोर्ट अब से चलने नहीं दूंगा और डिस्ट्रिक्ट जज तो वैसे भी मेरे साथ हैं. अब देखता हूं क्या करती हो. मुर्दाबाद-मुर्दाबाद अर्पिता साहू. बार की गरिमा को बनाये नहीं रखोगी तो तुम्हारी गरिमा नहीं बचेगी. देखते हैं आज से कैसे काम करती हो. उतर जाओ डायस से वरना आज कुछ हो जायेगा. फिर कभी काम करने लायक नहीं बचोगी. धमकी ही है सुधर जाओ. कोर्ट संख्या-27 जेएम कोर्ट को सुधार दिया है, तुम्हें भी सुधार देंगे. अपनी गरिमा बचाओ डायस से उतर जाओ वरना आज के बहुत पछताओगी. ऐसे कोर्ट नहीं चलती उतर जाओ वरना आज तुम्हारी गरिमा बिगड़ जायेगी.

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