लखनऊ : हापुड़ जिले में वकीलों पर पुलिस द्वारा बर्बरता को लेकर कार्रवाई न होने से आक्रोश बढ़ता जा रहा है. वकीलों का कहना है कि 'मुख्यमंत्री उनके साथ हुई बर्बरता को लेकर संज्ञान नहीं ले रहे हैं. इसको लेकर उनमें नाराजगी है, वहीं लखनऊ बार एसोसिएशन ने 19, 20 और 21 सितंबर तक हड़ताल बढ़ाने का फैसला लिया है.
बीते 29 अगस्त को हापुड़ जिले में वकीलों पर पुलिस द्वारा बर्बरता पूर्वक लाठियां बरसाई गई थीं, जिसमें कई वकील बुरी तरह से चोटिल हुए थे. तब से लगातार वकीलों ने कानून से जुड़े हुए सभी कार्यों का बहिष्कार किया हुआ है. अधिवक्ता हड़ताल के जरिए अपना आक्रोश जाहिर कर रहे हैं. वकीलों के संगठन लगातार हड़ताल पर हैं. इस सिलसिले में मंगलवार को लखनऊ बार एसोसिएशन की तरफ से महत्वपूर्ण बैठक की गई, जिसमें निर्णय लिया गया है कि जब तक सरकार हापुड़ जिले के जिलाधिकारी और दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं करती है, तब तक इसी तरह हड़ताल जारी रहेगी.'
लखनऊ संगठन के महामंत्री अनुराग पांडे ने सरकार से सवाल करते हुए पूछा है कि 'जंतर मंतर पर एनआरसी के विरोध में महीनों धरना प्रदर्शन किया गया था, उन पर लाठियां नहीं चलाई गईं. उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं ने डेढ़ घंटे रोड जाम कर दिया था, जिसकी वजह से वकीलों पर लाठियां बरसाई गईं. उन्होंने कहा कि यह कहां का न्याय है कि जिस न्याय के मंदिर में वकीलों द्वारा पीड़ितों को नया दिलाया जाता है, उन पर ही बर्बरता पूर्वक लाठियां बरसाई गई हैं, जोकि बहुत दुर्भाग्य पूर्ण है.'
महामंत्री कुलदीप मिश्रा ने कहा कि 'यह हड़ताल सिर्फ हापुड़ जिले के अधिवक्ताओं की नहीं है, बल्कि यह हड़ताल पूरे देश के अधिवक्ता समाज की हड़ताल है. कहा कि जब तक हापुड़ के पीड़ित वकीलों को न्याय नहीं मिल जाता और जब तक प्रदेश में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं हो जाता, इसी तरह से हड़ताल चलती रहेगी. उन्होंने इस पूरे मामले को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से संज्ञान में लेने की बात कही है.'