लखनऊः एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने प्रदेश में कोरोना के संक्रमण को देखते हुए शवों को जल में प्रवाहित करने पर रोक लगा दी है. इसके लिए उन्होंने जल पुलिस को 24 घंटे निगरानी करने के निर्देश दिए हैं. इसके तहत गाजीपुर, वाराणसी, कानपुर, उन्नाव समेत 7 जिलों में पीएसी की कंपनी और एसडीआरएफ भी मुस्तैद किया गया है. ये निर्णय बड़ी संख्या में नदियों में मिले शवों को देखते हुए लिया गया है.
शव को नदी में बहाने पर सख्त प्रशासन
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के मुताबिक कुछ स्थानों पर आज भी शवों का पानी में प्रवाहित करने का चलन है. ऐसे में कोरोना संक्रमण को देखते हुए शवों को प्रभावित करने पर रोक लगा दी गई है. उन्होंने बताया कि ससम्मान अंतिम संस्कार के लिए सरकार की ओर से व्यवस्था की गई है. जहां तक गाजीपुर समेत 7 जिलों की नदियों में शवों के मिलने की बात है, स्थानीय प्रशासन से पंचायत नामा कराकर अंतिम संस्कार कराने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही नदियों के किनारे बसे जिलों के पुलिस कप्तानों को निर्देश दिया गया है कि पूरी सतर्कता बरतें और किसी भी हाल में शवों को प्रवाहित न होने दें. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी चिह्नित जिलों में निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं.
बिहार से शवों को लाकर यूपी की नदियों में फेंके जाने पर दी सफाई
बिहार से लाशों को लाकर यूपी की नदियों में प्रभावित किया जा रहा है. इस सवाल पर प्रशांत कुमार ने कहा कि हम किसी पर आरोप-प्रत्यारोप नहीं करना चाहते हैं. अगर यूपी के किसी जिले में नदी में शव मिले हैं, तो वहां के पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह पंचायत भरवाकर कार्रवाई करे. वहीं, सूत्रों का कहना है कि गाजीपुर, वाराणसी, कानपुर व उन्नाव पुलिस ने जल पुलिस से पेट्रोलिंग शुरू करा दी है. इसका मकसद न सिर्फ शव को नदी में प्रवाहित करने से रोकना है, बल्कि घाटों पर लगने वाली भीड़ को भी नियंत्रित करना है.
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