लखनऊ: रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह के खिलाफ राजधानी के हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. सचिवालय चौकी इंचार्ज सुभाष की तहरीर पर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक और भ्रामक तथ्य पोस्ट करने को लेकर यह एफआईआर दर्ज की गई है. एसएचओ हजरतगंज ने जानकारी देते हुए बताया कि चौकी इंचार्ज सुभाष की तहरीर पर रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह के खिलाफ आपदा प्रबंधन एक्ट और महामारी अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.
बता दें कि सूर्य प्रताप सिंह ने ट्विटर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टीम 11 को लेकर टिप्पणी की थी. टिप्पणी करते हुए सूर्य प्रताप सिंह ने लिखा था कि सीएम योगी की टीम इलेवन की मीटिंग के बाद क्या मुख्य सचिव ने ज्यादा कोरोना टेस्ट कराने वाले कुछ डीएम को हड़काया है कि क्यों इतनी तेजी पकड़े हो, "क्या इनाम पाना है? जो टेस्ट-टेस्ट चिल्ला रहे हो, चीफ सेक्रेटरी यूपी स्थिति स्पष्ट करेंगे? यूपी की स्ट्रेटजी, नो टेस्ट = नो कोरोना.” सूर्य प्रताप सिंह द्वारा किए गए इस ट्वीट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है.
आपत्तिजनक पोस्ट करने वालों के खिलाफ लगातार हो रही कार्रवाई
सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने वालों के खिलाफ राजधानी लखनऊ में लगातार कार्रवाई हो रही है. सरकार के ऊपर सवाल खड़े करने को लेकर पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. इससे पहले कांग्रेस नेता अलका लांबा के खिलाफ भी सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. ये एफआईआर बाल आयोग सदस्य प्रीति की शिकायत पर दर्ज की गई थी.