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लखनऊ जू के मछलीघर में आया नया समुद्री जीव कारपेट एनीमोन, जल्द ही दिखेगी स्टार फिश - लखनऊ चिड़ियाघर के निदेशक वीके मिश्र

लखनऊ जू के मछलीघर में नया समुद्री जीव कारपेट एनीमोन (Carpet Anemone in Lucknow Zoo) लाया गया है. यहां जल्द ही स्टार फिश भी आने की उम्मीद की जा रही है.

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लखनऊ चिड़ियाघर में कारपेट एनीमोन Carpet Anemone in Lucknow Zoo up news in hindi लखनऊ जू
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Published : Apr 1, 2023, 7:26 AM IST

लखनऊ: लखनऊ चिड़ियाघर यानी प्राणि उद्यान के मछलीघर के समुंद्री एक्वेरियम में शुक्रवार को दो कारपेट एनीमोन को रखा गया है. भारत के समुद्र में मिलने वाले जलीय जीव, जो फूल पौधों की तरह दिखाई देते है. उनको अब आप नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान, लखनऊ के मछली घर में देख सकते है. इस बात की जानकारी लखनऊ चिड़ियाघर के निदेशक वीके मिश्रा ने दी.

लखनऊ चिड़ियाघर में कारपेट एनीमोन (Carpet Anemone in Lucknow Zoo) को लेकर लखनऊ चिड़ियाघर के निदेशक वीके मिश्र ने कहा कि छात्रों को और खास तौर पर जीव विज्ञान पढ़ने वाले छात्रों और शोधार्थियों के लिए यह उपयुक्त मौका है कि वे इसको प्रत्यक्ष देख सकते है. उन्होंने बताया कि जल्दी ही स्टार फिश को भी लाया जाएगा. उत्तर भारत में मौसम की विषमताओं के कारण इनको यहां पर संरक्षित कर रखना बहुत ही कठिन है. भारत में 40 प्रकार के एनीमोन मिलते है और वे सब पौधों, फूल और झाड़ की तरह दिखते है. उन्होंने बताया कि इनको खाने में सप्ताह में एक बार मछली दी जायेगी. प्राणि उद्यान के मरीन एक्वेरियम में अभी दो कारपेट एनीमोन को रखा गया है.

मछली विशेषज्ञ एवं प्राणि उद्यान में मछली घर के संचालक इंद्रमणि राजा ने बताया कि पूरी दुनियां में एनीमोन की लगभग एक हजार प्रकार की प्रजातियां मिलती हैं. भारत के तीनों समुद्रों में यह बहुतायत से मिलते हैं, लेकिन अंडमान निकोबार इनका मुख्य प्राकृतिक आवास है. वैसे तो ये छिछले समुद्र के किनारों पर मिलते हैं, लेकिन दस हजार मीटर नीचे भी कई प्रकार के एनीमोन मिलते हैं.

एनीमोन भोजन के लिए अपने रंग और आकार का प्रयोग कर छोटे कीट पंतगों और छोटी मछलियों को आकर्षित कर उन्हें खा लेते हैं. केवल क्लाउन फिश ही इस एनीमोन में अपना घर बना कर रहती है और समुद्र में जहां सब एक दूसरे के दुश्मन है. वहां यह मछली और एनीमोन सहजीवी के प्रमाण है. यह एनीमोन क्लाउन फिश को सुरक्षित घर देते है, जबकि बाकी सभी मछलियों को दबा कर मार देता है.

एनीमोन जहरीले और खतरनाक होते हैं और हम उनको छू नहीं सकते क्योंकि अगर हमारी त्वचा उसके संपर्क में आ जाती है तो वह उतनी त्वचा को उतार लेगा और जहरीले होने के कारण हमको एंटीवेनम की भी चिकित्सकीय सहयोग लेना पड़ेगा. भारत में एनीमोन पर शोध चल रहे हैं. प्राणि उद्यान के वन्यजीव चिकित्सालय में रह रहे तेंदुआ अशोका की हालत स्थिर बनी हुई है, वह थोड़ा-बहुत भोजन-पानी ले रहा है. (up news in hindi)

लखनऊ: लखनऊ चिड़ियाघर यानी प्राणि उद्यान के मछलीघर के समुंद्री एक्वेरियम में शुक्रवार को दो कारपेट एनीमोन को रखा गया है. भारत के समुद्र में मिलने वाले जलीय जीव, जो फूल पौधों की तरह दिखाई देते है. उनको अब आप नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान, लखनऊ के मछली घर में देख सकते है. इस बात की जानकारी लखनऊ चिड़ियाघर के निदेशक वीके मिश्रा ने दी.

लखनऊ चिड़ियाघर में कारपेट एनीमोन (Carpet Anemone in Lucknow Zoo) को लेकर लखनऊ चिड़ियाघर के निदेशक वीके मिश्र ने कहा कि छात्रों को और खास तौर पर जीव विज्ञान पढ़ने वाले छात्रों और शोधार्थियों के लिए यह उपयुक्त मौका है कि वे इसको प्रत्यक्ष देख सकते है. उन्होंने बताया कि जल्दी ही स्टार फिश को भी लाया जाएगा. उत्तर भारत में मौसम की विषमताओं के कारण इनको यहां पर संरक्षित कर रखना बहुत ही कठिन है. भारत में 40 प्रकार के एनीमोन मिलते है और वे सब पौधों, फूल और झाड़ की तरह दिखते है. उन्होंने बताया कि इनको खाने में सप्ताह में एक बार मछली दी जायेगी. प्राणि उद्यान के मरीन एक्वेरियम में अभी दो कारपेट एनीमोन को रखा गया है.

मछली विशेषज्ञ एवं प्राणि उद्यान में मछली घर के संचालक इंद्रमणि राजा ने बताया कि पूरी दुनियां में एनीमोन की लगभग एक हजार प्रकार की प्रजातियां मिलती हैं. भारत के तीनों समुद्रों में यह बहुतायत से मिलते हैं, लेकिन अंडमान निकोबार इनका मुख्य प्राकृतिक आवास है. वैसे तो ये छिछले समुद्र के किनारों पर मिलते हैं, लेकिन दस हजार मीटर नीचे भी कई प्रकार के एनीमोन मिलते हैं.

एनीमोन भोजन के लिए अपने रंग और आकार का प्रयोग कर छोटे कीट पंतगों और छोटी मछलियों को आकर्षित कर उन्हें खा लेते हैं. केवल क्लाउन फिश ही इस एनीमोन में अपना घर बना कर रहती है और समुद्र में जहां सब एक दूसरे के दुश्मन है. वहां यह मछली और एनीमोन सहजीवी के प्रमाण है. यह एनीमोन क्लाउन फिश को सुरक्षित घर देते है, जबकि बाकी सभी मछलियों को दबा कर मार देता है.

एनीमोन जहरीले और खतरनाक होते हैं और हम उनको छू नहीं सकते क्योंकि अगर हमारी त्वचा उसके संपर्क में आ जाती है तो वह उतनी त्वचा को उतार लेगा और जहरीले होने के कारण हमको एंटीवेनम की भी चिकित्सकीय सहयोग लेना पड़ेगा. भारत में एनीमोन पर शोध चल रहे हैं. प्राणि उद्यान के वन्यजीव चिकित्सालय में रह रहे तेंदुआ अशोका की हालत स्थिर बनी हुई है, वह थोड़ा-बहुत भोजन-पानी ले रहा है. (up news in hindi)

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