ETV Bharat / state

पंचायत चुनाव में ज्यादा खर्च नहीं कर पाएंगे उम्मीदवार, यहां देखें खर्च करने की सीमा - राज्य निर्वाचन आयोग

यूपी में आगामी पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग और पंचायती राज विभाग की ओर से तैयारियां तेज हैं. फरवरी महीने में पंचायत चुनाव का नोटिफिकेशन जारी होगा. देखें ये रिपोर्ट-

यूपा में पंचायत चुनाव की तैयारी.
यूपा में पंचायत चुनाव की तैयारी.
author img

By

Published : Jan 9, 2021, 5:08 PM IST

लखनऊ: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराए जाने को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग और पंचायती राज विभाग के स्तर पर कार्य तेजी से चल रहा है. पंचायत चुनाव का नोटिफिकेशन भी फरवरी महीने में जारी होगा. मार्च से लेकर अप्रैल के प्रथम सप्ताह तक चुनाव करा लिए जाएंगे. यहां देखिए चुनाव को लेकर किस प्रकार की व्यवस्था की जा रही है-

उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई

चुनाव लड़ने के लिए खर्च करने की सीमा भी तय की जा रही है, जिससे उम्मीदवार अधिक पैसा ना खर्च कर पाए. अगर निर्धारित धनराशि से अधिक खर्च उम्मीदवारों की तरफ से किया जाएगा, तो उनके खिलाफ कार्रवाई निर्वाचन आयोग के स्तर पर की जाएगी.

इतनी होगी खर्च की सीमा

राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, प्रत्याशियों के चुनाव खर्च की सीमा 2015 में हुए चुनाव की तरह ही रहेगी. इसके अंतर्गत ग्राम प्रधान पद के उम्मीदवार चुनाव में सिर्फ 75 हजार ही खर्च कर पाएंगे. इसी तरह जिला पंचायत सदस्य पद के लिए चुनावी खर्च की सीमा अधिकतम डेढ़ लाख रुपये निर्धारित की गई है.

जिला पंचायत अध्यक्ष के खर्च की सीमा 4 लाख

जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए चुनावी खर्च की अधिकतम सीमा 4 लाख रुपये निर्धारित की गई है. ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव खर्च एक तरह का ही निश्चित रहता है. क्षेत्र पंचायत सदस्य को 75 हजार से अधिक धन खर्च करने की अनुमति नहीं होगी.

खर्च की निगरानी के लिए गठित होगी कमेटी

चुनाव खर्च पर निगरानी करने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से कमेटियों का गठन किया जाएगा. इसकी मॉनिटरिंग जिलाधिकारी के स्तर पर होगी. चुनाव खर्च जमा न करने वाले प्रत्याशियों के खिलाफ कार्रवाई भी होगी. सबसे अधिक पैसा खर्च जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में होता है, इसमें करोड़ों रुपये का खर्च होता है. लेकिन उम्मीदवारों की तरफ से इसे हमेशा छुपाया जाता रहा है. निर्वाचन आयोग का दावा है कि इस बार चुनाव में चार लाख से अधिक खर्च करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी.


आरक्षण पर अभी नहीं हुआ फैसला

पंचायती राज विभाग के अंतर्गत ब्लॉक प्रमुख, ग्राम प्रधान जैसे पदों पर आरक्षण की व्यवस्था लागू किए जाने को लेकर तैयारी चल रही है. सरकार वर्ष 1995 जैसा आरक्षण की व्यवस्था निर्धारित कर सकती है. इसके अलावा ग्राम प्रधान और जिला पंचायत सदस्यों के पदों पर भी आरक्षण को लेकर शासन स्तर पर फैसला होना अभी बाकी है. इसके लिए पंचायती राज निदेशालय की तरफ से आरक्षण का फार्मूला शासन को भेजा जा चुका है.

लखनऊ: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराए जाने को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग और पंचायती राज विभाग के स्तर पर कार्य तेजी से चल रहा है. पंचायत चुनाव का नोटिफिकेशन भी फरवरी महीने में जारी होगा. मार्च से लेकर अप्रैल के प्रथम सप्ताह तक चुनाव करा लिए जाएंगे. यहां देखिए चुनाव को लेकर किस प्रकार की व्यवस्था की जा रही है-

उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई

चुनाव लड़ने के लिए खर्च करने की सीमा भी तय की जा रही है, जिससे उम्मीदवार अधिक पैसा ना खर्च कर पाए. अगर निर्धारित धनराशि से अधिक खर्च उम्मीदवारों की तरफ से किया जाएगा, तो उनके खिलाफ कार्रवाई निर्वाचन आयोग के स्तर पर की जाएगी.

इतनी होगी खर्च की सीमा

राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, प्रत्याशियों के चुनाव खर्च की सीमा 2015 में हुए चुनाव की तरह ही रहेगी. इसके अंतर्गत ग्राम प्रधान पद के उम्मीदवार चुनाव में सिर्फ 75 हजार ही खर्च कर पाएंगे. इसी तरह जिला पंचायत सदस्य पद के लिए चुनावी खर्च की सीमा अधिकतम डेढ़ लाख रुपये निर्धारित की गई है.

जिला पंचायत अध्यक्ष के खर्च की सीमा 4 लाख

जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए चुनावी खर्च की अधिकतम सीमा 4 लाख रुपये निर्धारित की गई है. ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव खर्च एक तरह का ही निश्चित रहता है. क्षेत्र पंचायत सदस्य को 75 हजार से अधिक धन खर्च करने की अनुमति नहीं होगी.

खर्च की निगरानी के लिए गठित होगी कमेटी

चुनाव खर्च पर निगरानी करने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से कमेटियों का गठन किया जाएगा. इसकी मॉनिटरिंग जिलाधिकारी के स्तर पर होगी. चुनाव खर्च जमा न करने वाले प्रत्याशियों के खिलाफ कार्रवाई भी होगी. सबसे अधिक पैसा खर्च जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में होता है, इसमें करोड़ों रुपये का खर्च होता है. लेकिन उम्मीदवारों की तरफ से इसे हमेशा छुपाया जाता रहा है. निर्वाचन आयोग का दावा है कि इस बार चुनाव में चार लाख से अधिक खर्च करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी.


आरक्षण पर अभी नहीं हुआ फैसला

पंचायती राज विभाग के अंतर्गत ब्लॉक प्रमुख, ग्राम प्रधान जैसे पदों पर आरक्षण की व्यवस्था लागू किए जाने को लेकर तैयारी चल रही है. सरकार वर्ष 1995 जैसा आरक्षण की व्यवस्था निर्धारित कर सकती है. इसके अलावा ग्राम प्रधान और जिला पंचायत सदस्यों के पदों पर भी आरक्षण को लेकर शासन स्तर पर फैसला होना अभी बाकी है. इसके लिए पंचायती राज निदेशालय की तरफ से आरक्षण का फार्मूला शासन को भेजा जा चुका है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.