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SI की भर्ती में सॉल्वर के सहारे पास हुए थे अभ्यर्थी, फिजिकल टेस्ट के दौरान गिरफ्तार

यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड ने शनिवार को दारोगा भर्ती परीक्षा में पास होकर आए 6 अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन और फिजिकल टेस्ट के दौरान लखनऊ में गिरफ्तार किया है. आरोप है कि इन अभ्यर्थियों ने अनुचित संसाधनों के माध्यम से परीक्षा में एग्जाम दिया था और पास हुए थे.

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SI की भर्ती
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Published : May 7, 2022, 5:19 PM IST

Updated : May 7, 2022, 5:42 PM IST

लखनऊ: साल 2021 में सब इंस्पेक्टर(SI) की भर्ती के लिए हुई परीक्षा पर अभ्यर्थी सवाल उठाते हुए लखनऊ में पिछले 15 दिनों से धरने पर बैठे हैं. वहीं, यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड ने शनिवार को दारोगा भर्ती परीक्षा में पास होकर आए 6 अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन और फिजिकल टेस्ट के दौरान लखनऊ में गिरफ्तार किया है. आरोप है कि इन अभ्यर्थियों ने अनुचित संसाधनों के माध्यम से परीक्षा में एग्जाम दिया था और पास हुए थे.

12 नवंबर 2021 से 2 दिसम्बर 2021 तक जिलों के विभिन्न परीक्षा केंद्रों में कराई गई थी. इस परीक्षा में पास अभ्यर्थियों का 8 जिलों में दस्तावेज सत्यापन और फिजिकल टेस्ट हो रहा है. इसी क्रम में लखनऊ पुलिस लाइन में 300 अभ्यर्थियों को भी बुलाया गया था. सत्यापन के दौरान परीक्षा केंद्र को भर्ती बोर्ड द्वारा दी गई लॉग बुक को जांचा गया तो उसमें 6 अभ्यर्थियों को लेकर विभाग को शक हुआ और उन्हें बुलाकर पूछताछ की गई. उसमें पता चला कि 6 अभ्यर्थियों की जगह सॉल्वर ने पेपर हल किया था. पकड़े गए अभ्यर्थियों में मैनपुरी निवासी रजत कुमार, शामली निवासी आशुतोष शर्मा, मुजफ्फरनगर निवासी हसीन चौधरी, बुलंदशहर निवासी प्रतीक चौधरी, हरियाणा के दीपक और पिंकू कुमार हैं.

इंस्पेक्टर महानगर के मुताबिक, यूपी पुलिस भर्ती एंव प्रोन्नति बोर्ड की अपर पुलिस अधीक्षक रश्मी रानी ने सभी 6 आरोपी अभ्यर्थियों और परीक्षा पास करवाने का ठेका लेने वाले आगरा के कृष्णा इंस्टिट्यूट के मालिक महेश चंद्रा, पंकज कोटिया, अंकुर व महबूब भाई के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. वहीं, सभी 6 अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

पढ़ेंः पंचायत सहायकों को इस वजह से रास नहीं आ रही नौकरी, 4 हजार इस्तीफे

भर्ती बोर्ड के अपर पुलिस अधीक्षक रश्मी रानी के मुताबिक, शक होने पर जब अभ्यर्थियों से पूछताछ की गई तो रजत कुमार ने बताया कि आगरा के कृष्णा इंफोटेक में उसका परीक्षा केंद्र था. उसने जिला पंचायत आगरा में काम करने वाले पंकज कोटिया के माध्यम से इंस्टिट्यूट के मालिक महेश चंद्रा से 7 लाख रुपये में परीक्षा पास करवाने की डील पक्की की थी. जिसमें उसने महेश को 2 लाख एडवांस और 5 लाख परिणाम आने के बाद दिए थे. वहीं, अन्य अभ्यर्थी आशुतोष ने भी कृष्णा इंस्टिट्यूट के मालिक महेश चंद्रा को 5 लाख रुपये दारोगा भर्ती परीक्षा में पास होने के लिए दिए थे. अन्य आरोपी अभ्यर्थी प्रतीक चौधरी की बुलन्दशहर के एस डब्लू इंफोटेक आगरा में परीक्षा होनी थी. इसके लिए उसने केंद्र व्यवस्थापक को 5 लाख रुपये देकर बिना परीक्षा में भाग लिए पास होने की डील की थी.

यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर भर्ती की परीक्षा में हुई घपले बाजी की जांच यूपी एसटीएफ भी कर रही है. एसटीएफ इस मामले में वाराणसी, अलीगढ़ और मेरठ समेत कई जिलों से गिरफ्तारी कर चुकी है. जिसमें खुलासा हुआ था कि सॉल्वर गैंग परीक्षा केंद्र के पास एक कमरे में इंटरनेट राऊटर लगाते थे और उसका तार केंद्र तक ले जाते थे. इसके बाद परीक्षा केंद्र के कंप्यूटर को हैक करते थे.

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लखनऊ: साल 2021 में सब इंस्पेक्टर(SI) की भर्ती के लिए हुई परीक्षा पर अभ्यर्थी सवाल उठाते हुए लखनऊ में पिछले 15 दिनों से धरने पर बैठे हैं. वहीं, यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड ने शनिवार को दारोगा भर्ती परीक्षा में पास होकर आए 6 अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन और फिजिकल टेस्ट के दौरान लखनऊ में गिरफ्तार किया है. आरोप है कि इन अभ्यर्थियों ने अनुचित संसाधनों के माध्यम से परीक्षा में एग्जाम दिया था और पास हुए थे.

12 नवंबर 2021 से 2 दिसम्बर 2021 तक जिलों के विभिन्न परीक्षा केंद्रों में कराई गई थी. इस परीक्षा में पास अभ्यर्थियों का 8 जिलों में दस्तावेज सत्यापन और फिजिकल टेस्ट हो रहा है. इसी क्रम में लखनऊ पुलिस लाइन में 300 अभ्यर्थियों को भी बुलाया गया था. सत्यापन के दौरान परीक्षा केंद्र को भर्ती बोर्ड द्वारा दी गई लॉग बुक को जांचा गया तो उसमें 6 अभ्यर्थियों को लेकर विभाग को शक हुआ और उन्हें बुलाकर पूछताछ की गई. उसमें पता चला कि 6 अभ्यर्थियों की जगह सॉल्वर ने पेपर हल किया था. पकड़े गए अभ्यर्थियों में मैनपुरी निवासी रजत कुमार, शामली निवासी आशुतोष शर्मा, मुजफ्फरनगर निवासी हसीन चौधरी, बुलंदशहर निवासी प्रतीक चौधरी, हरियाणा के दीपक और पिंकू कुमार हैं.

इंस्पेक्टर महानगर के मुताबिक, यूपी पुलिस भर्ती एंव प्रोन्नति बोर्ड की अपर पुलिस अधीक्षक रश्मी रानी ने सभी 6 आरोपी अभ्यर्थियों और परीक्षा पास करवाने का ठेका लेने वाले आगरा के कृष्णा इंस्टिट्यूट के मालिक महेश चंद्रा, पंकज कोटिया, अंकुर व महबूब भाई के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. वहीं, सभी 6 अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

पढ़ेंः पंचायत सहायकों को इस वजह से रास नहीं आ रही नौकरी, 4 हजार इस्तीफे

भर्ती बोर्ड के अपर पुलिस अधीक्षक रश्मी रानी के मुताबिक, शक होने पर जब अभ्यर्थियों से पूछताछ की गई तो रजत कुमार ने बताया कि आगरा के कृष्णा इंफोटेक में उसका परीक्षा केंद्र था. उसने जिला पंचायत आगरा में काम करने वाले पंकज कोटिया के माध्यम से इंस्टिट्यूट के मालिक महेश चंद्रा से 7 लाख रुपये में परीक्षा पास करवाने की डील पक्की की थी. जिसमें उसने महेश को 2 लाख एडवांस और 5 लाख परिणाम आने के बाद दिए थे. वहीं, अन्य अभ्यर्थी आशुतोष ने भी कृष्णा इंस्टिट्यूट के मालिक महेश चंद्रा को 5 लाख रुपये दारोगा भर्ती परीक्षा में पास होने के लिए दिए थे. अन्य आरोपी अभ्यर्थी प्रतीक चौधरी की बुलन्दशहर के एस डब्लू इंफोटेक आगरा में परीक्षा होनी थी. इसके लिए उसने केंद्र व्यवस्थापक को 5 लाख रुपये देकर बिना परीक्षा में भाग लिए पास होने की डील की थी.

यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर भर्ती की परीक्षा में हुई घपले बाजी की जांच यूपी एसटीएफ भी कर रही है. एसटीएफ इस मामले में वाराणसी, अलीगढ़ और मेरठ समेत कई जिलों से गिरफ्तारी कर चुकी है. जिसमें खुलासा हुआ था कि सॉल्वर गैंग परीक्षा केंद्र के पास एक कमरे में इंटरनेट राऊटर लगाते थे और उसका तार केंद्र तक ले जाते थे. इसके बाद परीक्षा केंद्र के कंप्यूटर को हैक करते थे.

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Last Updated : May 7, 2022, 5:42 PM IST
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