लखनऊ: ग्राम पंचायत अधिकारी की भर्ती प्रक्रिया में शामिल अभ्यर्थियों ने सोमवार सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास का घेराव कर जमकर नारेबाजी की. इसकी जानकारी होने पर मौके पर पुलिस बल पहुंच गया और प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया. अभ्यर्थियों का आरोप है कि डेढ़ साल पहले अभ्यर्थी चयन लिस्ट जारी होने के बावजूद उनकी भर्ती नहीं की जा रही है. प्रशासन जांच के नाम पर अभ्यर्थियों का मानसिक उत्पीड़न कर रहा है.
सफल अभ्यर्थियों को नहीं मिली नियुक्ति
2018 में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग यानी UPSSSC ने एक भर्ती निकाली थी. इसमें ग्राम पंचायत अधिकारी के 1527, ग्राम विकास अधिकारी के 362 और समाज कल्याण पर्यवेक्षक के 64 सहित कुल मिलाकर 1952 पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे. इसकी परीक्षा 22-23 दिसंबर को हुई और रिजल्ट 28 अगस्त, 2019 को जारी किया गया था. लिखित परीक्षा में पास हुए अभ्यर्थियों के डॉक्यूमेंट का वेरिफिकेशन होना था. रिजल्ट आए एक साल से अधिक हो गया पर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन नहीं हो पाए.
कहां फंस गई भर्ती
परीक्षा का रिजल्ट 28 अगस्त, 2019 को आया था. तीन सितम्बर को आयोग ने मासिक कैलेंडर जारी किया. इस कैलेंडर के मुताबिक अक्टूबर, 2019 के चौथे सप्ताह में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन शुरू होना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. फिर अक्टूबर का कैलेंडर आया. इसमें नवम्बर में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन सुनिश्चित किया गया, लेकिन अभ्यर्थियों को निराशा हाथ लगी. लिहाजा वेरिफिकेशन में हीलाहवाली के चलते अभ्यर्थी सीएम आवास के बाहर धरने पर बैठ गए.
आंतरिक जांच के बाद SIT की जांच
लॉकडाउन के दौरान 20 जून, 2020 को आयोग ने नोटिस जारी कर बताया था कि ग्राम पंचायत अधिकारी भर्ती के संबंध में एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम यानी कि SIT बनाई गई है. भर्ती की प्रक्रिया SIT की रिपोर्ट आने के बाद ही आगे बढ़ाई जाएगी.