लखनऊ: लंबे समय से कोर्ट में लटकी पड़ी 69,000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में अब शासन स्तर से 31,661 पदों को भरने की हरी झंडी मिल चुकी है. हालांकि 37 हजार से ज्यादा शिक्षामित्रों के मामले की सुनवाई उच्चतम न्यायालय में चल रही है. ऐसे में सरकार ने सुनवाई पूरी होने तक 37,339 पदों की भर्ती के आदेश को सुरक्षित कर लिया है. शिक्षामित्रों के आरक्षित 37,339 पदों को छोड़कर बाकी बचे पदों को जनपदवार भरने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.
प्रदेश में कुल 46 फीसदी पदों पर ही नियुक्तियां हो रही हैं. इसलिए जिलेवार इतने ही पदों का आवंटन किया जाएगा. पहले लखनऊ में डेढ़ सौ पद स्वीकृत थे, लेकिन शिक्षा मित्रों के सुरक्षित पदों के चलते यह संख्या घटकर 68 रह गई है. ऐसे में लखनऊ में अच्छी मेरिट होने के बाद भी कुछ अभ्यर्थी शिक्षक बनने से वंटित रह जाएंगे, जबकि दूसरे जनपदों में कम अंक पाने वाले अभ्यर्थी शिक्षक बन जाएंगे. इसलिए अभ्यर्थियों ने भर्ती प्रक्रिया में सुधार करने की अपील की है.
प्राथमिक शिक्षक 69,000 भर्ती प्रक्रिया में नया मोड़ आया है. शासन स्तर से 31,661 पदों को भरने का फैसला लिया गया है. इस क्रम में अब बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से पदों को समानुपात ढंग से भरने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. वहीं ऐसे भी अभ्यर्थी हैं जो अच्छी मेरिट पाने के बावजूद भी उनका चयन नहीं हो सकेगा, क्योंकि उनको एक जिला ही आवंटित किया गया है. लखनऊ में शिक्षकों के लिए डेढ़ सौ पद आवंटित थे, लेकिन अब नए नियम के अनुसार केवल 68 पद ही बच रहे हैं. ऐसे में जो अभ्यर्थी ऊंची मेरिट रखता है, उसके बाद भी उसका चयन नहीं हो सकेगा, जबकि उससे कम मेरिट वाला अभ्यर्थी दूसरे जनपदों में चयनित हो जाएगा. ऐसे में शुक्रवार को बेसिक शिक्षा निदेशालय लखनऊ में सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी पहुंचे. उन्होंने निदेशक बेसिक शिक्षा से मुलाकात कर इस भर्ती प्रक्रिया में संशोधन की मांग की.
अभ्यर्थी श्याम शंकर यादव ने बताया कि उन्होंने लखनऊ के लिए आवेदन किया था, लेकिन पहले उनका चयन निश्चित था, लेकिन अब ऊंचे अंक पाने के बावजूद भी इस नई भर्ती प्रक्रिया में उनका चयन नहीं हो सकेगा. वहीं दूसरे व्यक्ति प्रमोद ने बताया कि नई भर्ती प्रक्रिया से सीटों के सापेक्ष जनपद में अब सीटे घट जाएंगी, जिसके कारण ऊंची मेरिट पाने के बावजूद भी उनका चयन नहीं हो सकेगा, जबकि उन्हें अन्य जनपदों में भरने का भी विकल्प मिलना चाहिए.