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कैदियों को एचआईवी, टीबी, हेपेटाइटिस से सुरक्षित रखने के लिए चलेगा अभियान, बनाई गई कार्ययोजना

प्रदेश की जेलों में निरुद्ध कैदियों, बाल सुधार गृहों में निरुद्ध बच्चों और मद्य निषेध केंद्रों के लाभार्थियों को गंभीर बीमारी से बचाने के लिए अभियान की शुरूआत की जाएगी.

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Published : May 3, 2023, 9:33 PM IST

लखनऊ : जिला स्तर पर सभी विभागों में टीबी, हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम और महिला कल्याण विभाग के नोडल अधिकारी नामित किए जाएं और उन सभी के साथ बैठक की जाए, जिससे अभियान प्रभावी रूप से संपन्न हो सके. सभी विभागों के पारस्परिक सहयोग से ही यह अभियान सफल होगा. यह बातें बुधवार को यूपी स्टेट एड्स नियंत्रण सोसाइटी के अपर परियोजना निदेशक डॉ. हीरालाल ने कहीं.

उन्होंने कहा कि 'प्रदेश की जेलों में निरुद्ध कैदियों, बाल सुधार गृहों में निरुद्ध बच्चों और मद्य निषेध केंद्रों के लाभार्थियों को एचआईवी, टीबी, हेपेटाइटिस से सुरक्षित रखने के लिए राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संस्थान जल्द ही अभियान शुरू करने जा रहा है. इसी अभियान को लेकर यूपी स्टेट एड्स नियंत्रण सोसाइटी के अपर परियोजना निदेशक डॉ. हीरालाल की अध्यक्षता में बुधवार को सोसाइटी सभागार कक्ष में बैठक हुई. इस बैठक में आगे की कार्ययोजना बनाई गई है.'

अपर परियोजना निदेशक ने कहा कि 'अभियान के दौरान प्रचार-प्रसार गतिविधियों को प्रभावी रूप में किया जाए. सभी जगह व्यापक रूप से वॉल राइटिंग कराई जाए. सभी कारागार के कम्युनिटी रेडियो पर जागरूकता के लिए तैयार किए गए रेडियो जिंगल का भी प्रसारण सुनिश्चित किया जाए. साथ ही अभियान के दौरान पर्याप्त मात्रा में टेस्टिंग किट की उपलब्धता भी सुनिश्चित कराई जाए.' उन्होंने आगे की तैयारियों को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कहा.

बैठक में सोसाइटी के संयुक्त निदेशक रमेश श्रीवास्तव, स्टेट टीबी अफसर डॉ. शैलेन्द्र भटनागर, महिला कल्याण विभाग से उपनिदेशक बीएस निरंजन, मद्य निषेध विभाग के राम राजवंशी और हेपटाइटिस कायर्कम से डॉ. विकासेंदु अग्रवाल ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए. बैठक में डॉ एके सिंहल, डॉ. गीता अग्रवाल, राज्य कारागार कोर्डिनेटर अमृता सोनी, अवंतिका श्रीवास्तव, संतोष कुमार इत्यादि मौजूद रहे.'



जागरूकता कार्यक्रम आयोजित : दांत इम्प्लांट के लिए पुरानी तकनीक की तुलना में नवीन तकनीक ज्यादा आसान है और सुरक्षित भी है. इसको लेकर केजीएमयू के डेंटल विभाग में लगातार जागरूकता कार्यक्रम और सेमिनार आयोजित हो रहा है. डॉ. कमलेश्वर सिंह, प्रोफेसर, प्रोस्थोडॉन्टिक्स विभाग, केजीएमयू को आईडीए, लखनऊ शाखा द्वारा बुधवार को चरण प्लाजा, हजरतगंज में अतिथि वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया. उन्होंने प्रो. डॉ. अनिल चंद्रा, डेंटल फैकल्टी, केजीएमयू की स्मृति में इम्प्लांट लोडिंग प्रोटोकॉल पर व्याख्यान दिया. डॉ. कमलेश्वर ने विभिन्न मरीजों में डेंटल इम्प्लांट लोडिंग की पद्धतियों को प्रस्तुत किया.

यह भी पढ़ें : रिवर फ्रंट पर अखिलेश की प्रेस वार्ता के बाद मुख्यमंत्री योगी ने दिया ऐसा जवाब

लखनऊ : जिला स्तर पर सभी विभागों में टीबी, हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम और महिला कल्याण विभाग के नोडल अधिकारी नामित किए जाएं और उन सभी के साथ बैठक की जाए, जिससे अभियान प्रभावी रूप से संपन्न हो सके. सभी विभागों के पारस्परिक सहयोग से ही यह अभियान सफल होगा. यह बातें बुधवार को यूपी स्टेट एड्स नियंत्रण सोसाइटी के अपर परियोजना निदेशक डॉ. हीरालाल ने कहीं.

उन्होंने कहा कि 'प्रदेश की जेलों में निरुद्ध कैदियों, बाल सुधार गृहों में निरुद्ध बच्चों और मद्य निषेध केंद्रों के लाभार्थियों को एचआईवी, टीबी, हेपेटाइटिस से सुरक्षित रखने के लिए राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संस्थान जल्द ही अभियान शुरू करने जा रहा है. इसी अभियान को लेकर यूपी स्टेट एड्स नियंत्रण सोसाइटी के अपर परियोजना निदेशक डॉ. हीरालाल की अध्यक्षता में बुधवार को सोसाइटी सभागार कक्ष में बैठक हुई. इस बैठक में आगे की कार्ययोजना बनाई गई है.'

अपर परियोजना निदेशक ने कहा कि 'अभियान के दौरान प्रचार-प्रसार गतिविधियों को प्रभावी रूप में किया जाए. सभी जगह व्यापक रूप से वॉल राइटिंग कराई जाए. सभी कारागार के कम्युनिटी रेडियो पर जागरूकता के लिए तैयार किए गए रेडियो जिंगल का भी प्रसारण सुनिश्चित किया जाए. साथ ही अभियान के दौरान पर्याप्त मात्रा में टेस्टिंग किट की उपलब्धता भी सुनिश्चित कराई जाए.' उन्होंने आगे की तैयारियों को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कहा.

बैठक में सोसाइटी के संयुक्त निदेशक रमेश श्रीवास्तव, स्टेट टीबी अफसर डॉ. शैलेन्द्र भटनागर, महिला कल्याण विभाग से उपनिदेशक बीएस निरंजन, मद्य निषेध विभाग के राम राजवंशी और हेपटाइटिस कायर्कम से डॉ. विकासेंदु अग्रवाल ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए. बैठक में डॉ एके सिंहल, डॉ. गीता अग्रवाल, राज्य कारागार कोर्डिनेटर अमृता सोनी, अवंतिका श्रीवास्तव, संतोष कुमार इत्यादि मौजूद रहे.'



जागरूकता कार्यक्रम आयोजित : दांत इम्प्लांट के लिए पुरानी तकनीक की तुलना में नवीन तकनीक ज्यादा आसान है और सुरक्षित भी है. इसको लेकर केजीएमयू के डेंटल विभाग में लगातार जागरूकता कार्यक्रम और सेमिनार आयोजित हो रहा है. डॉ. कमलेश्वर सिंह, प्रोफेसर, प्रोस्थोडॉन्टिक्स विभाग, केजीएमयू को आईडीए, लखनऊ शाखा द्वारा बुधवार को चरण प्लाजा, हजरतगंज में अतिथि वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया. उन्होंने प्रो. डॉ. अनिल चंद्रा, डेंटल फैकल्टी, केजीएमयू की स्मृति में इम्प्लांट लोडिंग प्रोटोकॉल पर व्याख्यान दिया. डॉ. कमलेश्वर ने विभिन्न मरीजों में डेंटल इम्प्लांट लोडिंग की पद्धतियों को प्रस्तुत किया.

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