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फर्जी तरीके से शस्त्र लाइसेंस प्राप्त करने वाले के खिलाफ चलेगा प्रदेश भर में अभियान

उत्तर प्रदेश में फर्जी तरीके से शस्त्र लाइसेंस प्राप्त करने वालों के खिलाफ 20 सितंबर से 20 अक्टूबर तक अभियान चलाया जाएगा. इस दौरान फर्जी तरीके से लाइसेंस हासिल करने वालों की जांच होगी. शस्त्र लाइसेंस धारकों द्वारा खरीदे गए कारतूस उन्हें इस जांच के दौरान देना पड़ेगा

लखनऊ सचिवालय.
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Published : Sep 19, 2019, 3:13 PM IST

लखनऊः प्रदेश सरकार अब फर्जी शस्त्र लाइसेंस धारकों पर लगाम लगाने के लिए अभियान चलाएगा. इस अभियान के दौरान प्रदेश के सभी जिलों में असलहों और कारतूसों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा. अभियान के दौरान लाइसेंसधारियों की गरिमा का भी खास ख्याल रखा जाएगा, जिससे किसी भी तरह का कोई विवाद न होने पाए.

देखें वीडियो.
इस अभियान को पूरे प्रदेश में जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की देख-रेख में चलाया जाएगा. इसके लिए अपर मुख्य सचिव गृह ने आदेश जारी कर दिए हैं. 20 सितंबर से 20 अक्टूबर तक उन सभी लाइसेंस धारकों के कारतूस की खरीद का ब्योरा लिया जाएगा. इस दौरान हर्ष फायरिंग की रोकथाम और फर्जी तरीके से शस्त्र लाइसेंस हासिल करने वालों की भी जांच की जाएगी.

सभी जिलों के डीएम और एसएसपी को इसकी जिम्मेदारी दी गई है. अभियान के दौरान कार्यालय के रिकॉर्ड और पोर्टल पर दर्ज रिकॉर्ड का मिलान किया जाएगा. लाइसेंस सत्यापन करने के बाद 21 अक्टूबर से 21 नवंबर तक अधिकारी कार्यालय के रिकार्ड से कारतूस का मिलान कराएंगे. मानकों को नजरअंदाज करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.

ये भी पढ़ें:- बिना लाइसेंस के इस होटल में चल रहा था बार, आबकारी विभाग ने की छापेमारी

लखनऊः प्रदेश सरकार अब फर्जी शस्त्र लाइसेंस धारकों पर लगाम लगाने के लिए अभियान चलाएगा. इस अभियान के दौरान प्रदेश के सभी जिलों में असलहों और कारतूसों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा. अभियान के दौरान लाइसेंसधारियों की गरिमा का भी खास ख्याल रखा जाएगा, जिससे किसी भी तरह का कोई विवाद न होने पाए.

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इस अभियान को पूरे प्रदेश में जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की देख-रेख में चलाया जाएगा. इसके लिए अपर मुख्य सचिव गृह ने आदेश जारी कर दिए हैं. 20 सितंबर से 20 अक्टूबर तक उन सभी लाइसेंस धारकों के कारतूस की खरीद का ब्योरा लिया जाएगा. इस दौरान हर्ष फायरिंग की रोकथाम और फर्जी तरीके से शस्त्र लाइसेंस हासिल करने वालों की भी जांच की जाएगी.

सभी जिलों के डीएम और एसएसपी को इसकी जिम्मेदारी दी गई है. अभियान के दौरान कार्यालय के रिकॉर्ड और पोर्टल पर दर्ज रिकॉर्ड का मिलान किया जाएगा. लाइसेंस सत्यापन करने के बाद 21 अक्टूबर से 21 नवंबर तक अधिकारी कार्यालय के रिकार्ड से कारतूस का मिलान कराएंगे. मानकों को नजरअंदाज करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.

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उत्तर प्रदेश में फर्जी तरीके से शस्त्र लाइसेंस प्राप्त करने वालों के खिलाफ आने वाले 20 सितंबर से 20 अक्टूबर तक अभियान चलाया जाएगा इस दौरान फर्जी तरीके से लाइसेंस हासिल करने वालों की जांच होगी शस्त्र लाइसेंस धारकों द्वारा खरीदे गए कारतूस शताब्दी उन्हें इस जांच के दौरान देना पड़ेगा।




Body:उत्तर प्रदेश सरकार ने अब फर्जी शस्त्र लाइसेंस धारकों पर लगाम लगाने के लिए अभियान चलाया जाएगा इस अभियान के दौरान उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में असलहो और कारतूसो का भौतिक सत्यापन किया जाएगा। अभियान 20 सितंबर से 20 अक्टूबर तक चलेगा। इस दौरान उन सभी लाइसेंस धारकों के कारतूस की खरीद का ब्यौरा भी लिया जाएगा।अक्टूबर तक इस पूरे प्रदेश में जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की देखरेख में पूरा अभियान चलाया जाएगा।इसके लिए अपर मुख्य सचिव गृह अवस्थी ने आदेश जारी कर दिए हैंम इस दौरान हर्ष फायरिंग की रोकथाम और फर्जी तरीके से शस्त्र लाइसेंस हासिल करने वालों को की भी जांच की जाएगी।सभी जिलों के डीएम और एसपी को इसके लिए जिम्मेदारी दी गई है कि अभियान के दौरान कार्यालय के रिकॉर्ड और पोर्टल पर दर्ज रिकॉर्ड का मिलान किया जाए।लाइसेंस सत्यापन करने के बाद 21 अक्टूबर से 21 नवंबर तक थानों अधिकारियों के कार्यालय के रिकार्ड से और कारतूस का मिलान कराएंगे। इसके बाद सभी जिलों की पुलिस लाइन में 25 नवंबर से 31 दिसंबर तक को और कारतूस लेकर आना होगा मानकों को नजरअंदाज करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं ।अभियान के दौरान लाइसेंस धारियों गरिमा का भी खास ख्याल रखा जाएगा। जिससे कि किसी भी तरह की कोई विवाद न होने पाए।




Conclusion:एन्ड
शुभम पाण्डेय
7054605976

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