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प्रदेश में विकसित हो रहा है औद्योगिक हब: सिद्धार्थ नाथ सिंह - योगी सरकार

योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप प्रदेश को औद्योगिक हब के रूप में विकसित किया जा रहा है. इससे जहां बड़े स्तर पर लोगों को रोजगार मिलेगा, वहीं कुशल/अकुशल श्रमिकों का पलायन भी रुकेगा. उन्होंने कहा कि देश को पांच ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने में उत्तर प्रदेश का भी महत्पूर्ण योगदान रहेगा.

कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह
कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह
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Published : Apr 15, 2021, 9:04 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, निवेश और निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों के विकास को और अधिक गतिशील बनाने के लिए और केंद्र सरकार की एमएसई-सीडीपी (माइक्रो एण्ड स्माल इन्टरप्राइजेज क्लस्टर डेवलपमेंट) योजना को मूर्तरूप देने के लिए गुरुवार को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग एवं एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी से वर्चुअल संवाद किया.

सिद्धार्थ नाथ सिंह ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को यह भी अवगत कराया कि वाराणसी में ग्लास बीड्स क्लस्टर की स्थापना हेतु केंद्र सरकार की सहयोग राशि अपेक्षित है. उन्होंने बताया कि इसी प्रकार संत कबीर नगर में ब्रासवेयर यूटेनशिल्स क्लस्टर एवं गोरखपुर में टेराकोटा व पाटॅरी परियोजना को भी अंतिम स्वीकृति दी जानी है. इसके अतिरिक्त सहारनपुर में लेदर फुटवियर, सम्भल एवं मुरादाबाद में वुडेन प्रोसेसिंग कार्विंग और शीट मेटल, लखीमपुर खीरी एवं बाराबंकी में चिकनकारी, झांसी में हैण्डलूम एवं स्पाईस ग्रेन प्रोसेसिंग पैकेजिंग, चन्दौली में राइस, मेरठ में लेदर गुड्स, आजमगढ़ में जूट रोप यार्न, गाजीपुर में जूट वॉल हैंगिंग, बदायूं में जरी-जरदोजी, गौतम बुद्ध नगर में मोल्ड डिजाइन डेवलपमेंट प्लास्टिक, मथुरा में मेटालर्जिकल और कानपुर में रेडीमेड गारमेंट आदि औद्योगिक क्लस्टर केंद्र सरकार के सहयोग से विकसित किये जाने हैं.

इन जिलों में बनाया जाएगा टॉय क्लस्टर
सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि इसी प्रकार पारंपरिक एवं आधुनिक खिलौना उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए झांसी, वाराणसी, गोरखपुर एवं चित्रकूट में टॉय कल्सटर का विकास किया जाना है. इसके लिए शीघ्र ही डीपीआर तैयार कर केंद्र सरकार को प्रेषित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास के अन्तर्गत प्रयागराज, कानपुर देहात, फर्रुखाबाद, लखनऊ, सीतापुर एवं जौनपुर सहित छह जनपदों में औद्योगिक आस्थानों को विकसित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित है. इसके अलावा आगरा एवं कानपुर में फ्लैटेड फैक्ट्री काम्पलेक्स की स्थापना हेतु केंद्र सरकार से सैद्धांतिक स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है. लखनऊ, गोरखपुर, अलीगढ़ और गाजियाबाद में भी फ्लैटेड फैक्ट्री काम्पलेक्स की स्थापना के प्रस्ताव का डीपीआर बनाकर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.

सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि स्फूर्ति योजनान्तर्गत प्रदेश में परंपरागत उद्योगों को विकसित किया जा रहा है, जिसके तहत उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड को नोडल एजेंसी बनाया गया है. खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा इसके लिए 168 प्रस्तावों पर कार्य किया जा रहा है. इनमें से 37 प्रस्तावों पर प्रिलिमनरी सेलेक्शन कमेटी द्वारा परीक्षण किया जा चुका है और 33 प्रस्तावों में आंशिक कमियों को दूर कर शीघ्र ही प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके अलावा चार पूर्ण प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे जा चुके हैं, जिनमें से एक प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है और तीन प्रस्ताव अभी प्रक्रियाधीन हैं.

इसे भी पढ़ें:- कोरोना से लड़ने के लिए कानून मंत्री ने एक करोड़ की निधि की दान

इस दौरान मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने अनुरोध किया कि एमएसई-सीडीपी योजना के अन्तर्गत परियोजनाओं की स्वीकृति की प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाया जाए. इससे कम समय में परियोजनाओं को पूर्ण करने में सहायता मिलेगी और परियोजनाओं की लागत में वृद्धि भी नहीं होगी. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि राज्य स्तरीय स्टीयरिंग समिति को और अधिक सुदृढ़ बनाने से परियोजनाओं के अनुमोदन प्रक्रिया में सरलता आएगी और इसे कम समय में पूरा किया जा सकेगा. उन्होंने केंद्र सरकार को भेजे गये प्रस्तावों को शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया. उन्होंने प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम को बढ़ावा देने हेतु प्रस्तावित योजनाओं के संबंध में विस्तार से चर्चा की और केंद्र सरकार की तरफ से मिलने वाली सहायता और स्वीकृतियों को यथाशीघ्र उपलब्ध कराने का अनुरोध भी किया.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, निवेश और निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों के विकास को और अधिक गतिशील बनाने के लिए और केंद्र सरकार की एमएसई-सीडीपी (माइक्रो एण्ड स्माल इन्टरप्राइजेज क्लस्टर डेवलपमेंट) योजना को मूर्तरूप देने के लिए गुरुवार को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग एवं एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी से वर्चुअल संवाद किया.

सिद्धार्थ नाथ सिंह ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को यह भी अवगत कराया कि वाराणसी में ग्लास बीड्स क्लस्टर की स्थापना हेतु केंद्र सरकार की सहयोग राशि अपेक्षित है. उन्होंने बताया कि इसी प्रकार संत कबीर नगर में ब्रासवेयर यूटेनशिल्स क्लस्टर एवं गोरखपुर में टेराकोटा व पाटॅरी परियोजना को भी अंतिम स्वीकृति दी जानी है. इसके अतिरिक्त सहारनपुर में लेदर फुटवियर, सम्भल एवं मुरादाबाद में वुडेन प्रोसेसिंग कार्विंग और शीट मेटल, लखीमपुर खीरी एवं बाराबंकी में चिकनकारी, झांसी में हैण्डलूम एवं स्पाईस ग्रेन प्रोसेसिंग पैकेजिंग, चन्दौली में राइस, मेरठ में लेदर गुड्स, आजमगढ़ में जूट रोप यार्न, गाजीपुर में जूट वॉल हैंगिंग, बदायूं में जरी-जरदोजी, गौतम बुद्ध नगर में मोल्ड डिजाइन डेवलपमेंट प्लास्टिक, मथुरा में मेटालर्जिकल और कानपुर में रेडीमेड गारमेंट आदि औद्योगिक क्लस्टर केंद्र सरकार के सहयोग से विकसित किये जाने हैं.

इन जिलों में बनाया जाएगा टॉय क्लस्टर
सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि इसी प्रकार पारंपरिक एवं आधुनिक खिलौना उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए झांसी, वाराणसी, गोरखपुर एवं चित्रकूट में टॉय कल्सटर का विकास किया जाना है. इसके लिए शीघ्र ही डीपीआर तैयार कर केंद्र सरकार को प्रेषित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास के अन्तर्गत प्रयागराज, कानपुर देहात, फर्रुखाबाद, लखनऊ, सीतापुर एवं जौनपुर सहित छह जनपदों में औद्योगिक आस्थानों को विकसित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित है. इसके अलावा आगरा एवं कानपुर में फ्लैटेड फैक्ट्री काम्पलेक्स की स्थापना हेतु केंद्र सरकार से सैद्धांतिक स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है. लखनऊ, गोरखपुर, अलीगढ़ और गाजियाबाद में भी फ्लैटेड फैक्ट्री काम्पलेक्स की स्थापना के प्रस्ताव का डीपीआर बनाकर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.

सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि स्फूर्ति योजनान्तर्गत प्रदेश में परंपरागत उद्योगों को विकसित किया जा रहा है, जिसके तहत उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड को नोडल एजेंसी बनाया गया है. खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा इसके लिए 168 प्रस्तावों पर कार्य किया जा रहा है. इनमें से 37 प्रस्तावों पर प्रिलिमनरी सेलेक्शन कमेटी द्वारा परीक्षण किया जा चुका है और 33 प्रस्तावों में आंशिक कमियों को दूर कर शीघ्र ही प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके अलावा चार पूर्ण प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे जा चुके हैं, जिनमें से एक प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है और तीन प्रस्ताव अभी प्रक्रियाधीन हैं.

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इस दौरान मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने अनुरोध किया कि एमएसई-सीडीपी योजना के अन्तर्गत परियोजनाओं की स्वीकृति की प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाया जाए. इससे कम समय में परियोजनाओं को पूर्ण करने में सहायता मिलेगी और परियोजनाओं की लागत में वृद्धि भी नहीं होगी. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि राज्य स्तरीय स्टीयरिंग समिति को और अधिक सुदृढ़ बनाने से परियोजनाओं के अनुमोदन प्रक्रिया में सरलता आएगी और इसे कम समय में पूरा किया जा सकेगा. उन्होंने केंद्र सरकार को भेजे गये प्रस्तावों को शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया. उन्होंने प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम को बढ़ावा देने हेतु प्रस्तावित योजनाओं के संबंध में विस्तार से चर्चा की और केंद्र सरकार की तरफ से मिलने वाली सहायता और स्वीकृतियों को यथाशीघ्र उपलब्ध कराने का अनुरोध भी किया.

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