लखनऊ: कोरोना काल में लॉकडाउन के चलते लगातार बिल्डिंग मैटेरियल के रेट में तेजी देखने को मिल रही है. वहीं एक तरफ यह भी कारण रहा कि यातायात बाधित होने के कारण रेट में तेजी बताई जा रही है, जिसकी वजह से बिल्डिंग मैटेरियल के रेट में तेजी आई है. वहीं एक बार फिर मानसून के कारण बिल्डिंग मैटेरियल में शामिल बालू और मौरंग के खनन बंद हो जाने के बाद से बिल्डिंग मैटेरियल के रेट में भी तेजी देखने को मिल रही है ,जिसकी वजह से आम लोगों को घर बनाना महंगा साबित हो रहा है.
लॉकडाउन खुलने के बाद बिल्डिंग मैटेरियल की फुटकर कीमतों में वृद्धि
बिल्डिंग मैटेरियल | जून माह | जुलाई-अगस्त माह |
लोहे की सरिया | 61 से 62 रुपये प्रति किलो | 68 से 75 रुपये प्रति किलो |
उच्च किस्म का ईंट | 21 हजार रुपये ट्रक | 23 हजार रुपये ट्रक |
मध्यम किस्म ईंट | 17 हजार रुपये ट्रक | 19 हजार रुपये ट्रक |
सफेद बालू | 25 रुपये प्रति फुट | 50 रुपये प्रति फुट |
उच्च किस्म लाल मौरंग | 48 रुपये प्रति फुट | 85 से 95 रुपये प्रति फुट |
सीमेंट | 360 रुपये प्रति बोरी | 375 रुपये प्रति बोरी |
बिल्डिंग निर्माण की लागत में आई वृद्धि
बिल्डिंग निर्माण सामाग्री विक्रेता ने बताया कि की कोरोना संक्रमण मे लॉकडाउन लगने के पहले बिल्डिंग मैटेरियल के सस्ते दाम होने के कारण पांच सौ स्क्वायर फुट की जमीन पर मकान बनाने में करीब 4 से 5 लाख रुपये की लागत आती थी, वही लॉकडाउन खुलने के बाद बिल्डिंग मैटेरियल में तेजी आने के कारण यह कीमत 9 से 10 लाख रुपये की आ रही है.
वहीं पहले एक कमरे की लागत करीब 1.50 से 2 लाख की आती थी. वहीं अब दो लाख से अधिक की लागत आ रही है , जिससे आम लोगों को मकान बनाना पहले से कठिन हो गया है. वहीं बताया कि आने वाले 2 माह के बाद उम्मीद लगाई जा सकती है, कि मकान मे लगने वाले बिल्डिंग मैटेरियल के रेट में कमी आ सकती है.
बिल्डिंग मटेरियल के बढ़ते रेट को लेकर एक ट्रेडर्स के मालिक ने बताया कि मानसून के मौसम के कारण लगातार बिल्डिंग मैटेरियल में शामिल होने वाले मौरंग, सफेद बालू का खनन बंद कर दिया गया है, जिससे लगातार बिल्डिंग मैटेरियल के रेट में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है, जिसका सीधा असर अन्य बिल्डिंग मैटेरियल के रेट पर भी पड़ रहा है, जिससे अन्य सामग्रियों के रेट में भी बढ़ोतरी आई है.