लखनऊ : राजधानी लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन लगा दिया गया था, जिसकी वजह से सभी बिल्डिंगों के कंस्ट्रक्शन पूरी तरह से ठप हो गए. वहीं एक बार फिर लॉकडाउन से राहत मिलने के बाद बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन में तेजी देखने को मिल रहा है. आम लोग भी घर का निर्माण कराने में जुटे हुए हैं. जिसके बाद से बिल्डिंग मटेरियल सीमेंट, बालू, मौरंग, सरिया के रेट में भी वृद्धि हुई है. जिसका सीधा असर लोगों के पॉकेट पर पड़ रहा है.
लखनऊ जैसे शहर में अपने घर का सपना देखने वाले कमलेश का कहना है कि लॉकडाउन के चलते बिल्डिंग का निर्माण रुक गया था. आंशिक लॉक डाउन खुलने के बाद बिल्डिंग मटेरियल के सामग्रियों की कीमत में उछाल आई है. जिसकी वजह से बिल्डिंग के निर्माण करवाने में लगने वाली सामग्रियों को औने पौने दाम पर खरीदना पड़ रहा है.
एक तरफ लॉकडाउन में राहत के बाद से कुछ बिल्डिंग निर्माण सामग्री की कीमतों में उछाल आया है. जिसकी वजह से बिल्डिंग निर्माण में रुकावट भी आ रही है. लॉकडाउन खुलने के बाद बिल्डिंग मैटेरियल की फुटकर कीमतों में वृद्धि हुई है.
बिल्डिंग मटेरियल मई और जून महीने में लोहे की सरिया ₹46-48 क्विंटल है. उच्च किस्म का ईट ₹19000 ट्रक ₹21000 ट्रक है तो वहीं मध्यम किस्म कि ईट ₹15000 ट्रक ₹17000 ट्रक है. वहीं उच्च किस्म कि लाल मौरंग ₹45 प्रति फुट, ₹48 प्रति फुट सफेद बालू, ₹20 प्रति फुट ₹25 प्रति फुट सीमेंट, ₹350 प्रति बोरी के साथ ₹360 प्रति बोरी बिल्डिंग निर्माण की लागत में वृद्धि आई है.
बिल्डिंग निर्माण विक्रेता ने बताया कि कोरोना संक्रमण में लॉकडाउन लगने के पहले बिल्डिंग मटेरियल के सस्ते दाम होने के कारण 500 स्क्वायर फुट की जमीन पर मकान बनाने में करीब 4 से 5 लाख रुपए की लागत आती थी. वहीं लॉकडाउन खुलने के बाद बिल्डिंग मटेरियल में तेजी आने के कारण 7 से 8 रुपए की लागत आ रही है. पहले एक कमरे कि लागत में करीब 1.50 से 2 लाख की लागत आती थी, वहीं अब दो लाख से अधिक की लागत आ रही है. जिसके चलते आम लोगों को मकान बनाना पहले से कठिन हो गया है. वही 2 माह के बाद उम्मीद लगाया जा सकता है, कि मकान में लगने वाले बिल्डिंग मटेरियल के रेट दर में कमी आ सकती है.
बिल्डिंग मैटेरियल के विक्रेता विनोद यादव ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान पहले की अपेक्षा बिल्डिंग मैटेरियल की सप्लाई आसानी से नहीं मिल पा रही थी. जिसकी वजह से लोग अपना घर नहीं बना पा रहे थे. वही आंशिक लॉकडाउन खुलने के बाद लोग अपना घर तेजी से निर्माण करा रहे हैं. जिसकी वजह से बिल्डिंग मटेरियल की मांग बढ़ी हुई है. एक तरफ बिल्डिंग मटेरियल के मांग बढ़ने से मकान में लगने वाली सामग्री के रेट दर में वृद्धि हुई है.
वहीं सरकारी योजनाओं के तहत सरकार द्वारा आर्थिक रुप से मिलने वाली मदद पूरी तरह से लोगों के लिए परिपूर्ण नहीं है. इसलिए मकान बनाने के आर्थिक मदद में थोड़ी सी वृद्धि की जानी चाहिए. जिससे आम लोगों को मकान बनाने में आर्थिक मदद मिल सके.