लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने नए साल पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं. इन शुभकामनाओं के साथ-साथ मायावती ने गरीबों, बेरोजगारों, मजलूमों के हित में काम करने की सरकार से अपील की, साथ ही सरकार पर तंज भी कसा है. मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके जनता को नव वर्ष की शुभकामनाओं के साथ सरकार को आईना भी दिखाया है.
-
1. देश व दुनिया भर में रहने वाले भारतीय भाई-बहनों एवं उनके परिवार को नववर्ष सन् 2024 की दिली मुबारकबाद। यह साल आप सब के लिए आत्म-सम्मान के साथ सुख, शान्ति, सुरक्षा व सफलता लेकर आए इसकी शुभकामनाएं, ताकि आर्थिक असमानता व अन्य गैर-बराबरी आदि से मुक्त लोगों का जीवन ख़ुश-ख़ुशहाल बने।
— Mayawati (@Mayawati) January 1, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">1. देश व दुनिया भर में रहने वाले भारतीय भाई-बहनों एवं उनके परिवार को नववर्ष सन् 2024 की दिली मुबारकबाद। यह साल आप सब के लिए आत्म-सम्मान के साथ सुख, शान्ति, सुरक्षा व सफलता लेकर आए इसकी शुभकामनाएं, ताकि आर्थिक असमानता व अन्य गैर-बराबरी आदि से मुक्त लोगों का जीवन ख़ुश-ख़ुशहाल बने।
— Mayawati (@Mayawati) January 1, 20241. देश व दुनिया भर में रहने वाले भारतीय भाई-बहनों एवं उनके परिवार को नववर्ष सन् 2024 की दिली मुबारकबाद। यह साल आप सब के लिए आत्म-सम्मान के साथ सुख, शान्ति, सुरक्षा व सफलता लेकर आए इसकी शुभकामनाएं, ताकि आर्थिक असमानता व अन्य गैर-बराबरी आदि से मुक्त लोगों का जीवन ख़ुश-ख़ुशहाल बने।
— Mayawati (@Mayawati) January 1, 2024
नववर्ष 2024 की दी मुबारकबाद : उन्होंने पोस्ट किया कि 'देश व दुनिया भर में रहने वाले भारतीय भाई-बहनों एवं उनके परिवार को नववर्ष 2024 की दिली मुबारकबाद. यह साल आप सब के लिए आत्म-सम्मान के साथ सुख, शान्ति, सुरक्षा व सफलता लेकर आए इसकी शुभकामनाएं जिससे आर्थिक असमानता व अन्य गैर-बराबरी आदि से मुक्त लोगों का जीवन खुश-खुशहाल बने. इस नववर्ष से सरकार केवल ’रोज़गार की गारण्टी’ सुनिश्चित कर सच्ची देशभक्ति व राजधर्म का निर्वहन करे, क्योंकि बाकी सरकारी गारंटियां संकीर्ण राष्ट्रवाद के छलावा की राजनीति ज्यादा साबित हुई है, जिस कारण लगभग 100 करोड़ लोगों का जीवन लगातार गरीब, पिछड़ा, मजलूम व मोहताज बना हुआ है. उन्होंने लिखा कि देश में मामूली प्रति व्यक्ति आय अर्थात् लोगों की जेब में खर्च के लिए पैसे ही न हों तो ’विकास’ का ढिंढोरा लोगों के किस काम का? साथ ही, बेरोजगारों की भारी फौज के साथ ’विकसित भारत’ कैसे संभव? देश की विशाल आबादी के हिसाब से रोजगार के अवसर की जरूरत, ऊंट के मुंह में जीरा नहीं.'
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि 'कुल मिलाकर पहले कांग्रेस और अब भाजपा की लंबी चली जातिवादी, अहंकारी व गैर-समावेशी सरकार के दुष्प्रभाव से करोड़ों गरीबों का विकास प्रभावित हुआ है, इसलिए अब इस संसदीय चुनाव वर्ष में जनहित व जनकल्याण को समर्पित बहुजनों के उम्मीदों की सर्वजन हितैषी सरकार बनाएं, लोगों से यही पुरजोर अपील है.'
यह भी पढ़ें : बसपा सुप्रीमो ने पदाधिकारियों के साथ उम्मीदवारों के नाम पर की चर्चा, जुटाया फीडबैक