लखनऊ : उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में हुई हार की समीक्षा के साथ ही लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रदेश पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रणनीति बनाई. निकाय चुनाव में हुई हार पर मायावती ने कहा कि 'चुनाव के दौरान खासकर बीजेपी व समाजवादी पार्टी ने साम, दाम, दण्ड, भेद आदि अनेकों प्रकार के हथकंडे अपनाए. सरकार ने सरकारी मशीनरी का हर स्तर पर दुरुपयोग किया. वोटर लिस्ट में गड़बड़ी आदि की शिकायत आम रही, जिससे नगर निकाय चुनाव भी काफी ज्यादा प्रभावित हुआ. महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, गलत सरकारी नीति व कार्यकलापों से त्रस्त जनता के मन की भड़ास वोट के रूप में सही से सामने नहीं आ पाई. उन्होंने कहा कि मेयर का चुनाव भी यदि ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से होता तो चुनाव परिणाम की तस्वीर कुछ और ही होती.'
समर्थन के लिए व्यक्त किया आभार : बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि 'कुल मिलाकर 'वोट हमारा राज तुम्हारा' के प्रचलित हालात को आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बदलने के सामूहिक प्रयास को गांव-गांव तक और तेज़ करने की ज़रूरत है. मायावती ने कहा कि अभी सम्पन्न यूपी निकाय चुनाव में जो कुछ हुआ है उसके परिप्रेक्ष्य में पार्टी के कार्यकलापों की जिला व मंडलवार समीक्षा के दौरान आगे की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए पार्टी संगठन में जरूरी सुधार किये. इस प्रक्रिया को निचले स्तर तक जारी रखने का निर्देश दिया. चुनाव आयोग से खासकर सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग और संविधान व कानून के खिलाफ धर्म का राजनीति में बढ़ते प्रभाव को प्रभावी ढंग से रोक लगाने की जोरदार मांग की.' बीएसपी प्रमुख ने जमीनी स्तर पर मेहनती, ईमानदार लोगों को बढ़ाने का निर्देश देते हुए कहा कि 'निकाय चुनाव में लोगों की आपसी गुटबाजी, रंजिश, मनमुटाव व चुनाव में टिकट नहीं मिल पाने के कारण हालात थोड़े भिन्न जरूर रहते हैं, जिसको ध्यान में रखकर ही आगे संगठन के मजबूती की कार्रवाई करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पार्टी के जनाधार को बढ़ाना एक सतत् प्रक्रिया है, जिसका सामूहिक प्रयास पूरी मुस्तैदी व जी-जान के साथ लगातार जारी रहना चाहिए. यूपी निकाय चुनाव में तमाम प्रकार के विपरीत हालात का सामना करते हुए बसपा को मिलने वाले समर्थन के लिए लोगों का मायावती ने आभार व्यक्त किया.
'लोगों ने नहीं गलने दी दाल' : मायावती ने कहा कि 'बीजेपी चाहे जो भी दावा करे, वास्तविकता यह है कि ओबीसी आरक्षण और महिला सीटों के आरक्षण सहित शुरू से लेकर अन्त तक इस चुनाव को भी हर प्रकार से मैनेज करने का प्रयास किया गया, लेकिन इसके बावजूद मेयर चुनाव को छोड़कर बीजेपी की दाल लोगों ने बहुत ज्यादा नहीं गलने दी. मेयर का चुनाव भी यदि ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से होता तो चुनाव परिणाम की तस्वीर कुछ और ही होती. सपा की नकारात्मक राजनीति को भी लोगों ने पसंद नहीं किया, जबकि खासकर आगरा व सहारनपुर के मेयर चुनाव में बीएसपी को घिनौना षडयंत्र करके हरा दिया गया.' पार्टी मुख्यालय पर बड़ी संख्या में प्रदेशभर से पदाधिकारी पहुंचे. बैठक में प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल के अलावा रसड़ा से विधायक उमाशंकर सिंह, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र, पार्टी नेता इमरान मसूद, एमएलसी भीमराव अंबेडकर के साथ ही सभी जिलों के जिलाध्यक्ष और मंडल अध्यक्ष उपस्थित हैं.
क्या कहते हैं बीएसपी विधायक : बहुजन समाज पार्टी के रसड़ा से विधायक उमाशंकर सिंह का कहना है कि 'आज जो बैठक हो रही है, उसमें निकाय चुनाव में पार्टी के परफॉर्मेंस को लेकर बसपा प्रमुख समीक्षा करेंगी, साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव के बारे में अपनी रणनीति पदाधिकारियों के साथ साझा करेंगी. निकाय चुनाव में पार्टी की हार को लेकर उनका कहना है कि समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी एक साथ मिलकर निकाय चुनाव लड़ी. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव दो-दो बार सहारनपुर गए, लेकिन उनकी पार्टी को वोट 20 हजार वोट भी नहीं मिल पाए. बहुजन समाज पार्टी मजबूत है और पार्टी ने निकाय चुनाव में अच्छा परफॉर्मेंस किया है. आने वाले लोकसभा चुनाव में पार्टी और भी बेहतर करेगी.'
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