लखनऊ : यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव (up legislative assembly election 2022) को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने मैदान में ताल ठोंक दी है. सपा-प्रसपा रथ यात्राएं निकाल रहीं हैं, तो वहीं बसपा (bsp) ने लखनऊ में बड़ी रैली कर हाथी की ताकत का अहसास करा दिया है. बसपा नेतृत्व ने नेताओं को इसी माह से बूथ स्तर तक संगठन मजबूत करने के निर्देश दिए हैं. इस कार्य में सुस्त पदाधिकारी पार्टी से बाहर किए जाएंगे. सक्रिय कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी देकर फ्रंट पर लाया जाएगा. साथ ही मतदाता लिस्ट से लेकर ईवीएम पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं.
दरअसल, भाजपा जहां पन्ना प्रमुख बनाकर संगठन को जमीनी स्तर पर कस रही है, वहीं बसपा ने पार्टी पदाधिकारियों के लिए गाइडलाइन जारी की है. इसमें अक्टूबर में सेक्टर प्रभारी से लेकर बूथ एजेंट के चयन का काम शत-प्रतिशत करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही सुस्त पदाधिकारियों को हटाकर सक्रिय कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी देने की बात भी कही गई है. वहीं पार्टी नेताओं को नवंबर में चुनावी गतिविधि में जुटने का आदेश दिया गया है. इसकी गाइडलाइन सभी जिलों को भेज दी गई है.
गत चुनावों में करीब 1.65 लाख बूथ बनाए गए थे. इन पर करीब 14.50 करोड़ से अधिक मतदाता हैं. एक बूथ पर करीब 1500 मतदाता थे, वहीं कोरोना काल की वजह से बंगाल की तर्ज पर चुनाव की प्लानिंग हो सकती है. इसमें एक-एक बूथ पर 1200 मतदाता किए जा सकते हैं. लिहाजा, बूथ के साथ-साथ पोलिंग सेंटर की संख्या भी बढ़ेगी. ऐसे में बसपा प्रमुख ने बूथ स्तर तक पार्टी का मजबूत संगठन खड़ा करने के आदेश दिए हैं. इनकी ट्रेनिंग प्रोग्राम भी कराए जाएंगे. इसके बाद बसपा प्रमुख विधानसभाओं का दौरा भी करेंगी, जहां भी पार्टी कमजोर दिखेगी, वहां के पदाधिकारियों पर कार्रवाई होगी.
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बसपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ एमएच खान ने कहा है कि बसपा का गांव स्तर तक मजबूत संगठन है. जहां भी लोग निष्क्रिय हैं, उन्हें बदला जाएगा. वहीं पार्टी पूरी मजबूती से विधानसभा चुनाव लड़ेगी. जनता ने अब भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का मन बना लिया है. प्रदेश में महंगाई चरम पर है. कानून व्यवस्था ध्वस्त है.
ये प्रमुख निर्देश दिए गए
- बूथ एजेंट बहुत ही जिम्मेदार व्यक्ति को बनाया जाए.
- प्रत्येक बूथ पर बसपा के एजेंट की तैनाती अवश्य की जाए.
- जिला निर्वाचन कार्यालय में एक नवंबर से मतदाता सूची मिलने लगेगी, यह सूची जिलाध्यक्ष विधानसभा प्रभारी के माध्यम से बूथ एजेंट को भेजें.
- सूची को बूथ एजेंट चेक करें, बीएलओ से मिलकर वोटरों के नाम सही कराएं और नाम जुड़वाएं.
- ईवीएम की पहले चरण की चेकिंग 15 नवंबर से होनी है. इस दौरान जिलाध्यक्ष व अन्य पदाधिकारी अवश्य जाएं.
- इस दौरान वोटिंग करके मशीन को चेक करें. यही नहीं कई चुनाव चिन्हों पर वोट का प्रयोग कर मशीन का परीक्षण करें.
बसपा के निशाने पर महंगाई
बसपा प्रमुख मायावती ने गुरुवार को पेट्रोल-डीजल को बढ़ती कीमतों पर सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमत भी बढ़ गयी हैं. सरकार इन कीमतों पर तत्काल नियंत्रण लगाए. वहीं राष्ट्रीय सचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि बढ़ती कीमतें ही बीजेपी का चुनाव में विकेट गिराएगी