लखनऊ : उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन इकोनामी बनाने की दिशा में पुलों और एक्सप्रेस वे का जाल बिछाया जा रहा है. वर्ष 2026 तक उत्तर प्रदेश में करीब 200 नए पुलों का निर्माण किया जाएगा. इसके अलावा वर्। 2024 तक गंगा एक्सप्रेस वे का निर्माण भी पूरा किया जाना है. ऐसे में फूलों और एक्सप्रेस-वे के जरिए पूरा उत्तर प्रदेश जुड़ जाएगा. यातायात की सुविधाएं लगातार बढ़ेंगी. लोक निर्माण विभाग ने इस संबंध में राजकीय सेतु निर्माण निगम को करीब 500 करोड़ का बजट भेज दिया है. ताकि इन पुलों का निर्माण जल्द से जल्द किया जा सके. लखनऊ में पांच पुलों का निर्माण चल रहा है. जिनमें से एक पुल आईआईएम तिराहे पर बन रहा है. वह इसी जून में पूरा हो जाएगा. ऐसे ही अलग-अलग रेलवे क्रॉसिंग पर सैकड़ों पुलों की योजना सरकार बना रही है.
राज्य सेतु निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक राकेश कुमार सिंह ने बताया कि निश्चित तौर पर वन ट्रिलियन इकोनामी बनाने के लिए हमको पुलों का निर्माण करना है. इस संबंध में लोक निर्माण विभाग और केंद्र सरकार के बीच में एक एमओयू भी हो चुका है. जिसके रोजाना एक लाख वाहन रेलवे क्रॉसिंग से होकर गुजरते हैं. वहां पुल बनाए जाएंगे. ऐसे में उत्तर प्रदेश में करीब 200 पुलों का निर्माण किया जाएगा. लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग पर एक महत्वपूर्ण पुल का निर्माण किया जाना है. इसके अलावा कई अन्य रेलवे क्रॉसिंग पर भी पुल बनाए जाएंगे. जिससे प्रदेश के विकास को और अधिक बढ़ावा मिलेगा.
रक्षा मंत्री और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह के प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी ने बताया कि लखनऊ में खुर्रमनगर और आईआईएम तिराहे पर पुलों का निर्माण तेजी से चल रहा है. आईआईएम तिराहे पर 30 जून तक पुल की शुरुआत भी हो सकती है. इसके अलावा मुंशी पुलिया पर भी पुल का निर्माण जारी है. लखनऊ कानपुर एक्सप्रेस वे भी अगले साल तक शुरू हो जाएगा. 104 किलोमीटर का लखनऊ ऑउटर रिंग रोड दिसंबर तक शुरू होगा. ऐसे में लखनऊ से दूसरे शहरों को जाने की राह आसान होगी. यही नहीं शहर का जाम भी बहुत कम हो जाएगा. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राघवेंद्र सिंह ने बताया कि हमारी सरकार प्रदेश को वन ट्रिलियन इकोनामी बनाने के लिए पुलों और सड़कों का जाल फैला रही है. जिसके लिए हम भरसक प्रयास कर रहे हैं.
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