लखनऊ. सरकारी प्राइमरी स्कूलों में बच्चों के लिए ब्रिज कोर्स से शुरुआत की जाएगी. उन्हें खेल-खेल में जरूरी अक्षर और संख्या ज्ञान दिया जाएगा. इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. नए शैक्षिक सत्र से इसे लागू किया जाएगा.
बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से इसे विद्या प्रवेश कार्यक्रम (Vidya Admission Program) का नाम दिया गया है. सरकारी प्राइमरी स्कूल खुलने के बाद तीन महीने तक विद्या प्रवेश कार्यक्रम चलाया जाएगा. कार्यक्रम के तहत पहली कक्षा के बच्चों को तीन महीने का एक खास कोर्स कराया जाएगा. इसका मकसद स्वास्थ्य कल्याण, भाषा साक्षरता, गणितीय दक्षता और पर्यावरण जागरूकता से संबंधित मूलभूत दक्षताओं को विकसित करना है.
यह मॉड्यूल एनसीईआरटी ने तैयार किया है. दीक्षा पोर्टल पर यह मॉड्यूल उपलब्ध है. इसमें बच्चों को अक्षर, रंग, आकार और संख्या आदि सीखने के लिए रोचक गतिविधियां शामिल की गई है. नई शिक्षा नीति के तहत 3 से 8 वर्ष तक के बच्चों की फाउंडेशन स्टेज की बात की गई है. पहली कक्षा में नामांकित बच्चों के लिए विद्या प्रवेश कार्यक्रम तैयार किया गया है.
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शिक्षकों के ड्यूटी के कारण स्कूल खाली
यूपी बोर्ड परीक्षा में इस बार बड़ी संख्या में सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है. इसके चलते कई सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है. असल में कई ऐसे स्कूल हैं जो एक ही शिक्षक या शिक्षामित्र के भरोसे चल रहे हैं. वो बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी लग जाने के कारण खाली हो चुके हैं. इस संबंध में शिक्षकों की ओर से आज बार अधिकारियों को सूचना भी दी गई है लेकिन अधिकारियों की तरफ से कार्रवाई करने के बजाए चुप्पी साधी हुई है.
क्या है ब्रिज कोर्स
एनसीईआरटी ने शिक्षा के अधिकार कानून को ध्यान में रखते हुए स्कूल से वंचित बच्चों के लिए ब्रिज कोर्स तैयार किया था जिसे दिल्ली समेत देश के सभी राज्यों में लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इसके तहत पहली कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा तक के वे बच्चे जो शिक्षा से वंचित रह गए हैं, उन्हें शिक्षित करने के लिए विभिन्न विषयों के तह ब्रिज कोर्स डिजाइन किया गया है. इसके तहत स्कूलों में लर्निंग सेंटर का संचालन होगा जिसमें इसे लागू किया जाएगा. साथ ही 6 साल से 14 साल तक के स्कूल से वंचित बच्चों को पढ़ाने वाले संबंधित विषय के शिक्षकों को ब्रिज कोर्स उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था की जानी है.
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