लखनऊ : निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण (OBC reservation in body elections) के मुद्दे पर दाखिल याचिकाओं पर शुक्रवार को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of the High Court) में बहस नहीं हो सकी. अब मामले की अगली सुनवाई शनिवार को होगी. इस दौरान निकाय चुनावों की अधिसूचना जारी करने पर भी कल तक रोक रहेगी. न्यायालय ने मामले को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति अथवा वरिष्ठ न्यायमूर्ति से अनुमति लेने के बाद शनिवार को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया (Justice Devendra Kumar Upadhyay and Justice Saurabh Lavania) की खंडपीठ ने निकाय चुनावों को लेकर दाखिल याचिकाओं पर पारित किया है. शुक्रवार को पीठ के समक्ष सूचीबद्ध मामलों की अधिकता के कारण शाम को लगभग साढ़े छह बजे तक नए मामलों (फ्रेश केसेज) की ही सुनवाई चलती रही. इसके बाद जब निकाय चुनावों सम्बंधी याचिकाओं पर न्यायालय ने कहा कि कल से शीतकालीन अवकाश शुरू हो रहा है और कल इन मामलों को तभी सूचीबद्ध किया जा सकता है जबकि याचियों व राज्य सरकार दोनों तरफ से अनुरोध किया जाए. दोनों पक्षों की सहमति पर न्यायालय ने मामले को शनिवार को सूचीबद्ध करने को कहा. हालांकि एक याची के अधिवक्ता ने मामले की सुनवाई 2 जनवरी को करने का अनुरोध यह कहते हुए किया कि शनिवार से होने वाली छुट्टियों के कारण तमाम अधिवक्ताओं के शहर से बाहर रहने की संभावना है. इस पर न्यायालय ने कहा कि छुट्टियों में हम सुनवाई के लिए तैयार हैं तो आपको भी कुछ बलिदान करना होगा.
लोकतांत्रिक तरीके से चुने जाते हैं निकाय प्रतिनिधि, अनिश्चितता में नहीं छोड़ सकते : न्यायालय ने कहा है कि यह 17 नगर निगमों और 761 नगर परिषदों व नगर पंचायतों में चुनाव का मामला है. इन तमाम स्थानीय निकायों का कार्यकाल 7 जनवरी से 30 जनवरी तक समाप्त होने वाला है. ये निकाय लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए प्रतिनिधियों से गठित होते हैं. न्यायालय ने कहा कि निकायों में चुनावी प्रक्रिया जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी शुरू होनी जरूरी है और इसे अनिश्चितता में नहीं छोड़ा जा सकता.