लखनऊ: यूपी बोर्ड परीक्षा को लेकर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सख्त है. इसी क्रम में बोर्ड ने लखनऊ हजरतगंज कोतवाली में बीते 26 मार्च को 10वीं और 12वीं की परीक्षा कैंसिल होने के फर्जी मैसेज वायरल को लेकर केस दर्ज कराया है. परीक्षा कैंसिल होने का मैसेज एक पत्र के साथ वायरल हुआ था. पत्र में परिषद के सचिव दिव्य कांत शुक्ल का फर्जी हस्ताक्षर था. साइबर सेल ने इसकी जांच शुरू कर दी है.
पुलिस के मुताबिक, परिषद के डायरेक्टर विनय कुमार पांडेय ने हजरतगंज कोतवाली में शिकायती पत्र दिया था. इसके अनुसार अराजक तत्वों ने 26 मार्च को एक फर्जी पत्र वायरल कर दिया था. पत्र में राज्यस्तरीय कंट्रोल रूम के व्हाट्सएप नंबर 8840850347, 9670944769 पर दोपहर 12.13 बजे भेजा गया था. फर्जी आदेश पर परिषद के सचिव दिव्यकांत शुक्ला के हस्ताक्षर थे. पत्र में लिखा था कि परिषद द्वारा वर्ष 2022 की आयोजित परीक्षाओं को स्थगित किया जा रहा है. परिषद ने जब इस मामले की जांच की तो पाया कि उसमें हस्ताक्षर फर्जी है. इसके बाद परिषद ने सूचना का खंडन किया था.
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इंस्पेक्टर श्याम बाबू शुक्ला ने बताया कि शिकायती पत्र के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. मोबाइल नंबर के आधार पर आरोपी की तलाश की जा रही है.
गौरतलब है कि 30 मार्च को यूपी बोर्ड की परीक्षा में अंग्रेजी का पेपर लीक हुआ था. इस कारण यूपी बोर्ड (इंटरमीडिएट) की दोपहर 2 बजे से होने वाली अंग्रेजी पेपर की परीक्षा 24 जिलों में कैंसिल कर दी गई थी. इस मामले में एसटीएफ जांच कर रही है.
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