लखनऊ : अयोध्या में जनवरी 2024 में जब राम मंदिर निर्माण पूरा हो जाएगा उससे पहले देश दुनिया की अनेक धार्मिक संस्थाओं को यहां पर भूमि आवंटित की जाएगी. लगातार अलग-अलग बड़े मंदिरों के ट्रस्ट और संस्थाएं अयोध्या में जमीन की मांग कर रहे हैं. जिसको देखते हुए आवास विकास परिषद ने यहां प्लॉट देने का फैसला किया है. परिषद ने बुधवार को आयोजित अपनी बोर्ड मीटिंग में ऐसे प्लॉटों की कीमत तय कर दी है. अयोध्या में नीलामी के जरिए प्लॉट दिए जाएंगे, जिनकी कीमत आवासीय दर के मुकाबले डेढ़ गुनी होगी. डेढ़ गुनी कीमत आरक्षित मूल्य होगा, जिसके बाद सबसे बड़ी बोली के आधार पर संस्थाओं ट्रस्ट को भूमि दी जाएगी. अयोध्या के अतिरिक्त पूरे प्रदेश में जहां-जहां भी इस तरह से संस्थाओं और ट्रस्टों को भूमि दी जाएगी उनको इसी नियम का पालन करना होगा.
राज्यों, अन्तर्राष्ट्रीय भवन, चैरिटेबल ट्रस्ट एवं अन्य धार्मिक संस्थाओं के लिए भूमि आवंटन प्रस्ताव पारित किया गया है. आवंटन नीति का अनुमोदन किया गया. इस नीति के तहत मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या में बढ़ने वाली मांग को लेकर विभिन्न नियम बना दिए गए हैं. प्लॉट की आरक्षित दर आवासीय दर की 1.5 गुना होगी. आरक्षित दर का निर्धारण आवासीय दर का 1.5 गुना पर 12 प्रतिशत फ्री होल्ड शुल्क जोड़कर किया जाएगा. कार्नर की स्थिति में 10 प्रतिशत कार्नर शुल्क भी देना होगा. भूखंड पर कब्जा प्राप्त करने की तिथि से 05 वर्ष के अन्दर निर्माण पूरा करना होगा, अन्यथा टोकन धनराशि जब्त करते हुए भूखंड का आवंटन निरस्त कर दिया जाएगा.
यह नीति राज्यों, अर्न्तराष्ट्रीय भवनों, मठ, चैरिटेबल ट्रस्ट व अन्य धार्मिक संस्था के लिए होगी. ये संस्थाएं इंडियन ट्रस्ट एक्ट 1882 अथवा इंडियन कंपनीज एक्ट 2013 में नॉट फार प्रोफिट कंपनी के रूप में पंजीकरण प्रारम्भ होने की तिथि से कम से कम 03 वर्ष से रजिस्टर्ड होनी चाहिए. पंजीकरण शुल्क भूखंड के निर्धारित मूल्य का 10 प्रतिशत होगा. आवंटन समिति-आवंटन प्रक्रिया अधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा की जाएगी. यह समिति प्राप्त आवेदन पत्रों की स्क्रीनिंग से लेकर आवंटन के लिए जिम्मेदार होगी. इस समिति का गठन आवास आयुक्त द्वारा किया जाएगा. आवंटन में उन संस्थाओं को प्राथमिकता दी जायेगी जो संस्था के संस्थापक सदस्य हैं, और वे भारतरत्न अथवा पदम पुरस्कार से सम्मानित हैं. ऐसी संस्थाएं जो इनकम टैक्स विभाग में चैरिटेबल अथवा धार्मिक संस्थाओं के रूप में रजिस्टर्ड हैं एवं जिन्हें आयकर अधिनियम की धारा का लाभ प्राप्त है.
यह भी पढ़ें : डाक्यूमेंट में फिटनेस सर्टिफिकेट 48 घंटे में सिस्टम से होगा जनरेट : परिवहन मंत्री