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लखनऊ में ब्लू लाइन मेट्रो का काम अधर में लटका, आगरा कानपुर में निर्माण कार्य शुरू - लखनऊ ताजा खबर

यूपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने आगरा और कानपुर में मेट्रो का काम शुरू कर दिया है. इसके उलट राजधानी लखनऊ में डेढ़ साल के लंबे इंतजार के बाद अभी भी मेट्रो की ब्लू लाइन पर काम शुरू नहीं कराया जा सका है. अभी आधे शहर में ही मेट्रो का संचालन किया जा रहा है. राजधानी की ब्लू लाइन पर कुल 12 स्टेशनों का निर्माण होना है.

लखनऊ में ब्लू लाइन मेट्रो का अधर में लटका काम
लखनऊ में ब्लू लाइन मेट्रो का अधर में लटका काम
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Published : Dec 17, 2020, 11:31 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने आगरा और कानपुर में मेट्रो का काम शुरू कर दिया है. इसके उलट लखनऊ में डेढ़ साल के लंबे इंतजार के बाद अभी भी मेट्रो की ब्लू लाइन पर काम शुरू नहीं कराया जा सका है. गौर करने वाली बात ये हैं कि इन दोनों प्रोजेक्ट से पहले ब्लू लाइन पर ही मेट्रो चलाने की तैयारी थी. मेट्रो अधिकारियों के मुताबिक 12.5 किमी लंबी ब्लू लाइन के लिए केंद्र के निर्देश पर संशोधित डीपीआर बनाकर भेजी जा चुकी है. सरकार ने इक्विटी में बजट कम करने के अलावा पीपीपी मॉडल पर निर्माण के लिए भी आंकलन रिपोर्ट देने को कहा था. वित्तीय मॉडल पर आधारित संशोधित डीपीआर पर भी अब तक कोई निर्णय नहीं हो सका है.

मेट्रो सेवा से आधा शहर महरूम
उत्तर प्रदेश के दो शहरों कानपुर और आगरा के निवासियों को आने वाले सालों में मेट्रो की सुविधा मिल जाएगी. राजधानी लखनऊ के लोगों को काफी साल पहले ही मेट्रो की सुविधा मिल चुकी है. हालांकि समूचे शहर में अभी मेट्रो न चल पाने से आधे शहरवासी इस सुविधा से महरूम हैं. अभी आधे शहर में ही निर्माण कार्य पूरा होने के बाद मेट्रो का संचालन शुरू किया गया. ब्लू लाइन (चारबाग से बसंतकुंज) पर मेट्रो दौड़ने की ख्वाहिश अब तक पूरी नहीं हो पा रही है. यह स्थिति तब है जब चारबाग स्टेशन से ब्लू लाइन के लिए लिंक पहले ही तैयार है. हालांकि हाल ही में ब्लू लाइन पर काम शुरू होने की फिर से उम्मीद जागी है. प्रदेश सरकार ने यूपीएमआरसी को इसकी संशोधित डीपीआर केंद्र सरकार को जल्द भेजने के संकेत दिए हैं. अब ऐसी उम्मीद है कि नए साल के प्रारंभमें शासन की तरफ से वित्तीय अनुमति के लिए केंद्र को संशोधित डीपीआर भेजी जाएगी.

4400 करोड़ रुपये आयेगी लागत
राजधानी की ब्लू लाइन पर कुल 12 स्टेशनों का निर्माण होगा. इनमें सात अंडरग्राउंड हैं. यह लाइन अमीनाबाद, नाका, कैसरबाग, चौक, ठाकुरगंज जैसे घनी आबादी वाले इलाकों से गुजर रही है. इस पर करीब 4400 करोड़ रुपये की लागत आएगी. रेड लाइन की तुलना में यहां छोटे स्टेशन बनाने की योजना है. सिर्फ इतना ही नहीं चार की जगह तीन कोच की ट्रेन ही ब्लू लाइन पर दौड़ाने का प्लान है. इसके अलावा राजधानी में सीजी सिटी, एसजीपीजीआई, जानकीपुरम, इंदिरानगर से गोमतीनगर लिंक के लिए भी निर्माण कार्य कराया जाना है. इसके लिए टेक्नो-फिजियबिलिटी रिपोर्ट की प्रक्रिया भी कम्प्लीट हो चुकी है. बसंतकुंज लाइन पर देरी से इन रूटों पर कब काम प्रारंभ हो पाएगा, ये कह पाने में मेट्रो के अधिकारी असमर्थ हैं.

वित्तीय अनुमति मिले तो शुरू हो काम
यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव के मुताबिक प्रदेश सरकार की अनुमति को संशोधित डीपीआर भेजी जा चुकी है. उम्मीद है कि जल्द ही ब्लू लाइन की डीपीआर केंद्र की अनुमति के लिए भेज दी जाएगी. केंद्र से वित्तीय अनुमति प्राप्त होते ही प्रोजेक्ट पर काम प्रारंभ हो जाएगा.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने आगरा और कानपुर में मेट्रो का काम शुरू कर दिया है. इसके उलट लखनऊ में डेढ़ साल के लंबे इंतजार के बाद अभी भी मेट्रो की ब्लू लाइन पर काम शुरू नहीं कराया जा सका है. गौर करने वाली बात ये हैं कि इन दोनों प्रोजेक्ट से पहले ब्लू लाइन पर ही मेट्रो चलाने की तैयारी थी. मेट्रो अधिकारियों के मुताबिक 12.5 किमी लंबी ब्लू लाइन के लिए केंद्र के निर्देश पर संशोधित डीपीआर बनाकर भेजी जा चुकी है. सरकार ने इक्विटी में बजट कम करने के अलावा पीपीपी मॉडल पर निर्माण के लिए भी आंकलन रिपोर्ट देने को कहा था. वित्तीय मॉडल पर आधारित संशोधित डीपीआर पर भी अब तक कोई निर्णय नहीं हो सका है.

मेट्रो सेवा से आधा शहर महरूम
उत्तर प्रदेश के दो शहरों कानपुर और आगरा के निवासियों को आने वाले सालों में मेट्रो की सुविधा मिल जाएगी. राजधानी लखनऊ के लोगों को काफी साल पहले ही मेट्रो की सुविधा मिल चुकी है. हालांकि समूचे शहर में अभी मेट्रो न चल पाने से आधे शहरवासी इस सुविधा से महरूम हैं. अभी आधे शहर में ही निर्माण कार्य पूरा होने के बाद मेट्रो का संचालन शुरू किया गया. ब्लू लाइन (चारबाग से बसंतकुंज) पर मेट्रो दौड़ने की ख्वाहिश अब तक पूरी नहीं हो पा रही है. यह स्थिति तब है जब चारबाग स्टेशन से ब्लू लाइन के लिए लिंक पहले ही तैयार है. हालांकि हाल ही में ब्लू लाइन पर काम शुरू होने की फिर से उम्मीद जागी है. प्रदेश सरकार ने यूपीएमआरसी को इसकी संशोधित डीपीआर केंद्र सरकार को जल्द भेजने के संकेत दिए हैं. अब ऐसी उम्मीद है कि नए साल के प्रारंभमें शासन की तरफ से वित्तीय अनुमति के लिए केंद्र को संशोधित डीपीआर भेजी जाएगी.

4400 करोड़ रुपये आयेगी लागत
राजधानी की ब्लू लाइन पर कुल 12 स्टेशनों का निर्माण होगा. इनमें सात अंडरग्राउंड हैं. यह लाइन अमीनाबाद, नाका, कैसरबाग, चौक, ठाकुरगंज जैसे घनी आबादी वाले इलाकों से गुजर रही है. इस पर करीब 4400 करोड़ रुपये की लागत आएगी. रेड लाइन की तुलना में यहां छोटे स्टेशन बनाने की योजना है. सिर्फ इतना ही नहीं चार की जगह तीन कोच की ट्रेन ही ब्लू लाइन पर दौड़ाने का प्लान है. इसके अलावा राजधानी में सीजी सिटी, एसजीपीजीआई, जानकीपुरम, इंदिरानगर से गोमतीनगर लिंक के लिए भी निर्माण कार्य कराया जाना है. इसके लिए टेक्नो-फिजियबिलिटी रिपोर्ट की प्रक्रिया भी कम्प्लीट हो चुकी है. बसंतकुंज लाइन पर देरी से इन रूटों पर कब काम प्रारंभ हो पाएगा, ये कह पाने में मेट्रो के अधिकारी असमर्थ हैं.

वित्तीय अनुमति मिले तो शुरू हो काम
यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव के मुताबिक प्रदेश सरकार की अनुमति को संशोधित डीपीआर भेजी जा चुकी है. उम्मीद है कि जल्द ही ब्लू लाइन की डीपीआर केंद्र की अनुमति के लिए भेज दी जाएगी. केंद्र से वित्तीय अनुमति प्राप्त होते ही प्रोजेक्ट पर काम प्रारंभ हो जाएगा.

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