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जल्द शुरू होगा लोकबंधु अस्पताल का ब्लड बैंक, मरीजों को मिलेगी सहूलियत

राजधानी के लोकबंधु अस्पताल में जल्द ही ब्लड बैंक की शुरूआत हो जाएगी. अस्पताल के एमएस डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि 'ब्लड बैंक का काम चल रहा है. दो महीने में सारा काम हो जाएगा.'

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Published : Apr 12, 2023, 4:52 PM IST

Updated : Apr 12, 2023, 6:19 PM IST

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लखनऊ : लोकबंधु अस्पताल एक ऐसा अस्पताल है जहां पर आलमबाग, आशियाना, सरोजनी नगर, बंथरा, हरौनी, बंगला बाजार, कृष्णानगर और अमौसी इत्यादि क्षेत्र के लोग इलाज के लिए पहुंचते हैं. अस्पताल में हाल ही में सिटी स्कैन की मशीन लगी है. इन क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को सीटी स्कैन के लिए अब अन्य अस्पतालों का रुख नहीं करना पड़ता है. जल्द ही इन क्षेत्रों के लोगों को ब्लड से संबंधित दिक्कतें भी दूर होने वाली हैं. दरअसल, अस्पताल में ब्लड बैंक की स्थापना की जा रही है. इस ब्लड बैंक के स्थापित होने से बहुत से मरीजों को लाभ पहुंचेगा. दरअसल, कई बार होता क्या है कि गर्भवती महिलाओं में सिजेरियन प्रसव के दौरान ब्लड की कमी हो जाती है या एक्सीडेंट केस में मरीज को तुरंत ब्लड चढ़ाने की स्थिति बनती है, ऐसे में मरीज को रेफर करना पड़ता है. इन्हीं सब परेशानियों को देखते हुए अस्पताल में ब्लड बैंक स्थापित किया जा रहा है. इससे मरीजों को सहूलियत होगी. अस्पताल काफी पुराना है. अस्पताल परिसर का नवीनीकरण हो रहा है. अस्पताल की जरूरत के सभी सामान में लाए गए हैं.

लोकबंधु अस्पताल के एमएस डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि 'ब्लड बैंक का काम चल रहा है. दो महीने में सारा काम हो जाएगा. इसकी आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि बहुत से मरीज अस्पताल में आते हैं, जिनकी स्थिति खराब रहती है. कई बार मरीज को दूसरे अस्पताल रेफर करना पड़ता है. ऐसे मरीजों को अस्पताल में भी काफी दिक्कत परेशानी होती है. मरीजों की सहूलियत को देखते हुए सरकार की ओर से लगभग एक करोड़ रुपए तक की लागत की मशीन की स्वीकृति प्राप्त हुई, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से धीरे-धीरे सामान आ रहा है. ब्लड बैंक को लेकर तैयारी पूरी हो चुकी है. कहां पर कौन सा रूम होगा. कहां पर ब्लड लिया जाएगा. कहां पर जांच होगी. यह सभी चीजें पहले से ही सोच ली गई हैं. पैथोलॉजी से सटा हुआ ही ब्लड बैंक बनाया जा रहा है, ताकि मरीजों को इधर से उधर भटकना न पड़े. ब्लड बैंक बन जाने के बाद अस्पताल से मरीजों को रेफर करने की स्थिति नहीं बनेगी.'

उन्होंने कहा कि 'यह अस्पताल काफी ज्यादा पुराना हो चुका है, इसलिए अस्पताल का नवीनीकरण किया जा रहा है. अस्पताल की जमीनें पहले सीमेंटेड थीं, लेकिन अब इसे मॉडिफाई किया जा रहा है. अस्पताल में सभी विभाग की ओपीडी का भी नवीनीकरण हो रहा है. अस्पताल परिसर में टाइल्स लग रहा है. समय के साथ नवीनीकरण होना बेहद जरूरी है. इसके अलावा अस्पताल में व्हीलचेयर, स्ट्रेचर, बेड, बेडशीट और अस्पताल की जरूरत के अन्य सामान भी मंगाए गए हैं. अस्पताल में इसकी आवश्यकता थी यह सामान पुराने हो चुके थे. नवीनीकरण के साथ-साथ इसका भी एक अहम रोल है.' बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि 'अस्पताल के बाहर अभी काम चल रहा है, जिसकी वजह से अस्पताल परिसर के भीतर वाहन खड़ा करने से मना किया गया है. सड़क के बाहर ही पार्किंग होने के कारण जाम लग रहा है. दो-चार दिन में यह काम पूरा हो जाएगा तो सड़क जाम की समस्या भी दूर हो जाएगी.'

यह भी पढ़ें : UP Civic Elections : सुभासपा ने जारी की मेयर प्रत्याशियों की लिस्ट, लखनऊ में अलका पांडे पर दांव

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लखनऊ : लोकबंधु अस्पताल एक ऐसा अस्पताल है जहां पर आलमबाग, आशियाना, सरोजनी नगर, बंथरा, हरौनी, बंगला बाजार, कृष्णानगर और अमौसी इत्यादि क्षेत्र के लोग इलाज के लिए पहुंचते हैं. अस्पताल में हाल ही में सिटी स्कैन की मशीन लगी है. इन क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को सीटी स्कैन के लिए अब अन्य अस्पतालों का रुख नहीं करना पड़ता है. जल्द ही इन क्षेत्रों के लोगों को ब्लड से संबंधित दिक्कतें भी दूर होने वाली हैं. दरअसल, अस्पताल में ब्लड बैंक की स्थापना की जा रही है. इस ब्लड बैंक के स्थापित होने से बहुत से मरीजों को लाभ पहुंचेगा. दरअसल, कई बार होता क्या है कि गर्भवती महिलाओं में सिजेरियन प्रसव के दौरान ब्लड की कमी हो जाती है या एक्सीडेंट केस में मरीज को तुरंत ब्लड चढ़ाने की स्थिति बनती है, ऐसे में मरीज को रेफर करना पड़ता है. इन्हीं सब परेशानियों को देखते हुए अस्पताल में ब्लड बैंक स्थापित किया जा रहा है. इससे मरीजों को सहूलियत होगी. अस्पताल काफी पुराना है. अस्पताल परिसर का नवीनीकरण हो रहा है. अस्पताल की जरूरत के सभी सामान में लाए गए हैं.

लोकबंधु अस्पताल के एमएस डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि 'ब्लड बैंक का काम चल रहा है. दो महीने में सारा काम हो जाएगा. इसकी आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि बहुत से मरीज अस्पताल में आते हैं, जिनकी स्थिति खराब रहती है. कई बार मरीज को दूसरे अस्पताल रेफर करना पड़ता है. ऐसे मरीजों को अस्पताल में भी काफी दिक्कत परेशानी होती है. मरीजों की सहूलियत को देखते हुए सरकार की ओर से लगभग एक करोड़ रुपए तक की लागत की मशीन की स्वीकृति प्राप्त हुई, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से धीरे-धीरे सामान आ रहा है. ब्लड बैंक को लेकर तैयारी पूरी हो चुकी है. कहां पर कौन सा रूम होगा. कहां पर ब्लड लिया जाएगा. कहां पर जांच होगी. यह सभी चीजें पहले से ही सोच ली गई हैं. पैथोलॉजी से सटा हुआ ही ब्लड बैंक बनाया जा रहा है, ताकि मरीजों को इधर से उधर भटकना न पड़े. ब्लड बैंक बन जाने के बाद अस्पताल से मरीजों को रेफर करने की स्थिति नहीं बनेगी.'

उन्होंने कहा कि 'यह अस्पताल काफी ज्यादा पुराना हो चुका है, इसलिए अस्पताल का नवीनीकरण किया जा रहा है. अस्पताल की जमीनें पहले सीमेंटेड थीं, लेकिन अब इसे मॉडिफाई किया जा रहा है. अस्पताल में सभी विभाग की ओपीडी का भी नवीनीकरण हो रहा है. अस्पताल परिसर में टाइल्स लग रहा है. समय के साथ नवीनीकरण होना बेहद जरूरी है. इसके अलावा अस्पताल में व्हीलचेयर, स्ट्रेचर, बेड, बेडशीट और अस्पताल की जरूरत के अन्य सामान भी मंगाए गए हैं. अस्पताल में इसकी आवश्यकता थी यह सामान पुराने हो चुके थे. नवीनीकरण के साथ-साथ इसका भी एक अहम रोल है.' बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि 'अस्पताल के बाहर अभी काम चल रहा है, जिसकी वजह से अस्पताल परिसर के भीतर वाहन खड़ा करने से मना किया गया है. सड़क के बाहर ही पार्किंग होने के कारण जाम लग रहा है. दो-चार दिन में यह काम पूरा हो जाएगा तो सड़क जाम की समस्या भी दूर हो जाएगी.'

यह भी पढ़ें : UP Civic Elections : सुभासपा ने जारी की मेयर प्रत्याशियों की लिस्ट, लखनऊ में अलका पांडे पर दांव

Last Updated : Apr 12, 2023, 6:19 PM IST
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