लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह ने शुक्रवार को कहा कि 'भ्रष्टाचार के आरोपों में जांच का सामना कर रहे विपक्षी दलों के नेताओं के पास केवल संवैधानिक संस्थाओं और आरोपों की जांच करने वाली संस्थाओं पर आरोप लगाने के सिवा कोई और एजेंडा नहीं है. अपनी करनी को छिपाने के लिए ये नेता लगातार झूठे आरोपों की राजनीति का खेल-खेल रहे हैं, लेकिन ऐसा करने से उनके पाप नहीं छिप जाएंगे.' उन्होंने कहा कि 'सपा मुखिया अखिलेश यादव भी इसी मुहिम के नेता के तौर पर आगे आये हैं, लेकिन वह ऐसा करने से पहले अपने शासन को देखें. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि अगर किसी ने कुछ गलत नहीं किया है तो उसे किसी से भी भयभीत होने की जरूरत नहीं है.'
भारतीय जनता पार्टी की ओर से जारी एक बयान में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह ने कहा कि 'सपा प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के मुंह से ऐसी बातें शोभा नहीं देतीं. समाजवादी पार्टी के शासनकाल में ही हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद भी खाद्यान्न घोटाले की जांच सीबीआई से कराने में हीलाहवाली हुई. यूपीपीएससी जैसी बेदाग़ संस्था जिसकी साख पूरे देश में थी को भी बदनाम कर दिया. ये वही समाजवादी पार्टी है जिसने राजभवन की गरिमा को भी तार-तार कर दिया था.'
उन्होंने कहा कि 'सपा प्रमुख को यह नहीं भूलना चाहिए कि उनकी सरपरस्ती में कैसे प्रदेश को लूटा गया, कैसे सरकार पोषित गुंडे प्रदेश की जनता की गाढ़ी कमाई पर डाका डालते थे. किस प्रकार घोटाले ही सुर्खियां बनते थे. उन्होंने घोटालों का नाम याद दिलाते हुए कहा कि खनन घोटाले के आरोपी तो सपा सरकार में मंत्री रहे उनके खिलाफ अभी भी सीबीआई की जांच चल रही है. जल निगम के भर्ती घोटाले में उनके 'चचाजान' भी आरोपी हैं. नोएडा में ज़मीन आवंटन घोटाले में उनके पसंदीदा अफ़सर के खिलाफ सीबीआई की जांच चल रही है. यूपीपीएससी में हुए भर्ती घोटाले की जांच भी सीबीआई के पास है. सपा शासनकाल में रिवर फ्रंट और जेपीएनआईसी घोटाला, लैपटॉप घोटाला, पुलिस भर्ती और समाजवादी पेंशन में भी बड़ा घोटाला हुआ. पशुपालन घोटाला, खाद्यान्न घोटाला, एम्बुलेंस घोटाला समेत ऐसे घोटालों की संख्या अनगिनत है, जिसमें आरोपी या तो समाजवादी पार्टी से जुड़े हैं या सपा मुखिया के करीबी हैं.'
उन्होंने कहा कि 'अब जब सरकार निकाय चुनाव कराने की दिशा में सभी संवैधानिक प्रक्रियाओं को पूरा कर पूरे मनोयोग से आगे बढ़ रही है तो सपा प्रमुख को पच नहीं रहा है. एक बार फिर निकाय चुनावों में जनता समाजवादी पार्टी को पटखनी देने जा रही है. वे नहीं जानते जनता उनके भ्रम व छलावे को ठीक से समझती है. इसलिए 2014, 2017, 2019, 2022 के लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों में विपक्षी दलों के मिथ्यारोपों का जवाब जनता ने बीजेपी को प्रचंड बहुमत देकर किया है. अब निकाय चुनावों और फिर बाद में 2024 के लोकसभा चुनावों में भी जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा को अपना आशीर्वाद और समर्थन देकर फिर से विजयी बनाएगी और विपक्षी दलों के मंसूबों पर पानी फेर देगी.
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