लखनऊ: भाजपा पंचायत चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. पार्टी ने पंचायत चुनाव के लिए पार्टी नेताओं को भी जिम्मेदारी दे दी है. पार्टी प्रदेश, क्षेत्र, जिला और बूथ स्तर तक माइक्रोमैनेजमेंट सिस्टम पर काम कर रही है. बीजेपी का कहना है कि वह पंचायत चुनाव पूरी ताकत के साथ लड़ेगी, लेकिन प्रधानी के चुनाव में जाने से भाजपा को गांव के स्तर पर लाभ से ज्यादा नुकसान दिखाई दे रहा है. लिहाजा इस बार प्रधानी का चुनाव लड़ने से भाजपा बचती दिखाई दे रही है.
चुनाव को लेकर बैठकों का दौर शुरू
भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक को पंचायत चुनाव प्रभारी घोषित किया है. इसके साथ ही पार्टी ने चुनाव को लेकर बैठकें भी शुरू कर दी हैं. इसी क्रम में प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह शुक्रवार को कानपुर में मंडल प्रभारियों की बैठक लेंगे. दोपहर दो बजे औरैया, इटावा, फर्रुखाबाद, कन्नौज के मंडल प्रभारियों की बैठक है. इसके बाद दोपहर 3:30 बजे द्वितीय सत्र में कानपुर उत्तर, कानपुर दक्षिण, कानपुर ग्रामीण, कानपुर देहात के मंडल प्रभारियों की बैठक लेंगे.
प्रधानी का चुनाव लड़ने पर स्थिति स्पष्ट नहीं
चुनाव सिंबल पर चुनाव लड़ने की बात पर डॉक्टर चंद्र मोहन ने कहा कि यह तय करना चुनाव आयोग का काम है. पार्टी इस पर निर्णय नहीं ले सकती है. चुनाव आयोग जैसे चुनाव कराएगा, उसी प्रक्रिया के तहत पार्टी भाग लेगी. अगर सिंबल पर चुनाव होंगे तो हम भी उसी के तहत लड़ेंगे. प्रधानी के चुनाव लड़ने पर डॉ चंद्र मोहन ने कहा कि अभी तक भाजपा ने संगठनात्मक रचना प्रदेश स्तर पर, क्षेत्र, जिला और मंडल स्तर पर बनाई है. आगे की चीजें अभी निर्धारित होंगी.
भाजपा के प्रदेश मंत्री डॉ चंद्रमोहन का मतलब साफ है. भाजपा अभी प्रधानी का चुनाव लड़ने पर बहुत स्पष्ट नहीं है, लेकिन पार्टी के ज्यादातर नेताओं का मानना है कि अगर प्रधानी का चुनाव लड़ा जाएगा तो उससे फायदा कम नुकसान होने की आशंका ज्यादा है.
2015 के पंचायत चुनाव में लड़ी थी भाजपा
गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल करने से उत्साहित भारतीय जनता पार्टी ने 2015 के पंचायत चुनाव में जाने का निर्णय किया था. पार्टी ने जिला पंचायत के लिए कुछ प्रत्याशियों की घोषणा भी की थी. बहुत जगहों पर पार्टी के कई कार्यकर्ता चुनाव मैदान में उतर गए थे, जिसको लेकर पार्टी को असहज भी होना पड़ा. पूरे मन से और बिना पूरी तैयारी के चुनाव में जाने की वजह से पार्टी को अपेक्षित उपलब्धि हासिल नहीं हुई थी, लेकिन तब पार्टी अपने को फायदे में ही देख रही थी. इस बार पार्टी पंचायत चुनाव को लेकर गंभीर है और जमीनी स्तर पर तैयारी कर रही है.