लखनऊः उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 से पहले मंगलवार को बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने लंच डिप्लोमेसी की. यह लंच डिप्लोमेसी उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आवास पर की गई. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि साढ़े चार साल से सीएम योगी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच मनमुटाव पर विराम लगाने की कवायद की गई है. जिससे आने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को नुकसान न उठाना पड़े.
सीएम योगी पहुंचेंगे बीजेपी दफ्तर
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष, यूपी बीजेपी प्रभारी राधा मोहन सिंह की शीर्ष नेताओं के साथ बीजेपी दफ्तर में बैठक आयोजित की गई है. शाम को बीएल संतोष ने योगी सरकार के मंत्रियों को भी बुलाया है. योगी के मंत्री अपना-अपना रिपोर्ट कार्ड देंगे. इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे.
केशव के आवास पर योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार दोपहर में उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य के सात कालिदास मार्ग स्थित आवास पहुंचे. बताया गया की सामान्य लंच डिप्लोमेसी थी, लेकिन सूत्रों का कहना है कि इस लंच डिप्लोमेसी के बहाने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बीच पिछले करीब साढ़े 4 साल से अधिक समय से चल रही खींचतान, मनमुटाव और अहम की लड़ाई को विराम देने की कवायद गई है.
आरएसएस और बीजेपी नेतृत्व के इशारे पर लंच डिप्लोमेसी
माना जा रहा है कि यह कयावद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के इशारे पर हुई है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल उपस्थिति में, मंगलवार को लंच डिप्लोमेसी के बहाने दोनों प्रमुख लोगों को साथ में बिठाया गया. साथ ही दोनों नेताओं के बीच के मतभेद को समाप्त करने की कोशिश की गई. जिससे विधानसभा चुनाव में एकजुटता का संदेश दिया जा सके.
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों में जब भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले राजधानी लखनऊ आए थे. तीन दिनों तक तमाम स्तरों पर महत्वपूर्ण बातचीत हुई थी. उस समय भी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच मनमुटाव सार्वजनिक हुए थे.
इसके बाद मुख्यंत्री योगी आदित्यनाथ दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी. मुलाकात के बाद लखनऊ आते ही सीएम योगी ने राजनीतिक नियुक्तियां करनी शुरू कर दी. इसके बाद संगठन के खाली पदों को भरा जाने लगा. इस बीच प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव ने बयान जारी किया कि 2022 का चुनाव बीजेपी योगी के नेतृत्व में ही लड़ेगी. इस बयान पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सीएम का चेहरा दिल्ली तय करेगा. तभी भी मना जा रहा था कि दोनों के बीच का मनमुटाव अभी कम नहीं हुआ है.
50 मिनट रुके योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आवास पर करीब 50 मिनट रुके. इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक अनिल कुमार, डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले भी उपस्थित रहे. लंच डिप्लोमेसी में शामिल रहे एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि वैसे तो यह उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बेटे योगेश मौर्य की विवाह के बाद आशीर्वाद देने के लिए दोपहर का भोज था, लेकिन बड़े लोगों की यह चिंता थी कि कैसे मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री के बीच पिछले लंबे समय से चल रही, खींचतान और मनमुटाव को कम किया जा सके. जिससे विधानसभा चुनाव में एकजुटता का संदेश दिया जा सके. आपस में बातचीत हुई है. कई विषयों पर, कई स्तरों पर, मतभेद रहे हैं. उन्हें दूर करने की यह कोशिश की गई है.