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संपत्ति मामले में टॉप पर भाजपा, BSP दूसरे तो तीसरे पर खिसकी कांग्रेस, जानें किसके पास है कितनी संपत्ति

भारतीय जनता पार्टी संपत्ति के मामले में देश की सबसे अमीर पार्टी बन गई है तो वहीं इस सूची में दूसरे स्थान पर बहुजन समाज पार्टी और तीसरे स्थान पर कांग्रेस है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की ओर से जारी वित्त वर्ष 2019-20 की विश्लेषण रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया. जिसमें बताया गया कि भाजपा के पास करीब पांच हजार करोड़ की संपत्ति है, जबकि उसके मुकाबले कांग्रेस के पास 588 करोड़ की संपत्ति है.

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Published : Jan 29, 2022, 8:32 AM IST

हैदराबाद: भाजपा देश की सबसे अमीर सियासी पार्टी बन गई है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (Association for Democratic Reforms) की एक रिपोर्ट के अनुसार भाजपा ने वित्त वर्ष 2019-20 में कुल 4,847.78 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है, जो सभी सियासी पार्टियों में सर्वाधिक है. वहीं, इस सूची में दूसरे स्थान पर बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) और तीसरे स्थान पर कांग्रेस का नाम है. रिपोर्ट के मुताबिक बहुजन समाज पार्टी के पास कुल 698.33 करोड़ रुपये और कांग्रेस ने 588.16 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है.

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (Association for Democratic Reforms) ने 2019-20 में राष्ट्रीय व क्षेत्रीय सियासी पार्टियों की संपत्ति और देनदारियों के विश्लेषण के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है. विश्लेषण के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान सात राष्ट्रीय और 44 क्षेत्रीय पार्टियों की ओर से घोषित कुल संपत्ति क्रमशः 6,988.57 करोड़ रुपये और 2,129.38 करोड़ रुपये थी. रिपोर्ट में कहा गया कि सातों राष्ट्रीय पार्टियों में सर्वाधिक संपत्ति भारतीय जनता पार्टी के पास है, जो 4847.78 करोड़ रुपये है. साथ ही उल्लेखित वित्तीय वर्ष में भाजपा की संपत्ति 69.37% है तो वहीं, बहुजन समाज पार्टी की कुल संपत्ति 698.33 करोड़ रुपये है, जो 9.99% है. इधर, इस सूची में तीसरे स्थान पर बनी कांग्रेस की कुल संपत्ति 588.16 करोड़ रुपये हैं.

जानें किसके पास है कितनी संपत्ति
जानें किसके पास है कितनी संपत्ति

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क्षेत्रीय पार्टियों में सपा सबसे अमीर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के मुताबिक 44 क्षेत्रीय पार्टियों में टॉप 10 पार्टियों की संपत्ति 2028.715 करोड़ रुपये या उन सभी की घोषित कुल संपत्ति का 95.27% थी. वित्तीय वर्ष 2019-20 में क्षेत्रीय पार्टियों में समाजवादी पार्टी की ओर से सर्वाधिक संपत्ति 563.47 करोड़ रुपये (26.46%) घोषित की गई. इसके बाद टीआरएस ने 301.47 करोड़ रुपये और अन्नाद्रमुक ने 267.61 करोड़ रुपये की संपत्ति की घोषणा की.

जानें किसके पास है कितनी संपत्ति
जानें किसके पास है कितनी संपत्ति

वित्तीय वर्ष 2019-20 में क्षेत्रीय पार्टियों की ओर से घोषित कुल संपत्ति में सावधि जमा/एफडीआर का हिस्सा सबसे अधिक 1,639.51 करोड़ रुपये (76.99%) था. वित्तीय वर्ष के लिए एफडीआर/सावधि जमा श्रेणी के तहत, भाजपा और बसपा ने क्रमश: 3,253.00 करोड़ रुपये और 618.86 करोड़ रुपये की घोषणा की जो सभी राष्ट्रीय दलों में पहले और दूसरे स्थान पर रहे, जबकि कांग्रेस ने 240.90 करोड़ रुपये इस श्रेणी में घोषित किए.

क्षेत्रीय पार्टियों में समाजवादी पार्टी (434.219 करोड़ रुपये), टीआरएस (256.01 करोड़ रुपये), अन्नाद्रमुक (246.90 करोड़ रुपये), द्रमुक (162.425 करोड़ रुपये), शिवसेना (148.46 करोड़ रुपये), बीजेडी (118.425 करोड़ रुपये) जैसी सियासी पार्टियों के एफडीआर/सावधि जमा के तहत उच्चतम संपत्ति घोषित करने वालों में शामिल हैं. वित्त वर्ष 2019-20 के लिए सात राष्ट्रीय और 44 क्षेत्रीय पार्टियों की ओर से घोषित कुल देनदारी 134.93 करोड़ रुपये है.

इसे भी पढ़ें - दूसरे चरण के चुनाव में 794 उम्मीदवारों ने किए नामांकन, नाम वापसी 31 जनवरी तक

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के मुताबिक, ''राष्ट्रीय पार्टियों ने वित्त वर्ष 2019-20 में 74.27 करोड़ रुपये की कुल देनदारियों की घोषणा की थी. राष्ट्रीय पार्टियों ने उधार के तहत 4.26 करोड़ रुपये और अन्य देनदारियों के तहत 70.01 करोड़ रुपये की घोषणा की. वित्त वर्ष 2019-20 में कांग्रेस ने 49.55 करोड़ रुपये (66.72%) की अधिकतम कुल देनदारियों की घोषणा की, इसके बाद एआईटीसी ने 11.32 करोड़ रुपये (15.24%) की देनदारी की घोषणा की.'' रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 में क्षेत्रीय पार्टी ने कुल 60.66 करोड़ रुपये की कुल देनदारी की घोषणा की है.

विश्लेषण के मुताबिक, ''क्षेत्रीय पार्टियों ने वित्त वर्ष 2019-20 में उधार के तहत 30.29 करोड़ रुपये और अन्य देनदारियों के तहत 30.37 करोड़ रुपये की घोषणा की, जिसमें टीडीपी ने 30.342 करोड़ रुपये (50.02%) की अधिकतम कुल देनदारियों की घोषणा की, इसके बाद डीएमके ने 8.05 करोड़ रुपये (13.27%) की देनदारी की घोषणा की है.''

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हैदराबाद: भाजपा देश की सबसे अमीर सियासी पार्टी बन गई है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (Association for Democratic Reforms) की एक रिपोर्ट के अनुसार भाजपा ने वित्त वर्ष 2019-20 में कुल 4,847.78 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है, जो सभी सियासी पार्टियों में सर्वाधिक है. वहीं, इस सूची में दूसरे स्थान पर बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) और तीसरे स्थान पर कांग्रेस का नाम है. रिपोर्ट के मुताबिक बहुजन समाज पार्टी के पास कुल 698.33 करोड़ रुपये और कांग्रेस ने 588.16 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है.

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (Association for Democratic Reforms) ने 2019-20 में राष्ट्रीय व क्षेत्रीय सियासी पार्टियों की संपत्ति और देनदारियों के विश्लेषण के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है. विश्लेषण के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान सात राष्ट्रीय और 44 क्षेत्रीय पार्टियों की ओर से घोषित कुल संपत्ति क्रमशः 6,988.57 करोड़ रुपये और 2,129.38 करोड़ रुपये थी. रिपोर्ट में कहा गया कि सातों राष्ट्रीय पार्टियों में सर्वाधिक संपत्ति भारतीय जनता पार्टी के पास है, जो 4847.78 करोड़ रुपये है. साथ ही उल्लेखित वित्तीय वर्ष में भाजपा की संपत्ति 69.37% है तो वहीं, बहुजन समाज पार्टी की कुल संपत्ति 698.33 करोड़ रुपये है, जो 9.99% है. इधर, इस सूची में तीसरे स्थान पर बनी कांग्रेस की कुल संपत्ति 588.16 करोड़ रुपये हैं.

जानें किसके पास है कितनी संपत्ति
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क्षेत्रीय पार्टियों में सपा सबसे अमीर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के मुताबिक 44 क्षेत्रीय पार्टियों में टॉप 10 पार्टियों की संपत्ति 2028.715 करोड़ रुपये या उन सभी की घोषित कुल संपत्ति का 95.27% थी. वित्तीय वर्ष 2019-20 में क्षेत्रीय पार्टियों में समाजवादी पार्टी की ओर से सर्वाधिक संपत्ति 563.47 करोड़ रुपये (26.46%) घोषित की गई. इसके बाद टीआरएस ने 301.47 करोड़ रुपये और अन्नाद्रमुक ने 267.61 करोड़ रुपये की संपत्ति की घोषणा की.

जानें किसके पास है कितनी संपत्ति
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वित्तीय वर्ष 2019-20 में क्षेत्रीय पार्टियों की ओर से घोषित कुल संपत्ति में सावधि जमा/एफडीआर का हिस्सा सबसे अधिक 1,639.51 करोड़ रुपये (76.99%) था. वित्तीय वर्ष के लिए एफडीआर/सावधि जमा श्रेणी के तहत, भाजपा और बसपा ने क्रमश: 3,253.00 करोड़ रुपये और 618.86 करोड़ रुपये की घोषणा की जो सभी राष्ट्रीय दलों में पहले और दूसरे स्थान पर रहे, जबकि कांग्रेस ने 240.90 करोड़ रुपये इस श्रेणी में घोषित किए.

क्षेत्रीय पार्टियों में समाजवादी पार्टी (434.219 करोड़ रुपये), टीआरएस (256.01 करोड़ रुपये), अन्नाद्रमुक (246.90 करोड़ रुपये), द्रमुक (162.425 करोड़ रुपये), शिवसेना (148.46 करोड़ रुपये), बीजेडी (118.425 करोड़ रुपये) जैसी सियासी पार्टियों के एफडीआर/सावधि जमा के तहत उच्चतम संपत्ति घोषित करने वालों में शामिल हैं. वित्त वर्ष 2019-20 के लिए सात राष्ट्रीय और 44 क्षेत्रीय पार्टियों की ओर से घोषित कुल देनदारी 134.93 करोड़ रुपये है.

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एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के मुताबिक, ''राष्ट्रीय पार्टियों ने वित्त वर्ष 2019-20 में 74.27 करोड़ रुपये की कुल देनदारियों की घोषणा की थी. राष्ट्रीय पार्टियों ने उधार के तहत 4.26 करोड़ रुपये और अन्य देनदारियों के तहत 70.01 करोड़ रुपये की घोषणा की. वित्त वर्ष 2019-20 में कांग्रेस ने 49.55 करोड़ रुपये (66.72%) की अधिकतम कुल देनदारियों की घोषणा की, इसके बाद एआईटीसी ने 11.32 करोड़ रुपये (15.24%) की देनदारी की घोषणा की.'' रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 में क्षेत्रीय पार्टी ने कुल 60.66 करोड़ रुपये की कुल देनदारी की घोषणा की है.

विश्लेषण के मुताबिक, ''क्षेत्रीय पार्टियों ने वित्त वर्ष 2019-20 में उधार के तहत 30.29 करोड़ रुपये और अन्य देनदारियों के तहत 30.37 करोड़ रुपये की घोषणा की, जिसमें टीडीपी ने 30.342 करोड़ रुपये (50.02%) की अधिकतम कुल देनदारियों की घोषणा की, इसके बाद डीएमके ने 8.05 करोड़ रुपये (13.27%) की देनदारी की घोषणा की है.''

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