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डॉक्टर रोकते रहे, घायल सांसद पुत्र को लेकर चल दिए परिजन - लीव अगेंस्ट मेडिकल एडवाइज.

लखनऊ में बीजेपी सांसद कौशल किशोर के बेटे पर फायरिंग के मामले में पुलिस लगातार नए खुलासे कर रही है. आयुष को घायल अवस्था में केजीएमयू के ट्रामा सेंटर लाया गया. यहां रात में इलाज के दौरान अजीब घटनाक्रम देखने को मिला.

केजीएमयू ट्रामा सेंटर
केजीएमयू ट्रामा सेंटर
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Published : Mar 3, 2021, 12:12 PM IST

लखनऊ: मोहनलालगंज से बीजेपी सांसद कौशल किशोर के बेटे पर फायरिंग के मामले में नया ट्विस्ट सामने आया है. लखनऊ पुलिस का दावा है कि सांसद के बेटे आयुष ने अपने साले से अपने ऊपर गोली चलवाई. आयुष को घायल अवस्था में केजीएमयू के ट्रामा सेंटर लाया गया. यहां रात में इलाज के दौरान अजीब घटनाक्रम देखने को मिला. गोली लगने के बावजूद आयुष भर्ती नहीं हुआ. परिवारीजन इसे लामा (लीव अगेंस्ट मेडिकल एडवाइज) कराकर चले गए. ऐसे में घटना को लेकर रात में ही स्टाफ में संशय गहरा गया.

लीव अगेंस्ट मेडिकल एडवाइज
लीव अगेंस्ट मेडिकल एडवाइज

रात में ही ले ली छुट्टी

केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर की इमरजेंसी में रात 2:30 बजे आयुष को लाया गया था. सांसद पुत्र के घायल होने पर सीनियर डॉक्टरों की टीम जुट गई. तत्काल एंटीजेन रेपिड कोविड टेस्ट कराया गया. कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने पर एक्स-रे कराया गया. इसके बाद 3 बजे उसे सर्जिकल वार्ड में शिफ्ट किया गया. सुबह 4:30 पर ड्रेसिंग और इंजेक्शन लगवाकर आयुष चला गया. इसी बीच ऊपरी तल पर शिफ्ट वार्ड से आयुष नीचे आया. परिजनों से आयुष की कुछ देर बात हुई. इसके बाद डॉक्टरों उन्होंने कहा कि घर जाना है.

लामा कराकर ले गए घर

ट्रॉमा के स्टाफ के मुताबिक परिजनों ने आयुष को भर्ती कराने से मना कर दिया. ऐसे में सादे कागज पर खुद को भाई बताकर विकास, किशोर और चचेरे भाई के तौर पर अमर ने हस्ताक्षर किए. इसमें आयुष को खुद की जिम्मेदारी पर अस्पताल से ले जाने की बात कही गई. वहीं दिक्कत होने पर डॉक्टर-नर्स की किसी भी जिम्मेदारी से इंकार किया. ट्रॉमा सेंटर के सीएमएस डॉ. संदीप तिवारी के मुताबिक आयुष के एक्सरे में गोली नहीं दिखी. गोली उसके कंधे के आर-पार हो गई. परिजनों ने मरीज की हालत ठीक बताकर लामा कराकर उसे ट्रॉमा सेंटर से लेकर चले गए.

लखनऊ: मोहनलालगंज से बीजेपी सांसद कौशल किशोर के बेटे पर फायरिंग के मामले में नया ट्विस्ट सामने आया है. लखनऊ पुलिस का दावा है कि सांसद के बेटे आयुष ने अपने साले से अपने ऊपर गोली चलवाई. आयुष को घायल अवस्था में केजीएमयू के ट्रामा सेंटर लाया गया. यहां रात में इलाज के दौरान अजीब घटनाक्रम देखने को मिला. गोली लगने के बावजूद आयुष भर्ती नहीं हुआ. परिवारीजन इसे लामा (लीव अगेंस्ट मेडिकल एडवाइज) कराकर चले गए. ऐसे में घटना को लेकर रात में ही स्टाफ में संशय गहरा गया.

लीव अगेंस्ट मेडिकल एडवाइज
लीव अगेंस्ट मेडिकल एडवाइज

रात में ही ले ली छुट्टी

केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर की इमरजेंसी में रात 2:30 बजे आयुष को लाया गया था. सांसद पुत्र के घायल होने पर सीनियर डॉक्टरों की टीम जुट गई. तत्काल एंटीजेन रेपिड कोविड टेस्ट कराया गया. कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने पर एक्स-रे कराया गया. इसके बाद 3 बजे उसे सर्जिकल वार्ड में शिफ्ट किया गया. सुबह 4:30 पर ड्रेसिंग और इंजेक्शन लगवाकर आयुष चला गया. इसी बीच ऊपरी तल पर शिफ्ट वार्ड से आयुष नीचे आया. परिजनों से आयुष की कुछ देर बात हुई. इसके बाद डॉक्टरों उन्होंने कहा कि घर जाना है.

लामा कराकर ले गए घर

ट्रॉमा के स्टाफ के मुताबिक परिजनों ने आयुष को भर्ती कराने से मना कर दिया. ऐसे में सादे कागज पर खुद को भाई बताकर विकास, किशोर और चचेरे भाई के तौर पर अमर ने हस्ताक्षर किए. इसमें आयुष को खुद की जिम्मेदारी पर अस्पताल से ले जाने की बात कही गई. वहीं दिक्कत होने पर डॉक्टर-नर्स की किसी भी जिम्मेदारी से इंकार किया. ट्रॉमा सेंटर के सीएमएस डॉ. संदीप तिवारी के मुताबिक आयुष के एक्सरे में गोली नहीं दिखी. गोली उसके कंधे के आर-पार हो गई. परिजनों ने मरीज की हालत ठीक बताकर लामा कराकर उसे ट्रॉमा सेंटर से लेकर चले गए.

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