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BJP विधायकों के धरने से योगी सरकार को लेकर असंतोष, नाराजगी उजागर - गाजियाबाद

गाजियाबाद के लोनी विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर का सरकार पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए विधान भवन में धरना देना और बीजेपी विधायकों का उनका समर्थन करना योगी सरकार को लेकर असंतोष जाहिर करता है.

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सीएम योगी (फाइल फोटो).
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Published : Dec 17, 2019, 10:44 PM IST

लखनऊ: गाजियाबाद के लोनी विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर का सरकार पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए विधान भवन में धरना देना और विधायक के समर्थन में बीजेपी के 170 से अधिक विधायकों के धरना की घटना ने बीजेपी के अंदर लखनऊ से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मचा दी है. बीजेपी के रणनीतिकार इस घटना के बाद डैमेज कंट्रोल में भी जुट गए. यूपी के संसदीय इतिहास में इस प्रकार की घटना कभी नहीं हुई कि सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक अपनी सरकार के खिलाफ वेल में आकर धरने पर बैठ गए हो.

जानकारी देते संवाददाता.

बीजेपी नेताओं कार्यकर्ताओं और विधायकों की तरफ से लगातार यह आरोप लगाए जाते रहे हैं कि उनकी सरकार में उनकी नहीं सुनी जा रही. नेताओं, कार्यकर्ताओं का लगातार उत्पीड़न हो रहा है.

जारी हुआ था कारण बताओ नोटिस
भाजपा के लोनी विधानसभा सीट से विधायक नंदकिशोर गुर्जर के ऊपर गाजियाबाद जिले के खाद्य सुरक्षा अधिकारी आशुतोष सिंह की तरफ से पिछले दिनों मुकदमा दर्ज कराया गया था. उन पर उनके साथ मारपीट का आरोप लगाया गया था. यह सब तब हुआ जब बीजेपी विधायकों के समर्थक ने आशुतोष सिंह के साथ मारपीट की थी.

बीजेपी विधायक ने दी संगठन को जानकारी
इस पूरी घटना के बाद बीजेपी विधायक ने सरकार और संगठन के महत्वपूर्ण लोगों को इसकी जानकारी दी कि अधिकारी भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं. उनका उत्पीड़न हो रहा है. बावजूद इसके बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की तरफ से विधायक को कारण बताओ नोटिस जारी की गई. भाजपा के प्रदेश महामंत्री विद्यासागर की तरफ से उन्हें नोटिस जारी करने की जानकारी भी दी गई थी, जिसका एक सप्ताह में जवाब मांगा गया था.

बीजेपी विधायक ने दिया नोटिस का जवाब
बीजेपी विधायक ने नोटिस का जवाब दिया. उसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया. अधिकारी की तरफ से उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया. विधान भवन के अंदर धरने की घटना ने बीजेपी के अंदर के असंतोष और नाराजगी को सबके सामने ला दिया है.

बीजेपी विधायक ने लगाए आरोप
बीजेपी विधायक की तरफ से जो एक अधिकारी के ऊपर आरोप लगाए थे. भ्रष्टाचार की बात कही गई थी. उसके खिलाफ कार्रवाई के बजाय उसे ही दबाने का काम किया गया. कारण बताओ नोटिस जारी की गई और इसी नाराजगी के चलते विधायक ने विधान भवन पर धरना दिया और उसके समर्थन में पार्टी के 170 से अधिक विधायक धरने पर बैठ गए.

भाजपा ने बयान देने से किया इंकार
बीजेपी के अंदर असंतोष नाराजगी और विधायकों के धरने को लेकर जब भी ईटीवी भारत ने बीजेपी का पक्ष जानने की कोशिश की तो बीजेपी के किसी भी नेता और प्रवक्ता ने इस घटनाक्रम पर बोलने से साफ-साफ मना कर दिया.

लखनऊ: गाजियाबाद के लोनी विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर का सरकार पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए विधान भवन में धरना देना और विधायक के समर्थन में बीजेपी के 170 से अधिक विधायकों के धरना की घटना ने बीजेपी के अंदर लखनऊ से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मचा दी है. बीजेपी के रणनीतिकार इस घटना के बाद डैमेज कंट्रोल में भी जुट गए. यूपी के संसदीय इतिहास में इस प्रकार की घटना कभी नहीं हुई कि सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक अपनी सरकार के खिलाफ वेल में आकर धरने पर बैठ गए हो.

जानकारी देते संवाददाता.

बीजेपी नेताओं कार्यकर्ताओं और विधायकों की तरफ से लगातार यह आरोप लगाए जाते रहे हैं कि उनकी सरकार में उनकी नहीं सुनी जा रही. नेताओं, कार्यकर्ताओं का लगातार उत्पीड़न हो रहा है.

जारी हुआ था कारण बताओ नोटिस
भाजपा के लोनी विधानसभा सीट से विधायक नंदकिशोर गुर्जर के ऊपर गाजियाबाद जिले के खाद्य सुरक्षा अधिकारी आशुतोष सिंह की तरफ से पिछले दिनों मुकदमा दर्ज कराया गया था. उन पर उनके साथ मारपीट का आरोप लगाया गया था. यह सब तब हुआ जब बीजेपी विधायकों के समर्थक ने आशुतोष सिंह के साथ मारपीट की थी.

बीजेपी विधायक ने दी संगठन को जानकारी
इस पूरी घटना के बाद बीजेपी विधायक ने सरकार और संगठन के महत्वपूर्ण लोगों को इसकी जानकारी दी कि अधिकारी भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं. उनका उत्पीड़न हो रहा है. बावजूद इसके बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की तरफ से विधायक को कारण बताओ नोटिस जारी की गई. भाजपा के प्रदेश महामंत्री विद्यासागर की तरफ से उन्हें नोटिस जारी करने की जानकारी भी दी गई थी, जिसका एक सप्ताह में जवाब मांगा गया था.

बीजेपी विधायक ने दिया नोटिस का जवाब
बीजेपी विधायक ने नोटिस का जवाब दिया. उसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया. अधिकारी की तरफ से उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया. विधान भवन के अंदर धरने की घटना ने बीजेपी के अंदर के असंतोष और नाराजगी को सबके सामने ला दिया है.

बीजेपी विधायक ने लगाए आरोप
बीजेपी विधायक की तरफ से जो एक अधिकारी के ऊपर आरोप लगाए थे. भ्रष्टाचार की बात कही गई थी. उसके खिलाफ कार्रवाई के बजाय उसे ही दबाने का काम किया गया. कारण बताओ नोटिस जारी की गई और इसी नाराजगी के चलते विधायक ने विधान भवन पर धरना दिया और उसके समर्थन में पार्टी के 170 से अधिक विधायक धरने पर बैठ गए.

भाजपा ने बयान देने से किया इंकार
बीजेपी के अंदर असंतोष नाराजगी और विधायकों के धरने को लेकर जब भी ईटीवी भारत ने बीजेपी का पक्ष जानने की कोशिश की तो बीजेपी के किसी भी नेता और प्रवक्ता ने इस घटनाक्रम पर बोलने से साफ-साफ मना कर दिया.

Intro:एंकर लखनऊ। गाजियाबाद के लोनी विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर का सरकार पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए विधान भवन में धरना देना और बीजेपी विधायक के समर्थन में भाजपा के 170 से अधिक विधायकों के धरना की घटना ने बीजेपी के अंदर लखनऊ से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मचा दी बीजेपी के रणनीतिकार इस घटना के बाद डैमेज कंट्रोल में भी जुट गए। विधानमंडल के अंदर यूपी के लिए इतिहास बनाने का काम कर दिया यूपी के संसदीय इतिहास में इस प्रकार की घटना कभी नहीं हुई कि सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक अपनी सरकार के खिलाफ वेल में आकर धरने पर बैठ गए हो।


Body:वीओ जानकार इस पूरी घटना को लेकर कहते हैं कि बीजेपी और योगी सरकार को लेकर जिस प्रकार से विधायकों, नेताओं और कार्यकर्ताओं के अंदर असंतोष, नाराजगी और खींचतान मची है उसे इस घटना ने उजागर कर दिया है। अधिकारियों की तानाशाही औऱ भाजपा नेताओं के उत्पीड़न को लेकर जो चर्चा है वह असंतोष नाराजगी और खींचतान को न सिर्फ उजागर किया है बल्कि इससे bjp की पोल भी खोल दी है। भारतीय जनता पार्टी के 170 से अधिक विधायकों का विधान भवन के अंदर धरने पर बैठने की घटना ने बीजेपी के अंदर के असंतोष और नाराजगी को भी सता पर लाकर छोड़ दिया इस पूरे घटनाक्रम ने लखनऊ से दिल्ली तक न सिर्फ हड़कंप मचा दिया बल्कि पार्टी को चिंतित भी कर दिया कि आखिर उत्तर प्रदेश में क्या हो रहा है पिछले लंबे समय से यूपी सरकार और संगठन को लेकर हो रही चर्चा का अंजाम क्या होगा लोग तरह-तरह की चर्चाएं भी करने लगे हैं। बीजेपी नेताओं कार्यकर्ताओं और विधायकों की तरफ से लगातार यह आरोप लगाए जाते रहे हैं कि उनकी सरकार में उनकी नहीं सुनी जा रही अधिकारी मनोबल हो गए हैं और नेताओं कार्यकर्ताओं का लगातार उत्पीड़न हो रहा है अब इस पूरी घटना ने सब कुछ सामने लाकर छोड़ दिया है। बाईट, अशोक राजपूत, राजनीतिक विश्लेषक सबसे महत्वपूर्ण यह है कि ऐसा कभी उत्तर प्रदेश की विधानसभा के इतिहास में नहीं हुआ पिछले तीन-चार दशकों में सत्तापक्ष के विधायकों को अपनी बात कहने के लिए धरना लेना पड़े और विधान सभा के अंदर धरने पर बैठना पड़े सबसे महत्वपूर्ण यह भी हो गया कि उसे पूरी तरह विपक्ष ने भी समर्थन कर दिया और विपक्ष के समर्थन हो जाने से सत्ता पक्ष के लिए यह हो गई राजनीतिक स्थितियां दूरगामी परिणाम की ओर संकेत कर रही हैं प्रदेश में जो कुछ नाराजगी असंतोष है उसका निपटारा जोड़ा जाए तो ठीक रहेगा।


Conclusion:भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने जारी किया था कारण बताओ नोटिस भारतीय जनता पार्टी के लोनी विधानसभा सीट से विधायक नंदकिशोर गुर्जर के ऊपर गाजियाबाद जिले के खाद्य सुरक्षा अधिकारी आशुतोष सिंह की तरफ से पिछले दिनों मुकदमा दर्ज कराया गया था उन पर उनके साथ मारपीट का आरोप लगाया गया था यह सब तब हुआ जब बीजेपी विधायकों के समर्थक ने आशुतोष सिंह के साथ मारपीट की थी। भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारी पर कार्रवाई के बजाय नोटिस देने से उपजी नाराजगी बनी धरने की वजह इस पूरी घटना के बाद बीजेपी विधायक ने सरकार और संगठन के महत्वपूर्ण लोगों को इसकी जानकारी दी कि अधिकारी भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं और उनका उत्पीड़न हो रहा है बावजूद इसके बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की तरफ से विधायक को कारण बताओ नोटिस जारी की गई भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री विद्यासागर की तरफ से उन्हें नोटिस जारी करने की जानकारी भी दी गई थी जिसका 1 सप्ताह में जवाब मांगा गया था बीजेपी विधायक ने नोटिस का जवाब दिया और उसमें उन्होंने विधिवत अपनी बात सामने रख दी और कहा था कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया और अधिकारी की तरफ से उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया और उत्पीड़न हो रहा है। कुल मिलाकर आज विधान भवन के अंदर धरने की घटना ने बीजेपी के अंदर के असंतोष और नाराजगी को सबके सामने लाकर छोड़ दिया बीजेपी विधायक की तरफ से जो एक अधिकारी के ऊपर आरोप लगाए थे भ्रष्टाचार की बात कही गई थी उसके खिलाफ कार्रवाई के बजाय उसे ही दबाने का काम किया गया कारण बताओ नोटिस जारी की गई और इसी नाराजगी के चलते विधायक ने विधान भवन पर धरना दिया और उसके समर्थन में पार्टी के 170 से अधिक विधायक धरने पर बैठ गए बीजेपी संगठन और सरकार के बीच समानता और फेल मैनेजमेंट को भी उजागर कर दिया। भाजपा ने बयान देने से किया इंकार बीजेपी के अंदर असंतोष नाराजगी और विधायकों के धरने को लेकर जब भी टीवी भारत ने बीजेपी के पक्ष जानने की कोशिश की तो बीजेपी के किसी भी नेता और प्रवक्ता ने इस घटनाक्रम पर बोलने से साफ साफ मना कर दिया। धीरज त्रिपाठी, 9453099555
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