लखनऊ: गाजियाबाद के लोनी विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर का सरकार पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए विधान भवन में धरना देना और विधायक के समर्थन में बीजेपी के 170 से अधिक विधायकों के धरना की घटना ने बीजेपी के अंदर लखनऊ से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मचा दी है. बीजेपी के रणनीतिकार इस घटना के बाद डैमेज कंट्रोल में भी जुट गए. यूपी के संसदीय इतिहास में इस प्रकार की घटना कभी नहीं हुई कि सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक अपनी सरकार के खिलाफ वेल में आकर धरने पर बैठ गए हो.
बीजेपी नेताओं कार्यकर्ताओं और विधायकों की तरफ से लगातार यह आरोप लगाए जाते रहे हैं कि उनकी सरकार में उनकी नहीं सुनी जा रही. नेताओं, कार्यकर्ताओं का लगातार उत्पीड़न हो रहा है.
जारी हुआ था कारण बताओ नोटिस
भाजपा के लोनी विधानसभा सीट से विधायक नंदकिशोर गुर्जर के ऊपर गाजियाबाद जिले के खाद्य सुरक्षा अधिकारी आशुतोष सिंह की तरफ से पिछले दिनों मुकदमा दर्ज कराया गया था. उन पर उनके साथ मारपीट का आरोप लगाया गया था. यह सब तब हुआ जब बीजेपी विधायकों के समर्थक ने आशुतोष सिंह के साथ मारपीट की थी.
बीजेपी विधायक ने दी संगठन को जानकारी
इस पूरी घटना के बाद बीजेपी विधायक ने सरकार और संगठन के महत्वपूर्ण लोगों को इसकी जानकारी दी कि अधिकारी भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं. उनका उत्पीड़न हो रहा है. बावजूद इसके बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की तरफ से विधायक को कारण बताओ नोटिस जारी की गई. भाजपा के प्रदेश महामंत्री विद्यासागर की तरफ से उन्हें नोटिस जारी करने की जानकारी भी दी गई थी, जिसका एक सप्ताह में जवाब मांगा गया था.
बीजेपी विधायक ने दिया नोटिस का जवाब
बीजेपी विधायक ने नोटिस का जवाब दिया. उसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया. अधिकारी की तरफ से उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया. विधान भवन के अंदर धरने की घटना ने बीजेपी के अंदर के असंतोष और नाराजगी को सबके सामने ला दिया है.
बीजेपी विधायक ने लगाए आरोप
बीजेपी विधायक की तरफ से जो एक अधिकारी के ऊपर आरोप लगाए थे. भ्रष्टाचार की बात कही गई थी. उसके खिलाफ कार्रवाई के बजाय उसे ही दबाने का काम किया गया. कारण बताओ नोटिस जारी की गई और इसी नाराजगी के चलते विधायक ने विधान भवन पर धरना दिया और उसके समर्थन में पार्टी के 170 से अधिक विधायक धरने पर बैठ गए.
भाजपा ने बयान देने से किया इंकार
बीजेपी के अंदर असंतोष नाराजगी और विधायकों के धरने को लेकर जब भी ईटीवी भारत ने बीजेपी का पक्ष जानने की कोशिश की तो बीजेपी के किसी भी नेता और प्रवक्ता ने इस घटनाक्रम पर बोलने से साफ-साफ मना कर दिया.