गोपाल जी का राजनीतिक सफर : आशुतोष टंडन गोपाल जी अपने पिता लालजी टंडन की राजनीतिक विरासत को संभाले हुए थे. 2012 में उन्होंने पहली बार लखनऊ उत्तर क्षेत्र से चुनाव लड़ा जहां उनको पराजय का सामना करना पड़ा था. वर्ष 2014 में कलराज मिश्रा जब सांसद बन गए तब लखनऊ पूर्वी क्षेत्र में उपचुनाव हुए जहां से गोपाल जी टंडन ने जीत हासिल की और वह पहली बार विधायक बने. इसके बाद में वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव और वर्ष 2022 की विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने लगातार दो बार चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. वर्ष 2017 से 22 के बीच में मंत्री रहे और अलग-अलग समय पर उन्होंने चिकित्सा स्वास्थ्य और उसके बाद नगर विकास विभाग का जिम्मा संभाला. वर्ष 2019 में जब उनके पिता लालजी टंडन का निधन हुआ था. उसी समय वह बीमार होना शुरू हो गए थे वह कैंसर से पीड़ित हो गए. बताया जाता है कि इसी वजह से वर्ष 2022 में जीत के बावजूद उनको मंत्री नहीं बनाया गया. बीते करीब तीन महीने से वह लगातार मेदांता अस्पताल में भर्ती थे, जहां उन्होंने गुरुवार की दोपहर 12:05 बजे अंतिम सांस ली.
विधानसभा अध्यक्ष ने जताया शोक : विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने पूर्व मंत्री एवं विधायक आशुतोष टंडन के निधन पर दु:ख व्यक्त किया है. विधानसभा अध्यक्ष ने अपने शोक संदेश में कहा है कि यह हमारी निजी क्षति है. उनके निधन से प्रदेश की राजनीति में शून्यता आई है. मैं जो महसूस कर रहा हूं उन भावों को शब्दों से वर्णन नहीं कर सकता हूं. ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें तथा शोक संतप्त परिजनों को इस अपार दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने आशुतोष टंडन के निधन पर शोक व्यक्त किया है. अखिलेश ने कहा है कि आशुतोष टंडन का निधन अत्यंत दुःखद है. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें. साथ ही शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त की हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य डॉ. दिनेश शर्मा दिवंगत गोपाल टंडन के आवास के सामने खड़े होकर गुमसुम नजर आ रहे थे. उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक गोपाल टंडन की शव यात्रा के दौरान वहां पर एक सामान्य व्यक्ति की तरह खड़े हुए थे. कांग्रेस की नेता और विधायक आराधना मिश्रा मोना पैदल शव यात्रा के पीछे चल रही थीं. भाजपा के अनेक नेता गोपाल जी को याद करते हुए शव यात्रा में शामिल थे. सोंधी टोला से लेकर बाजार काली जी तक अधिकांश दुकानें बंद थीं. बिहार मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल लालजी टंडन की राजनीतिक विरासत आशुतोष टंडन उर्फ़ गोपाल जी कम उम्र में ही इस दुनिया को विदा कह गए. चौक स्थित आवास से लेकर गुलाला घाट तक वाहनों का काफिला नजर आ रहा था. हर जुबान पर बस एक ही बात थी, सभी के लिए हर वक्त पर खड़े होने वाले आशुतोष टंडन का मुस्कुराता चेहरा अब नहीं नजर आएगा. उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक शव यात्रा को ले जाने वाले वाहन के ऊपर खड़े होकर गुलाला घाट तक पहुंचे. भाई अमित टंडन ने गुलाला घाट पर आशुतोष टंडन को मुखाग्नि दी. इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता डा. दिनेश शर्मा, कांग्रेस की विधायक आराधना मिश्रा मोना के अलावा पूर्व महापौर डा. संयुक्ता भाटिया, अनेक लोग मौजूद रहे.
पूरा चौक बाजार रहा बंद हर और गम का माहौल : गोपाल जी टंडन के निधन को देखते हुए पूरा चौक सर्राफा और चिकन बाजार लगभग बंद नजर आ रहा था. इसके अलावा बाजार काली जी मिर्जा मंडी, कोणेश्वर चौराहा के आसपास की भी ज्यादातर दुकानें बंद रखी गईं. आशुतोष टंडन की शव यात्रा में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग भी नजर आए.
वोट डालकर बोले कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन, 'सभी सीटों पर होगी BJP की जीत'