लखनऊ: आम आदमी पार्टी (आप) नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने योगी सरकार के जल शक्ति विभाग में करोड़ों के पाइप आपूर्ति घोटाले का आरोप लगाया है. संजय सिंह के आरोप लगाने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है. जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह के हमले के बाद मंगलवार को बस्ती की हरैया विधानसभा सीट से भाजपा विधायक अजय सिंह ने आप सांसद संजय सिंह के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में तहरीर दी है. विधायक ने आरोप लगाया कि सांसद संजय सिंह ने गलत तरीके से नाम लेकर कूटरचित दस्तावेजों के साथ मीडिया को दिखाया है. इससे उनकी और उनकी पार्टी की छवि खराब की है. विधायक ने जल्द मुकदमा दर्ज कर सांसद संजय सिंह की गिरफ्तारी की मांग की है.
भाजपा विधायक अजय सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जिस लेटर का जिक्र किया था, वह फर्जी है. उन्होंने 2017 से पहले जब उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार थी, उस समय विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर सवाल उठाया था. उस समय जलशक्ति विभाग नहीं बना था. उनके उस लेटर को फर्जी तरीके से संजय सिंह ने मीडिया को दिखाकर उनकी और उनकी पार्टी की छवि खराब की है. भाजपा विधायक ने कहा कि संजय सिंह ने चेक डैम घोटाले के कागजात दिखाकर पाइप आपूर्ति घोटाला बताया है. संजय सिंह ने कूटरचित दस्तावेज बनाकर फ्रॉड किया है. कानूनी धाराओं के अंतर्गत संजय सिंह पर कार्रवाई की जानी चाहिए.
सांसद संजय सिंह ने की थी CBI जांच की मांग
बता दें कि बीते रविवार को लखनऊ में आम आदमी पार्टी (आप) नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने योगी सरकार के जलकल विभाग में करोड़ों के घोटाले का आरोप लगाते हुए यूपी के कई राज्यों में ब्लैक लिस्टेड कंपनी से कमीशन लेकर काम देने का आरोप लगाया था. संजय सिंह ने मीडिया को बताया था कि 'जल जीवन मिशन' एक पवित्र मिशन है. पानी पिलाना पुण्य का काम है, लेकिन यूपी की योगी सरकार ने इसमें भी बड़ा घोटाला किया है. जल ही दोहन की तर्ज पर अपने मंत्रियों और अफसरों को इस योजना में भी लूट करने की खुली छूट दी थी. आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने इस पूरे मामले में CBI जांच की मांग करते हुए कहा था कि एक हफ्ते में कार्रवाई नहीं हुई तो आम आदमी पार्टी पूरे प्रदेश में आंदोलन करेगी.
यह है योजना
केंद्र की मोदी सरकार ने बुंदेलखंड समेत उत्तर प्रदेश के तमाम शहरों में लोगों को पीने के लिए साफ पानी मुहैया कराने के उद्देश्य से 'जल जीवन मिशन' की शुरुआत की. मिशन में 1 लाख 20 हजार करोड़ रुपये के बजट से पाइपलाइन बिछाई जा रही है. 1 लाख 20 हजार करोड़ के बजट में 60 हजार करोड़ भारत सरकार को देना है और 60 हजार करोड़ राज्य सरकार को देना है. पूरे मिशन को 3 फाइनेंशियल ईयर में पूरा किया जाना है, लेकिन साल 2020-21 में काम तो जमीन पर जीरो है.
जिसे टेंडर दिया वो दागी कंपनी
अब आम आदमी पार्टी का आरोप था कि इस योजना के तहत कोलकाता की दागी कंपनी रश्मि मेटालिक्स प्राइवेट लिमिटेड को डीआई पाइप सप्लाई करने का काम दिया गया. रश्मि मेटालिक्स वह कंपनी है, जिसके पाइप की खराब गुणवत्ता के चलते देश के तमाम राज्यों ने ब्लैक लिस्ट कर दिया है. संजय सिंह का आरोप है कि इस दागी कंपनी को ओडिशा, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, झारखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ और जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ भारतीय सेना ने भी ब्लैक लिस्ट कर रखा है. इसके साथ ही केंद्रीय जांच एजेंसी सेंट्रल इकोनामिक इंटेलिजेंस ब्यूरो ने कोलकाता की रश्मि मेटेलिक्स को बोगस यानी फर्जी इंवेस्टमेंट कंपनी बताया. संजय सिंह का आरोप है मोटे कमीशन के लिए ही उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह और उनके अफसरों ने चिट्ठी लिखकर रश्मि मेटेलिक्स के पाइप खरीदने का आदेश जारी किया था.