लखनऊ : लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भारतीय जनता पार्टी ने 80 सीटों के लिए खास रणनीति बनाई है, जिसको लेकर विशेष अभियान जून से शुरू होगा. निकाय चुनाव के समाप्त होते ही भाजपा लोकसभा की तैयारियों में जुट जाएगी. सूत्रों की मुताबिक, हर चीज के लिए एक विशेष रणनीति बनाई जा रही है, ताकि एक भी सीट का भाजपा को नुकसान न हो. भारतीय जनता पार्टी जुलाई-अगस्त में केंद्रीय चुनाव प्रभारी की नियुक्ति भी कर देगी, जबकि जमीनी तैयारियां जून में ही शुरू हो जाएंगी. भारतीय जनता पार्टी अपने लोकसभा सम्मेलनों का आयोजन करना शुरू कर देगी. इसी मिशन पर काम किया जा रहा है. ऐसे में हर चीज के लिए एक खास रणनीति बनाई जा रही है, ताकि पार्टी हर हाल में जीत हासिल कर सके.
लोकसभा की रायबरेली सीट लंबे समय से कांग्रेस और गांधी परिवार के कब्जे में रही है. इसी तरह से अमेठी सीट भी 2019 तक कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है. मगर 2019 में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को हराकर अमेठी सीट पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा करा दिया था. इस बार भाजपा के निशाने पर फिर रायबरेली सीट है. भारतीय जनता पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि इस बार रायबरेली सीट पर भाजपा किसी बड़े नेता को दिल्ली से उतारेगी. इस बार रायबरेली सीट को जीतने के लिए भारतीय जनता पार्टी रणनीति बना रही है. रायबरेली तो बस एक बानगी भर है, ऐसी ही कठिन सीटों के लिए अलग-अलग रणनीतियां बनाकर भाजपा जीत की ओर बढ़ने का प्रयास करेगी. इसका एक और उदाहरण पीलीभीत सीट है. पीलीभीत की सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने हाल ही में समाजवादी पार्टी से बड़ा चेहरा अपने पाले में कर लिया है. 6 बार के विधायक और पीलीभीत से लोकसभा चुनाव लड़ चुके पूर्व समाजवादी नेता रहे हेमराज वर्मा अब भाजपा में आ चुके हैं. लंबे समय से वरुण गांधी बगावती तेवर अपना रहे हैं. ऐसे में हेमराज वर्मा भारतीय जनता पार्टी का पीलीभीत से नया चेहरा हो सकते हैं.
सूत्रों के मुताबिक, सुलतानपुर सीट पर भी भारतीय जनता पार्टी अपने एक कद्दावर विधायक को चुनाव लड़ा सकती है. इस सीट पर मेनका गांधी को टिकट मिलने की संभावना ना के बराबर है. ऐसे में भाजपा को यहां भी एक मजबूत चेहरा चाहिए. लखनऊ की एक सीट से क्षत्रिय विधायक जिला सुल्तानपुर में काफी प्रभाव रहा है, उनका नाम पार्टी में जोरों से चल रहा है. गाज़ीपुर सीट पर भी भारतीय जनता पार्टी बड़ा प्रयोग करने जा रही है. इसी पर अफजाल अंसारी सांसद रहे हैं, जिनकी सदस्यता जा चुकी है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी एक बड़े नेता को गाजीपुर से चुनाव लड़ा सकती है. इस संबंध में तेजी से बातचीत जारी है और लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले सुहेलदेव समाज पार्टी और भाजपा के साथ में गठबंधन भी हो सकता है. इसी तरह से अलग-अलग सीटों पर अलग-अलग तरीके की रणनीति भाजपा अपना सकती है.
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक विजय उपाध्याय ने बताया कि 'निश्चित तौर पर भारतीय जनता पार्टी अलग रणनीति से काम करेगी. इस बार बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी का गठबंधन नहीं है जो कि 2019 में था. ऐसे में वर्तमान में जो 66 सीटें भाजपा के पास हैं उनमें 14 और जोड़ लेना कोई बड़ी बात नहीं है. भाजपा निश्चित तौर पर इसके लिए जबरदस्त प्रयास कर रही है.'
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