लखनऊ: सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के ईवीएम की सुरक्षा के बयान पर अब भाजपा के वरिष्ठ नेता एक के बाद एक पलटवार करने में लगे हैं. इसी कड़ी में यूपी के वरिष्ठ मंत्री और सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह अखिलेश यादव पर तीखे वार किए और कहा कि उन्हें पहले ही उम्मीद थी कि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के परिणामों से ठीक पहले ही समाजवादी पार्टी ईवीएम पर सवाल उठाएगी और अपनी हार का ठीकरा हमेशा की तरह ईवीएम पर ही फोड़ेगी. अखिलेश यादव का एसे बयान देकर 'खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे' की कहावत को साफ तौर पर चरितार्थ कर रहे हैं.
सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आगे कहा कि अगर अखिलेश यादव ने अपनी सरकार के कार्यकाल में काम कर जनता का विश्वास जीता होता तो उन्हें चुनाव परिणाम के दो दिन पहले ऐसे अनर्गल बयान नहीं देने पड़ते. इतना ही नहीं यूपी जैसे बड़े राज्य में इतने निष्पक्ष शांतिपूर्ण चुनाव होने के बावजूद अखिलेश फालतू आरोप लगा कर बेवजह जनता को भड़काने का प्रयास कर रहे हैं. इसके साथ ही अखिलेश यादव पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि 'हां हार सामने देखकर यह बात समझी जा सकती है कि सपा के पास अब ईवीएम का रोना-रोने के सिवा और कोई रास्ता नहीं बचा है.'
यह भी पढ़ें- अपराध के समुद्र में युवा जमकर खा रहे है गोते, आंकड़े दे रहे हैं गवाही
वहीं, यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी अखिलेश यादव के लोगों को लोकतंत्र बचाने के लिए क्रांति करनी होगी वाले बयान पर ट्वीट करते हुए हमला बोला है. उन्होंने कहा कि परिवारवादी लोग क्रांति करके लोकतंत्र बचाने की बात कर रहे हैं. जबकि परिवारवाद से लोकतंत्र को बचाने का काम केवल भारतीय जनता पार्टी ही कर रही है.
भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने प्रेस वार्ता के दौरान अखिलेश यादव द्वारा भाजपा पर लगाए गए आरोपों पर कहा कि एग्जिट पोल के रुझान देखकर उनका बदहवास हो जाना स्वाभाविक है. पहले उनका ओपिनियन पोल पर भरोसा नहीं था. लेकिन अब उन्हें एग्जिट पोल, मीडिया, प्रशासनिक मशीनरी और निर्वाचन आयोग पर भी भरोसा नहीं है. अब 10 मार्च को अखिलेश यादव का ईवीएम से भरोसा भी उठ जाएगा.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप