लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के रेपकांड के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के निलंबन और निष्कासन से पहले जमकर फजीहत हुई. वहीं दूसरे मामले में भी भारतीय जनता पार्टी अभी तक मौन साधे हुए है. करीब पांच साल पहले हत्याकांड के आरोपी और पिछले महीने जेल भेजे गए विधायक अशोक चंदेल को पार्टी से निकालाना हो या उनके खिलाफ दूसरी कार्रवाई किए जाने को लेकर भाजपा मौन साधे हुए है.
भाजपा क्यों कर रही कार्रवाई से परहेज ?
- हमीरपुर से बीजेपी के विधायक अशोक सिंह चंदेल के ऊपर करीब 22 साल पहले हत्याकांड को लेकर न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
- कुछ दिनों तक विधायक फरार रहे और फिर आत्मसमर्पण कर दिया, तब से लेकर अशोक सिंह चंदेल जेल में बंद हैं.
- विधानसभा से भी आरोपी विधायक की सदस्यता समाप्त कर दी गई, लेकिन बीजेपी अशोक सिंह चंदेल के खिलाफ किसी प्रकार की नोटिस या निलंबन की कार्रवाई नहीं कर पाई.
- इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी इस तरह के मामलों में कार्रवाई से क्यों बचती रहती है.
- सवाल यह भी उठते हैं कि जब न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुना दी तो फिर बीजेपी की तरफ से कार्रवाई करने में देरी क्यों?
आपराधिक मामले में कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और वह जेल में भी बंद हैं. विधानसभा से भी उनकी सदस्यता समाप्त हो चुकी है. ऐसे में अब उनसे न तो कोई संबंध है और न ही सरोकार.
-हरिश्चंद्र श्रीवास्तव, प्रवक्ता, भाजपा
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भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता भले ही है दावा करें कि वह जेल में बंद है और उनकी विधानसभा से सदस्यता जेल में जाने की वजह से खत्म हो गई है, लेकिन सवाल तो यह है कि पार्टी की तरफ से उनके खिलाफ कार्रवाई या फिर नोटिस देने की औपचारिकता क्यों नहीं पूरी की गई.