लखनऊ: लखीमपुर कांड (Lakhimpur violence case) हो या इससे पहले के अभियान. भारतीय जनता पार्टी (BJP) उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को आगे बढ़ने का मौका दे रही है. पार्टी की महासचिव व प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के कार्यक्रमों में जिस तरह से प्रदेश सरकार का व्यवहार होता है. उससे माना जा रहा है कि प्रियंका को लगातार अतिरिक्त मीडिया कवरेज मिल रहा है. पहले उनके कार्यक्रमों को रोकना फिर उसकी इजाजत देना. उनको तीन दिन तक हिरासत में रखना. कहीं न कहीं इस बात के संकेत हैं कि भाजपा इन्हीं सब मुद्दों के जरिए कांग्रेस को बढ़ा रही है. जानकार मानते हैं कि भाजपा चाहती है कि विपक्ष में कांग्रेस के साथ ही कुछ अन्य दल मजबूती से लड़ें. इससे सपा (Samjwadi Party) कमजोर होगी और भाजपा की राह आसान होने की संभावना है.
इससे पहले हाथरस कांड, उन्नाव और अब लखीमपुर में भी प्रियंका के राजनीति एजेंडे को भारतीय जनता पार्टी हवा दे रही है, जिससे प्रियंका गांधी और कांग्रेस को बढ़िया मीडिया कवरेज मिलता है. कांग्रेस का जनाधार उत्तर प्रदेश में 1989 के बाद से लगातार नीचे आया है. उसको विधानसभा चुनाव 2022 के लिए मजबूत प्रतिद्वंद्वी के तौर पर खुद भाजपा ही तैयार कर रही है. भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस बार चुनाव में भाजपा सीधे-सीधे समाजवादी पार्टी का सामना करने से बचना चाहती है. इसलिए पार्टी कांग्रेस को और असदुद्दीन ओवैसी को मजबूती से लड़ते देखना चाहती है, जिसके जरिए भारतीय जनता पार्टी भाजपा विरोधी वोटों को बांटना चाहती है.
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भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय चौधरी ने इस बारे में बताया कि प्रियंका गांधी एक बड़े राजनैतिक परिवार से रही हैं. इसलिए मीडिया में उनको फुटेज अधिक मिलती है. इसमें भाजपा का कोई लेना देना नहीं है, लेकिन प्रियंका गांधी का यह दौरा कोई असर नहीं दिखा सकेगा.
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