ETV Bharat / state

लोकसभा उपचुनाव: रामपुर में आज़म को घेरने का बीजेपी प्लान, दलित चेहरे पर लगाया दांव

आजम खान के इस्तीफे से खाली हुई रामपुर सीट से बीजेपी ने घनश्याम लोधी को उम्मीदवार बनाया है. चलिए जानते हैं आखिर पार्टी ने उन पर यह दांव क्यों खेला?

Etv bharat
कभी आजम के करीबी रहे घनश्याम लोधी पर इस वजह से बीजेपी ने रामपुर में खेला दांव
author img

By

Published : Jun 4, 2022, 4:13 PM IST

Updated : Jun 4, 2022, 7:54 PM IST

हैदराबादः आजम खान के इस्तीफे से खाली हुई रामपुर सीट से बीजेपी ने घनश्याम लोधी को उम्मीदवार बनाया है. पार्टी ने रामपुर में दलित चेहरे पर दांव चला है.

घनश्याम लोधी पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कल्याण सिंह के काफी करीबी रह चुके हैं. 1999 में वह भाजपा छोड़कर बसपा में शामिल हो गए थे, उन्होंने लोकसभा चुनाव भी लड़ा था लेकिन जीत नहीं सके थे. 2004 में जब कल्याण सिंह ने राष्ट्रीय क्रांति पार्टी बनाई थी तो घनश्याम लोधी उसमें शामिल हो गए थे. राष्ट्रीय क्रांति पार्टी ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करके घनश्याम को बरेली-रामपुर एमएलसी सीट से अपना प्रत्याशी बनाया था. वह जीत भी गए थे. 2009 में वह बसपा में शामिल हो गए थे. 2011 में उन्होंने सपा का दामन थाम लिया था. 2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने सपा के लिए जमकर प्रचार किया. 2022 के चुनाव में वह सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए. बीजेपी ने उन्हें दलित चेहरे के रूप में लोकसभा उपचुनाव के लिए उम्मीदवार बना दिया.

आजम खान के करीबी भी रह चुके
घनश्याम लोधी को आजम खान का बेहद करीबी माना जाता है. जब घनश्याम सपा में थे तो उन्होंने आजम खान के साथ कई चुनाव में मिलकर प्रचार किया. कभी इन्हें आजम खान के विश्वस्त लोगों में एक कहा जाता था.

बीजेपी ने खेली ये 'चाल'
बीजेपी के रणनीतिकार अच्छी तरह से जानते हैं कि आजम खान को रामपुर में हराना बेहद मुश्किल है. ऐसे में पार्टी ने कभी उनके विश्वस्त रहे घनश्याम लोधी को चुना है. पार्टी जानती है कि वह आजम खान की हर रणनीति से अच्छी तरह से वाकिफ हैं और वह रामपुर में पूरी दमदारी के साथ चुनाव लड़ सकते हैं. दलित चेहरा होना भी पार्टी के लिए अच्छा माना जा रहा है. भाजपा को उम्मीद है कि यहां सपा से जुड़े लोधी वोटर भी अब उसके पाले में आ जाएंगे.
2019 के लोकसभा चुनाव में रामपुर में 10,54,344 वोटर थे. उस चुनाव में 63.17 फीसदी मतदान हुआ था. आजम खान को 5,59,177 वोट मिले थे. बीजेपी उम्मीदवार 4,49,180 वोट मिले थे. बीजेपी को उम्मीद है कि इस बार पार्टी आजमगढ़ से अच्छा प्रदर्शन कर सकती है. दलित उम्मीदवार होने का पार्टी को काफी फायदा मिल सकता है.

सपा आजम खान की बहू को उतार सकती है
रामपुर की सीट से सपा आजम खान की बहू सादिया खान को लोकसभा उपचुनाव में उतार सकती है. आजम खान की तबीयत इस वक्त ठीक नहीं है. वह दिल्ली के निजी अस्पताल में भर्ती हैं. बीते दिनों अखिलेश यादव उनसे मिलने गए थे. उस दौरान ही संकेत मिले थे कि वह सपा लोकसभा उपचुनाव के लिए सादिया खान को अपना उम्मीदवार बना सकती है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

हैदराबादः आजम खान के इस्तीफे से खाली हुई रामपुर सीट से बीजेपी ने घनश्याम लोधी को उम्मीदवार बनाया है. पार्टी ने रामपुर में दलित चेहरे पर दांव चला है.

घनश्याम लोधी पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कल्याण सिंह के काफी करीबी रह चुके हैं. 1999 में वह भाजपा छोड़कर बसपा में शामिल हो गए थे, उन्होंने लोकसभा चुनाव भी लड़ा था लेकिन जीत नहीं सके थे. 2004 में जब कल्याण सिंह ने राष्ट्रीय क्रांति पार्टी बनाई थी तो घनश्याम लोधी उसमें शामिल हो गए थे. राष्ट्रीय क्रांति पार्टी ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करके घनश्याम को बरेली-रामपुर एमएलसी सीट से अपना प्रत्याशी बनाया था. वह जीत भी गए थे. 2009 में वह बसपा में शामिल हो गए थे. 2011 में उन्होंने सपा का दामन थाम लिया था. 2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने सपा के लिए जमकर प्रचार किया. 2022 के चुनाव में वह सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए. बीजेपी ने उन्हें दलित चेहरे के रूप में लोकसभा उपचुनाव के लिए उम्मीदवार बना दिया.

आजम खान के करीबी भी रह चुके
घनश्याम लोधी को आजम खान का बेहद करीबी माना जाता है. जब घनश्याम सपा में थे तो उन्होंने आजम खान के साथ कई चुनाव में मिलकर प्रचार किया. कभी इन्हें आजम खान के विश्वस्त लोगों में एक कहा जाता था.

बीजेपी ने खेली ये 'चाल'
बीजेपी के रणनीतिकार अच्छी तरह से जानते हैं कि आजम खान को रामपुर में हराना बेहद मुश्किल है. ऐसे में पार्टी ने कभी उनके विश्वस्त रहे घनश्याम लोधी को चुना है. पार्टी जानती है कि वह आजम खान की हर रणनीति से अच्छी तरह से वाकिफ हैं और वह रामपुर में पूरी दमदारी के साथ चुनाव लड़ सकते हैं. दलित चेहरा होना भी पार्टी के लिए अच्छा माना जा रहा है. भाजपा को उम्मीद है कि यहां सपा से जुड़े लोधी वोटर भी अब उसके पाले में आ जाएंगे.
2019 के लोकसभा चुनाव में रामपुर में 10,54,344 वोटर थे. उस चुनाव में 63.17 फीसदी मतदान हुआ था. आजम खान को 5,59,177 वोट मिले थे. बीजेपी उम्मीदवार 4,49,180 वोट मिले थे. बीजेपी को उम्मीद है कि इस बार पार्टी आजमगढ़ से अच्छा प्रदर्शन कर सकती है. दलित उम्मीदवार होने का पार्टी को काफी फायदा मिल सकता है.

सपा आजम खान की बहू को उतार सकती है
रामपुर की सीट से सपा आजम खान की बहू सादिया खान को लोकसभा उपचुनाव में उतार सकती है. आजम खान की तबीयत इस वक्त ठीक नहीं है. वह दिल्ली के निजी अस्पताल में भर्ती हैं. बीते दिनों अखिलेश यादव उनसे मिलने गए थे. उस दौरान ही संकेत मिले थे कि वह सपा लोकसभा उपचुनाव के लिए सादिया खान को अपना उम्मीदवार बना सकती है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

Last Updated : Jun 4, 2022, 7:54 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.