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भाजपा के जीत का आधार बना फ्री राशन, अब 2024 तक योजना चलाने की तैयारी

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में भारतीय जनता पार्टी की जीत का आधार बना राशन वितरण योजना 2024 तक चलाने की रणनीति बनाई जा रही है. सूत्रों के अनुसार शपथ ग्रहण के बाद इस योजना का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा.

राशन वितरण योजना.
राशन वितरण योजना.
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Published : Mar 17, 2022, 3:30 PM IST

लखनऊः यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में भारतीय जनता पार्टी की जीत के पीछे एक बड़ा कारण राशन वितरण योजना थी. भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने प्रदेश के गरीब वर्ग से जुड़े लोगों के भोजन की व्यवस्था करने के लिए निशुल्क राशन वितरण का बड़े मात्रा पर अभियान चलाया और जिससे एक बड़ा लाभार्थी वर्ग तैयार हुआ. जो बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के पीछे सबसे बड़ा कारण था.

विधानसभा चुनाव के दौरान इसकी हर तरफ चर्चा थी. अब जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन चुकी है सिर्फ सरकार गठन की कवायद बची है. इससे पहले ही उत्तर प्रदेश में शासन स्तर पर 2024 तक निशुल्क राशन वितरण को लेकर एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार हो रहा है.शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ईटीवी भारत को बताया कि बीजेपी ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान गरीबों को निशुल्क आगे भी वितरित करने की बात करती रही है. अब जब सरकार बन गई है तो इस वर्ग को निशुल्क राशन वितरण को लेकर बड़े स्तर पर तैयारी है. शासन स्तर पर इसको लेकर एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. सरकार गठन और शपथ ग्रहण के बाद कभी भी इसका ऐलान हो सकता है.

सूत्रों के अनुसार बीजेपी सरकार ने तय किया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव तक इस योजना को निरंतर बरकरार रखा जाएगा. जिससे गरीब वर्ग में बीजेपी की पकड़ और पहुंच बरकरार रहे और बीजेपी को पॉलिटिकली बड़ा माइलेज मिलता रहे. फिलहाल मार्च 2022 तक निशुल्क राशन वितरण की योजना चल रही है. जिसे आगे बढ़ाकर 2024 तक किए जाने का प्रस्ताव तैयार हो चुका है. शासन स्तर पर शपथ ग्रहण कार्यक्रम के बाद कभी भी इस पर मुहर लगते हुए कैबिनेट से प्रस्ताव पास करा दिया जाएगा.

इसे भी पढ़ें-PM मोदी की हरी झंडी मिलने पर तय होगी यूपी सीएम के शपथ ग्रहण समारोह की तारीख

शासन के उच्च स्तरीय सूत्रों के मुताबिक शासन स्तर पर इस बात पर मंथन चल रहा है कि इस योजना को लोकसभा चुनाव तक बढ़ाया जाए. धीरे-धीरे करके छह छह महीने के लिए इस योजना को आगे बढ़ाने के प्रस्ताव पर कैबिनेट से मंजूरी ली जाएगी. इस प्रस्ताव के अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के अंतर्गत दिए जाने वाले खाद्यान्न यानी गेहूं और चावल के अलावा 1 लीटर तेल 1 किलो चना और नमक वितरण की व्यवस्था है. अब आगे भी इसे ही आगे बढ़ाने की बात प्रस्ताव में की गई है.

विधानसभा चुनाव परिणाम पर एक नजर

अभी तक उत्तर प्रदेश में जो गरीब परिवारों को खाद्यान्न दिया जा रहा है, उसमें अंत्योदय कार्ड धारकों को 35 किलो अनाज और पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों को प्रति यूनिट 5 किलो यानी कि 3 किलो गेहूं व 2 किलो चावल प्रति यूनिट दिया जाता है. अब इस पूरी योजना को 2024 तक किए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है और इसे 6 महीने के लिए आगे बढ़ाते हुए लोकसभा चुनाव तक ले जाने की बात कही जा रही है. जिससे भारतीय जनता पार्टी की सरकार को सियासी लाभ मिल सके. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 15 करोड़ गरीब खाद्यान्न योजना के लाभार्थी हैं जिन्हें निशुल्क राशन मुहैया कराया जा रहा है.

लखनऊः यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में भारतीय जनता पार्टी की जीत के पीछे एक बड़ा कारण राशन वितरण योजना थी. भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने प्रदेश के गरीब वर्ग से जुड़े लोगों के भोजन की व्यवस्था करने के लिए निशुल्क राशन वितरण का बड़े मात्रा पर अभियान चलाया और जिससे एक बड़ा लाभार्थी वर्ग तैयार हुआ. जो बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के पीछे सबसे बड़ा कारण था.

विधानसभा चुनाव के दौरान इसकी हर तरफ चर्चा थी. अब जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन चुकी है सिर्फ सरकार गठन की कवायद बची है. इससे पहले ही उत्तर प्रदेश में शासन स्तर पर 2024 तक निशुल्क राशन वितरण को लेकर एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार हो रहा है.शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ईटीवी भारत को बताया कि बीजेपी ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान गरीबों को निशुल्क आगे भी वितरित करने की बात करती रही है. अब जब सरकार बन गई है तो इस वर्ग को निशुल्क राशन वितरण को लेकर बड़े स्तर पर तैयारी है. शासन स्तर पर इसको लेकर एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. सरकार गठन और शपथ ग्रहण के बाद कभी भी इसका ऐलान हो सकता है.

सूत्रों के अनुसार बीजेपी सरकार ने तय किया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव तक इस योजना को निरंतर बरकरार रखा जाएगा. जिससे गरीब वर्ग में बीजेपी की पकड़ और पहुंच बरकरार रहे और बीजेपी को पॉलिटिकली बड़ा माइलेज मिलता रहे. फिलहाल मार्च 2022 तक निशुल्क राशन वितरण की योजना चल रही है. जिसे आगे बढ़ाकर 2024 तक किए जाने का प्रस्ताव तैयार हो चुका है. शासन स्तर पर शपथ ग्रहण कार्यक्रम के बाद कभी भी इस पर मुहर लगते हुए कैबिनेट से प्रस्ताव पास करा दिया जाएगा.

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शासन के उच्च स्तरीय सूत्रों के मुताबिक शासन स्तर पर इस बात पर मंथन चल रहा है कि इस योजना को लोकसभा चुनाव तक बढ़ाया जाए. धीरे-धीरे करके छह छह महीने के लिए इस योजना को आगे बढ़ाने के प्रस्ताव पर कैबिनेट से मंजूरी ली जाएगी. इस प्रस्ताव के अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के अंतर्गत दिए जाने वाले खाद्यान्न यानी गेहूं और चावल के अलावा 1 लीटर तेल 1 किलो चना और नमक वितरण की व्यवस्था है. अब आगे भी इसे ही आगे बढ़ाने की बात प्रस्ताव में की गई है.

विधानसभा चुनाव परिणाम पर एक नजर

अभी तक उत्तर प्रदेश में जो गरीब परिवारों को खाद्यान्न दिया जा रहा है, उसमें अंत्योदय कार्ड धारकों को 35 किलो अनाज और पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों को प्रति यूनिट 5 किलो यानी कि 3 किलो गेहूं व 2 किलो चावल प्रति यूनिट दिया जाता है. अब इस पूरी योजना को 2024 तक किए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है और इसे 6 महीने के लिए आगे बढ़ाते हुए लोकसभा चुनाव तक ले जाने की बात कही जा रही है. जिससे भारतीय जनता पार्टी की सरकार को सियासी लाभ मिल सके. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 15 करोड़ गरीब खाद्यान्न योजना के लाभार्थी हैं जिन्हें निशुल्क राशन मुहैया कराया जा रहा है.

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